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संपादकीय

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा :  21 वीं सदी का भारत इक्कीस ही सिद्ध हो रहा है

जब सारी दुनिया कोरोना संकट की भयावह स्थितियों से जूझ रही है और हमारे देश के पड़ोस में अफगानिस्तान में फिर एक कट्टरपंथी सरकार अस्तित्व में आकर विश्व के लिए एक नए तनाव को जन्म दे रही है, तब प्रधानमंत्री श्री मोदी का अमेरिका दौरा अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। हमेशा की तरह प्रधानमंत्री […]

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विविधा

एक आर्टिकल और दस घंटे* *लेखक की मेहनत अनमोल है*

आम व्यक्ति के विश्वास से परे है, उसकी कल्पना से भी परे। आम आदमी विश्वास ही नहीं कर सकता है कि एक साधारण आर्टिकल लिखने में एक लेखक को दस घंटे लग सकते हैं। पर मुझे एक आर्टिकल लिखने मे दस घंटे लग गये। विषय था ‘‘ दीनदयाल उपाध्याय के सपनों का भारत ‘‘। दो […]

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महत्वपूर्ण लेख

नागालैंड : विपक्षहीन सरकार का खतरनाक प्रयोग

डॉ. दीपक पाचपोर नागालैंड एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है जहां मानवाधिकार सम्बन्धी कई मसले हैं। वहां ऐसे प्रयोग जनता के खिलाफ ही जायेंगे। सीमावर्ती होने के नाते यह राज्य संवेदनशील भी है। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिये कि लोकतंत्र का जन्म ही विरोध से हुआ है। एक लम्बी लड़ाई के जरिये इंग्लैंड में राजशाही […]

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कविता हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताओं से अंग्रेज भी घबराते थे

अमृता गोस्वामी  कवि दिनकर की प्रारंभिक रचनाएं उनके काव्य संग्रह ‘प्राणभंग’ और ‘विजय संदेश’ थे जो उन्होंने 1928 में लिखे थे। इसके बाद दिनकर ने कई प्रसिद्ध रचनाएं लिखीं जिनमें रेणुका, ‘परशुराम की प्रतीक्षा’, ‘हुंकार’ और ‘उर्वशी’ काफी प्रचलित रचनाएं हैं। हिंदी साहित्य में रामधारी सिंह दिनकर को उनकी राष्ट्र प्रेम और ओजस्वी कविताओं के […]

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कृषि जगत

भगवान भरोसे होते जाता भारत का किसान

देविंदर शर्मा वर्ष 1995 में विश्व व्यापार संगठन के वजूद में आने के कुछ दिन बाद, मुझे लंदन के ‘द इकोलॉजिस्ट’ ने भारतीय और यूरोपियन किसान के बीच तुलनात्मक लेख लिखने को आमंत्रित किया था। इसके पीछे मंशा यह जानने की थी कि भारत के खेतों में फसल उगाने के लिए होने आने वाला खर्च […]

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आओ कुछ जाने

दलित शब्द के उपयोग से क्यों रोका जा रहा है ? क्या है ‘दलित’ का शाब्दिक अर्थ ?

राकेश सैन दलित शब्द का शाब्दिक अर्थ है- दलन किया हुआ। भारतीय वांगमय में दलित का अर्थ शंकराचार्य जी ने मधुराष्टकम् में द्वैत से लिया है। उन्होंने ‘दलितं मधुरं’ कहकर श्रीकृष्ण को सम्बोधित किया, उनके कहने का अर्थ है कि श्रीकृष्ण जी के पांवों तले दली गई या कुचली गई हर वस्तु मधुर है। पंजाब […]

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देश विदेश

बदले हालात में तालिबान के लिए शासन करना आसान नहीं, गृहयुद्ध की ओर बढ़ सकता है अफगानिस्तान

अशोक मधुप  तालिबान को काबुल की सत्ता चाहिए थी, वह उसे मिल गई। अब उसे किसी से कोई वास्ता नहीं। वैसे भी पूरी दुनिया से मदद लेनी है तो उसे ये साबित करना पड़ेगा कि न उसका कोई आका है। न सरपस्त। वह अपने निर्णय खुद ले रहे हैं। बीस साल में तालिबान के चेहरे […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन,  अध्याय – 11 (1) राजा दाहिर की रानी का बलिदान

भारत के क्षत्रिय धर्म के बारे में महाभारत में बड़ा  विशद विवेचन किया गया है। वहाँ पर बताया गया है कि सभी पुरुष देखने में तो समान ही होते हैं, परन्तु युद्धभूमि में जब सैनिकों के परस्पर लड़ने – भिड़ने का समय आता है और चारों ओर से वीरों की पुकार होने लगती है, उस […]

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राजनीति

अखिलेश जी आपने परिवार द्वारा, परिवार के लिए, परिवार का शासन बना दिया*

🙏बुरा मानो या भला —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” मीडिया के हवाले से ख़बर मिली है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि “भाजपा के कारण लोकतंत्र कमजोर हुआ है।” यहाँ एक प्रश्न श्री अखिलेश यादव से बनता है कि महोदय क्या मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे गुंडों-माफियाओं के बलबूते […]

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महत्वपूर्ण लेख

राष्ट्र गौरव के प्रतीकों को देना होगा उचित सम्मान

ललित गर्ग देश के वास्तविक इतिहास, आजादी के सच्चे योद्धाओं, ऐतिहासिक धरोहरों, हिन्दू परंपराओं और प्रतीकों के प्रति कांग्रेसी दुराग्रह ने इतिहास एवं ऐतिहासिक घटनाओं को धुंधलाया है। इस देश की उत्कृष्ट परंपराओं और विचारों को दकियानूसी और पिछड़ा करार दिया गया। योग, आयुर्वेद और संस्कृत भाषा के प्रति जो दुराग्रह रहा, उसका परिणाम हुआ […]

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