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पश्चिम और दक्षिण भारत के राज्यों में उच्च प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय

डॉ. हनुमन्त यादव

भारत की छठवीं पंचवर्षीय योजना के समाप्त होने पर भी भारत के सभी सामान्य राज्यों में इन राज्यों द्वारा निचली पायदान पर कायम रहने के कारण प्रो. राजकृष्णा ने अपने आलेख में इन राज्यों को बीमारू राज्य शब्द से इंगित किया था। बिहार, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के विभाजन के बावजूद बिहार के साथ झारखंड तथा मध्यप्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ भी निम्न प्रति व्यक्ति आमदनी वाले राज्यों में बने हुए हैं और आगे भी बने रहने की संभावना है।

भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वन मंत्रालय द्वारा प्रकाशित राज्यों की घरेलू उत्पाद के 11 अगस्त 2021 को संशोधित जारी आंकड़ों के अनुसार विभिन्न राज्यों की दर्शाई गई स्थिति के संदर्भ पर यहां चर्चा की जाएगी। चर्चा के लिए भारत के राज्यों को तीन भागों में विभाजित किया गया है : पहला सामान्य राज्य, दूसरा, उत्तर-पूर्व के जनजाति बहुल राज्य और तीसरा, दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे केन्द्र शासित राज्य। भारत के सामान्य राज्यों की संख्या 21 है। सबसे पहले राज्य के सकल घरेलू उत्पाद तथा इसके बाद राज्यों की प्रति व्यक्ति आय के बारे में चर्चा की जाएगी। राज्य की निवल घरेलू उत्पाद को जनसंख्या से भाग देने पर प्रति व्यक्ति आय प्राप्त की जाती है।

राज्यों में सबसे अधिक सकल घरेलू उत्पाद महाराष्ट्र राज्य का 26.61 लाख करोड़ रुपये है जो 370 बिलियन डॉलर के समकक्ष है सकल घरेलू उत्पाद में दूसरा, तमिलनाडु 20.92 लाख करोड़ रुपये, तीसरा, उत्तरप्रदेश 17.05 लाख करोड़ रुपये, चौथा, पश्चिम बंगाल 16.69 लाख करोड़ रुपये, पांचवा, गुजरात 16.48 लाख करोड़ रुपये, छठवां, कर्नाटक 16.29 लाख करोड़ रुपये, सातवां, राजस्थान 10.21 लाख करोड़ रुपये, आठवां, आन्ध्रप्रदेश 9.78 लाख करोड़ रुपये, नौवां, तेलंगाना 9.69 लाख करोड़ रुपये तथा दसवां मध्यप्रदेश 9.09 लाख करोड़ रुपये है। नीची सकल घरेलू उत्पाद राज्यों में हिमाचल प्रदेश 1.56 लाख करोड रुपये तथा गोवा 0.82 लाख करोड़ रुपये है। उत्तर-पूर्व के आदिवासी बहुल राज्यों में सभी का सकल घरेलू उत्पाद 0.60 लाख करोड़ रुपये से नीचा है। दिल्ली राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 7.98 लाख करोड़ रुपये और चंडीगढ़ का 0.42 लाख करोड़ रुपये है।

भारत की प्रति व्यक्ति निवल घरेलू उत्पाद अर्थात प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय 1,63,080 रुपये है, जो 2191 यूएस डॉलर के बराबर है। यह आय पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। इस प्रकार कोरोना महामारी प्रसार के बावजूद भारत की प्रति व्यक्ति आय अधिक रही है। भारत के 21 सामान्य राज्यों में सबसं अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले 5 राज्य हैं : गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु। गोवा की प्रति व्यक्ति आय 4,35,960 रुपये है जो 7032 यूएस डॉलर के समकक्ष है और प्रति व्यक्ति आय में ब्राजील की प्रति व्यक्ति आय के बराबर है। प्रति व्यक्ति आय में दूसरे स्थान पर हरियाणा है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय 2,39,535 रुपये है जो 3,764 यूएस डॉलर के समकक्ष है। तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय 2,26,632 रुपये 3368 यूएस डॉलर के समकक्ष है। कर्नाटक की प्रति व्यक्ति आय 2,26,796 रुपये है, जो 3358 यूएस डॉलर के मूल्य के बराबर है। तमिलनाडु राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2,25,106 रुपये है, जो 3600 यूएस डॉलर के समकक्ष है।

प्रति व्यक्ति आय में भारत के राज्यों में छठवें स्थान पर केरल है। केरल के बाद क्रमश: गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, और पंजाब राज्य हैं, इन सभी राज्यों की प्रति व्यक्ति भारत की प्रति व्यक्ति आय 1,63,080 रुपये से अधिक है। प्रति व्यक्ति आय में केरल 2,21,904 रुपये, गुजरात 2,13,936 रुपये, उत्तराखंड 2,02,895 रुपये, और महाराष्ट्र 2,02,130 रुपये है। 2 लाख रुपये से नीची एवं 1 लाख रुपये से अधिक प्रति व्यक्ति के राज्य ये हैं, इनकी प्रति व्यक्ति आय इस प्रकार है- हिमाचल प्रदेश 1,93,286 रुपये, आंध्रप्रदेश 1,70,215 रुपये, पंजाब 1,71,359 रुपये। भारत की प्रति व्यक्ति आय से नीची आय वाले राज्य इस प्रकार हैं – पश्चिम बंगाल 1,21,267 रुपये, राजस्थान 1,09,886 रुपये, ओडिशा 1,09,330 रुपये और छत्तीसगढ़ 1,04,493 रुपये है। 1 लाख रुपये से नीची प्रति व्यक्ति आय वाले 5 राज्य इस प्रकार हैं – मध्यप्रदेश 98,418 रुपये, असम 86,801 रुपये, झारखंड 75,587 रुपये, और उत्तरप्रदेश 62,652 रुपये है।

बिहार राज्य की प्रति व्यक्ति आय सभी राज्यों में सबसे नीची 46,292 रुपये है। इस प्रकार भारत में राज्यों की प्रति व्यक्ति आय में शीर्ष पर गोवा है और सबसे नीचे बिहार है। पश्चिम भारत और दक्षिण भारत के सभी राज्यों की प्रति व्यक्ति आय भारत की प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय 1,63,080 रुपये से अधिक है। पूर्वी भारत और मध्यभारत के राज्यों की प्रति व्यक्ति आय सबसे नीची है। उत्तर-पूर्व के राज्यों में सिक्किम की संस्कृति की भूटान के समान सनातन मानी जाती है और राज्य की प्रति व्यक्ति आय को गोवा के समान इन राज्यों में शीर्ष पर है। सिक्किम की प्रति व्यक्ति आय 4,24,454 रुपये है जो 6545 यूएस डॉलर के बराबर होती है। उत्तरपूर्व के जनजाति बहुल राज्यों में मिजोरम की प्रति व्यक्ति आय 1,87,327 रुपये, अरुणांचल प्रदेश 1,69,742 रुपये , त्रिपुरा 1,29,995 रुपये, नागालैंड 1,20,518 रुपये, मेघालय 82,182 रुपये और मणिपुर 84,746 रुपये है। राज्यों के तीसरे वर्ग में देश की राजधानी दिल्ली सबसे बेहतर स्थिति में है। दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 3,54,004 रुपए है। चंडीगढ़ की प्रति व्यक्ति आय 3,30,015 और पुडुचेरी की प्रति व्यक्ति आय 2,21,467 रुपए है।

2019-20 की तुलना में 2020-21 वर्ष में कोरोना के प्रभाव के कारण औद्योगिक उत्पादन में कमी आने के कारण हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड और उत्तरप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में कमी आई है। दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के होते हुए भी तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्यों में प्रति व्यक्ति आय पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष में अधिक रही है। वर्ष 2021-22 में कोरोना के प्रकोप में कमी आने के कारण औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र के उत्पादन में तेजी आने के कारण सभी राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद बढ़ने से राज्यों के प्रति व्यक्ति आय बढ़ने की संभावना है।

निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि पश्चिम भारत और दक्षिण भारत के राज्य उच्च प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों के रूप में दशकों से बने हुए हैं और आगे भी उनके इस श्रेणी में बने रहने की संभावना है। दूसरी ओर बिहार, मध्यप्रदेश, असम, राजस्थान, ओडिशा, उत्तरप्रदेश ये राज्य 40 साल की विकास योजनाओं के बावजूद निम्न प्रति व्यक्ति वाले राज्य बने हुए हैं। भारत की छठवीं पंचवर्षीय योजना के समाप्त होने पर भी भारत के सभी सामान्य राज्यों में इन राज्यों द्वारा निचली पायदान पर कायम रहने के कारण प्रो. राजकृष्णा ने अपने आलेख में इन राज्यों को बीमारू राज्य शब्द से इंगित किया था। बिहार, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के विभाजन के बावजूद बिहार के साथ झारखंड तथा मध्यप्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ भी निम्न प्रति व्यक्ति आमदनी वाले राज्यों में बने हुए हैं और आगे भी बने रहने की संभावना है।

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