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बिखरे मोती

मानसरोवर चित्त है, जिसमें जल सद्भाव

बिखरे मोती-भाग 220 गतांक से आगे…. स्मरण रहे, पवित्र चित्त में ही परमात्मा का निवास होता है, दूषित चित्त में नहीं। चित्त की पवित्रता पर सभी धर्मों के धर्मशास्त्रों और धर्माचार्यों ने इसीलिए विशेष बल दिया है। मोक्ष में भी बुद्घि-चित्त,  तन्मात्रा जीव के साथ। ये मन्दिर हरि-मिलन का, मोक्ष इसी के हाथ ।। 1155 […]

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सिकंदर की पराजय

डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री आजकल टी वी के एक चैनल पर पोरस शीर्षक से दिखाए जा रहे सीरियल के बहाने एक बार फिर वही कहानी याद आ गई जिसमें वीर योद्धा पुरु (पोरस) को पराजित और आक्रमणकारी सिकंदर को विजयी बताया गया है । इतना ही नहीं, पुरु को क्षमा करके और केवल उसका राज्य नहीं, […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-71

गीता का तेरहवां अध्याय और विश्व समाज जैसे एक खेत का स्वामी अपने खेत के कोने-कोने से परिचित होता है कि खेत में कहां कुंआ है? कहां उसमें ऊंचाई है? कहां नीचा है? उसकी मिट्टी कैसी है? उसमें कौन सी फसल बोयी जानी उचित होगी?-इत्यादि। वैसे ही हममें से अधिकांश लोग संसार में शरीर धारी […]

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डा.राजेन्द्र प्रसाद से पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने आपको समझते रहे थे सदा असुरक्षित

डा.राजेन्द्र प्रसाद से पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने आपको समझते रहे थे सदा असुरक्षितडा.राजेन्द्र प्रसाद की शख्सियत से पंडित नेहरु हमेशा अपने को असुरक्षित महसूस करते रहे। उन्होंने राजेन्द्र बाबू को नीचा दिखाने का कोई अवसर भी हाथ से जाने नहीं दिया। हद तो तब हो गई जब 12 वर्षों तक रा्ष्ट्रपति रहने के बाद राजेन्द्र […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-70

गीता का तेरहवां अध्याय और विश्व समाज श्री अरविन्द का कहना है कि कर्म को और ज्ञान को हम अपनी इच्छा से चलायें या इन्हें भगवान की इच्छा में लीन कर दें? -गीता ने इस प्रश्न को उठाकर इसका उत्तर दिया है। हमारा कर्म, हमारा ज्ञान कितना संकुचित है, कितना छोटा है? मशीन का छोटा […]

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आओ कुछ जाने

जानिये सृष्टि का कालक्रम

सृष्टि की कुल आयु 4294080000 वर्ष इसे कुल 14 मन्वन्तरों मे बाँटा गया है। वर्तमान मे 7वें मन्वन्तर अर्थात् वैवस्वत मनु चल रहा है। इस से पूर्व 6 मन्वन्तर जैसे स्वायम्भव, स्वारोचिष, औत्तमि, तामस, रैवत, चाक्षुष बीत चुके है और आगे सावर्णि आदि 7 मन्वन्तर भोगेंगे। 1 मन्वन्तर = 71 चतुर्युगी 1 चतुर्युगी = चार […]

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गौ और गोवंश स्वास्थ्य

गोमूत्र अर्क में मौजूद तत्व व रसायन के लाभ

1. यह रक्त व विष की विकृति को हटाता है, बड़ी आंत में गति को शक्ति देता है, शरीर में वात पित्त व कफ दोष को स्थिर रखने में सहयोग करता है। 2. यह अनिच्छित व अनावश्यक वसा को निर्मित होने से रोकता है, लाल रक्त कोशिकाओं एव हीमोग्लोबिन के उत्पादन में सन्तुलन रखता है। […]

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आओ कुछ जाने

आइये जाने चन्द गद्दार राजाओं को, जिनके कारण देश ने भारी कीमत चुकायी

हमारे भारत को प्राचीन काल से ही सोने की चिडिय़ा कहलाने का गौरव प्राप्त था, लेकिन जब सोने की चिडिय़ा कहे जाने वाले हमारे भारत पर अंग्रेजों ने कब्ज़ा किया उसके बाद भारत से वो गौरव छिन गया. हम सभी ने जब भी अपने इतिहास के बारे में पढ़ा या सुना है तो उससे हमे […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-69

गीता का बारहवां अध्याय और विश्व समाज यहां पर गीता के 12वें अध्याय के जिस श्लोक का अर्थ हमने ऊपर दिया है-उसमें ‘सर्वारम्भ परित्यागी’ शब्द आया है। इसके विषय में सत्यव्रत सिद्घान्तालंकार जी बड़ी तार्किक बात कहते हैं :-”सर्वारम्भ त्यागी का अर्थ कुछ लोग यह करते हैं कि जो किसी नवीन कार्य का आरम्भ नहीं […]

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राजनीति संपादकीय

केजरीवाल जी! संभलो….

लोकतंत्र आलोचना की अनुमति देता है, निन्दा की नहीं। यह शासन प्रणाली आलोचना की रचनात्मक और पैनी हुई धार से ऊर्जा पाती है और जनकल्याण में लगी रहती है। कुछ लोगों ने जनकल्याण का अर्थ केवल विकास कार्यों तक लगाया है कि यदि सरकार सडक़ बनवाने, अस्पताल खुलवाने और बिजली आदि की व्यवस्था कर रही […]

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