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धर्म-अध्यात्म

सुख-सौभाग्य, धन-संतान प्रदायक पुण्यशाली पर्व माघ स्नान

भारतीय सभ्यता – संस्कृति में वर्ष की सभी पूर्णिमाओं का अपना अलग विशिष्ट महत्व है परन्तु सभी पूर्णिमाओं में माघ मास की पूर्णिमा की तिथि अत्यंत पवित्र मानी गई है और इस दिन किए गए स्नान- ध्यान, यज्ञ, तप तथा दान का विशेष महत्त्व माना जाता है। पौराणिक ग्रन्थों में माघ स्नान एवं माघी पूर्णिमा […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-68

गीता का बारहवां अध्याय और विश्व समाज गीता का उद्देश्य है कि हे संसार के लोगों! चाहे तुम जिस रास्ते को भी अपनाओ उसे अपना लो, पर मेरी एक शर्त है कि बनो धार्मिक। तुम्हारी धार्मिकता ही तुम्हें संसार के लिए उपयोगी बनाये रखेगी। यदि बहुत ऊंची और गहरे ज्ञान की बातें नहीं अपना सको […]

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राजनीति

राहुल गाँधी को लेना होगा दादी इंदिरा का गुरुमंत्र

प्रभुनाथ शुक्ल काँग्रेस एक नई उम्मीद और भरोसे के साथ पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी चौथी पीढ़ी के युवराज राहुल गाँधी के कंधे पर देने जा रही है । अभी तक पार्टी में दूसरी पायदान के नेता रहे राहुल गाँधी पहली पंक्ति में अधिक जवाबदेही के साथ पार्टी की कमान सम्भलने जा रहे हैं । 2013 […]

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राजनीति

मध्यप्रदेश विधानसभा में उठाया गया वास्तुदोष का मुद्दा

21वी सदी में राजनीतिज्ञों के अंधविश्वास मध्यप्रदेश विधानसभा के शुरू हुए शीतकालीन सत्र का पहला दिन विधानसभा भवन में वास्तुदोष के भ्रमित मुद्दे पर उठाए गए प्रश्नों पर होम हो गया। सत्र की शुरूआत दिवगंत विद्यायकों और अन्य नेताओं को श्रद्धांजलि देते हुए शुरू हुआ। इसके तत्काल बाद कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

फतवा देने वाले काजियों के शहर की ईंट से ईंट बजा दी थी बंदा बैरागी ने

एक संत का सदुपदेश और हमारी स्वराज्य साधना एक संत प्रवचन कर रहे थे। प्रवचन के समय एक जिज्ञासु ने एक जिज्ञासा व्यक्त करते हुए संत से प्रश्न किया-‘मेरी ध्यान में रूचि क्यों नही होती?’ संत बोले, -‘ध्यान में रूचि तब आएगी जब व्यग्रता से उसकी आवश्यकता अनुभव करोगे।’ तब उन्होंने एक प्रसंग सुनाया कि […]

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बिखरे मोती

संचित पड़े हैं चित्त में जन्मों के संस्कार

बिखरे मोती-भाग 219  गतांक से आगे….  आत्मा और चित्त के संयोग से चेतना और सूक्ष्मप्राण की उत्पत्ति होती है। जिनसे जीवन की क्रियाशीलता प्रतिक्षण बनी रहती है। इसीलिए हमारा चित्त शक्ति का मुख्य केन्द्र है। जैसे भौतिक जड़ मशीन में मुख्य भाग गरारी को बिजली का मोटर गतिमान बना देता है और उसके साथ ‘पटों’ […]

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