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संपादकीय

राहुल की ताजपोशी कितनी उचित?

कांग्रेस अपने ‘युवराज’ राहुल गांधी की ताजपोशी अगले माह करने की घोषणा कर चुकी है। बहुत दिनों से यह कयास चल रहे थे कि राहुल गांधी की ताजपोशी शीघ्र ही होने वाली है। सोनिया गांधी इस समय अस्वस्थ चल रही हैं। इसलिए उनकी भी इच्छा थी कि यथाशीघ्र राहुल को वह अपने उत्तराधिकारी के रूप […]

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खेल/मनोरंजन समाज

पद्मावती फिल्म में जौहर का अपमान!

देश में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों का उपहास उड़ाने का खेल लम्बे समय से चल रहा है। तथाकथित वामपंथी बुद्धिजीवी के दिमाग की उपज कहे जाने वाले इन उपहासों के पीछे मात्र यही भाव प्रदर्शित होता है कि जिनसे समाज को प्रेरणा मिलती है, उन्हें किसी प्रकार से मिटाया जाए और उनके प्रति लोगों में […]

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राजनीति

गुजरात वाया उत्तर प्रदेश

राहुल गांधी किसी भी तरह वंश का सहारा लेकर सत्ता के शिखर पर पहुंचने की जल्दी में है। वह किसलिए सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं, इसका उनको पता नहीं है। उनका सारा दावा केवल एक तर्क पर आधारित है कि वह हिंदोस्तान के राजवंश के वारिस हैं। अब वह अपने इस दावे की तसदीक गुजरात […]

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संपादकीय

ई.वी.एम. में गड़बड़ी लोकतंत्र के लिए चिन्ताजनक

अटल बिहारी वाजपेयी इस देश के उन राजनेताओं में से रहे हैं, जिन्होंने अपनी अटल संकल्प शक्ति से इस देश के भविष्य को संवारने का अथक परिश्रम किया। उनके एक बहुचर्चित भाषण का वाक्यांश है कि-”भारत जमीन का टुकड़ा नहीं है, जीता जागता राष्ट्रपुरूष है। हिमालय इसका मस्तक है, गौरीशंकर शिखा है। कश्मीर किरीट है, […]

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महत्वपूर्ण लेख

कुरान, इस्लाम और मुसलमान

शालिनी तिवारी वर्ष 2010 के एक अध्ययन के मुताबिक, दुनियाँ के दूसरे सबसे बड़े धार्मिक सम्प्रदाय इस्लाम के तकरीबन 1.6 अरब अनुयायी हैं. जोकि विश्व की आबादी की लगभग 23त्न हिस्सा हैं, जिसमें 80-90 प्रतिशत सुन्नी और 10-20 प्रतिशत शिया हैं. मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, अफ्रीका का हार्न, सहारा, मध्य एशिया एवं एशिया के अन्य […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-26

गीता का चौथा अध्याय और विश्व समाज चिन्तन वही ऊंचा और पवित्र होता है-जिसमें ‘ऋत’ और ‘सत्य’ की साधना की जाती है। भारत के महान पूर्वजों ने ‘ऋत’ और ‘सत्य’ की साधना की थी। ऋत का अभिप्राय उन नियमों से है जो प्रकृति ने बनाये हैं और जिनके कारण सृष्टि का यह सारा तामझाम एक […]

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संपादकीय

सर्वत्र खिला कमल ही कमल

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की अग्नि परीक्षा के रूप में आये उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में पार्टी को मिली भारी सफलता के कारण मुख्यमंत्री इस परीक्षा में पूर्णत: सफल हो गये हैं। इन चुनावों में प्रदेश की जनता ने जिस प्रकार अपना परिपक्व निर्णय दिया है उससे योगी सरकार की कार्यशैली पर जनता की […]

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राजनीति

बिखरते अस्तित्व को समेटने की चुनौती

आर्थिक क्षेत्र में भी राहुल गांधी के पास फटे-पुराने समाजवादी एजेंडे के अलावा कुछ नया नहीं है। राहुल निश्चित रूप से चुनावी राजनीति के राजनीतिक चरण में दोबारा प्रविष्ट हो रहे हैं और वह कड़े प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनकी रणनीति चुनावी जुमलों तक सीमित है। उनकी न तो कोई नीति है, न कोई […]

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पूजनीय प्रभो हमारे……

पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-79

नाथ करूणा रूप करूणा आपकी सब पर रहे गतांक से आगे…. कहा गया है कि वह परमात्मा ‘अकाम:’ अर्थात कामनाओं से मुक्त कामना रहित है, वह किसी भी प्रकार की कामना के फेर में नहीं पड़ता। जैसे हम सांसारिक लोगों की कामनाएं होती हैं-वैसे उसकी कोई कामना नही होती। वह धीर है अर्थात असीम धैर्यवान […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-25

गीता का चौथा अध्याय और विश्व समाज गीता के इन श्लोकों में यह तथ्य स्पष्ट किया गया है कि संसार में जब अनिष्टकारी शक्तियों का प्राबल्य होता है तो उस अनिष्ट से लडऩे वाली शक्तियों का भी तभी प्राकट्य भी होता है। जब बढ़ता संसार में घोर पाप अनाचार। तभी जन्मते महापुरूष दूर करें दुराचार।। […]

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