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विविधा

जम्मू कश्मीर के चुनावों में हुये भारी मतदान का अर्थ और भाजपा की दस्तक

– डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री जब पाठकों के पास यह अंक जायेगा तब तक जम्मू कश्मीर विधान सभा के सभी परिणाम घोषित किये जा चुके होंगे । चुनाव परिणाम क्या होगा , इसका अभी से अनुमान लगाना बेमानी होगा , लेकिन जिस बात पर आज सबसे ज़्यादा चर्चा हो रही है वह यह है कि […]

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विविधा

महिलायें और बुजुर्ग परेशान

मुंबई के लोकल ट्रेन रेलवे स्टेशनों पर टॉयलेट की कमी के कारण महिलायें और बुजुर्ग परेशान हैं  मुंबई। मालाड (पश्चिम) में स्टेशन के बाहर रेलवे ब्रिज के पास”सुलभ शौचालय” है। जहॉ पर एक मुतारी (मूत्रालय/टॉयलेट) है।जोकि केवल तीन लोगों के लिए है। इसे बढ़ाने हेतु “गांधी विचार मंच” ने हस्ताक्षर अभियान की शुरुवात ” सुलभ […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

गाय बची तो ही हिन्दू और मुसलमान बचेगा-भाग एक

हरपाल सिंह भारत की संस्कृति, समृद्वि  और सभ्यता का आधार गंगा, गौ, गायत्री, गीता और गुरु ही रही है। भारत की संस्कृति प्रकृति मूलक संस्कृति है। दुनिया के प्राचीनतम ग्रन्थ वेदो में कण-कण के प्रति अहो भाव की अभिव्यक्ति है। हमने सूर्य-चन्द्र, ग्रह नक्षत्र, पशु-पक्षी, जीव-जन्तु, पेड़-पौधों को पूज्य माना है। प्रकृति का कण-कण हमें […]

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बिखरे मोती

स्वयं का कर उद्घार तू, त्याग सभी अवसाद

बिखरे मोती-77 गतांक से आगे….स्वयं का कर उद्घार तू,त्याग सभी अवसाद।मत कोसै नित स्वयं को,गीता को रख याद ।। 828।। भगवान कृष्ण गीता में अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं-हे पार्थ! जो स्वयं (आत्मा) की शक्ति को पहचान जाते हैं वे स्वयं का उद्घार स्वयं करते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार का अवसाद अथवा आत्महीनता […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

वीर हरपाल देव का स्वतंत्रता आंदोलन एवं खुसरू खां की ‘हिन्दू क्रान्ति’

एक का उठना एक का गिरनाये खेल निरंतर चलता है।नीति पथ के अनुयायी को जग में मिलती सच्ची सफलता है।।पथ अनीति का अपनाये जो,वह कागज के सम गलता है।कालचक्र जब घूमकर आये,तब चलती नही चपलता है।।अलाउद्दीन खिलजी ने निश्चित रूप से दिल्ली की सल्तनत को विस्तार दिया था। पर उसने दिल्ली सल्तनत को फैलाने में […]

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संपादकीय

विश्वात्मा भाषा : संस्कृत

भारत जब-जब भी भारतीयता की और भारत केे आत्म गौरव को चिन्हित करने वाले प्रतिमानों की कहीं से आवाज उठती है, तो भारतीयता और भारत के आत्मगौरव के विरोधी लोगों को अनावश्यक ही उदरशूल की व्याधि घेर लेती है। अब मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहीं संस्कृत के लिए कुछ करना चाहा […]

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विशेष संपादकीय

‘चाणक्य’ को ‘नंदवंश’ के समूलोच्छेदन के लिए ‘शिखाबंधन’ खोलना ही होगा

नोएडा प्राधिकरण का प्रभावशाली अधिकारी यादव सिंह इस समय चर्चा में है। उसका चर्चा में आने का कारण उसकी कार्यक्षमता नही है, अपितु भ्रष्टाचार की ‘कलाकारी’ है। उसके पास से अब तक करोड़ों के आभूषण और नकदी प्राप्त की जा चुकी है। पर प्रश्न किसी को पकड़ लेना या चोर केे रूप में आरोपित करने […]

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विविधा

घर वापिसी को लेकर हो रही बहस

– डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री                       कुछ दिन पहले आगरा में दो सौ के लगभग मुसलमान , जिनके पूर्वज , जिन दिनों हिन्दुस्तान पर विदेशियों का राज था  उन दिनों किन्हीं कारणों से मुसलमान बन गये थे , वापिस अपने पूर्वजों की विरासत में लौट आये । यह एक ऐसी सामान्य घटना थी जिसका कोई […]

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विविधा

क्या गुजरात के ये कीर्तिमान वहां सुशासन मानने के लिए पर्याप्त नहीं हैं ?

मनीराम शर्मा सरकार   का प्राथमिक कर्तव्य कानून  व्यवस्था बनाये रखना और नागरिकों की सुरक्षा और शांति सुनिश्चिय करना है  और अन्य सभी कार्य गौण होते हैं |   गुजरात राज्य में सूचना का अधिकार कानून बहुत कम प्रभाव शाली है और वेबसाइट पर उपलब्ध नगण्य सूचना भी गुजराती भाषा में है  ताकि अन्य राज्य   का नागरिक […]

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विविधा

ऐसे बोल रामज़ादों के ?

तनवीर जाफ़री भारतीय राजनीति में मर्यादा,विवेक तथा सद्भावना को तिलांजलि देने का एक और उदाहरण पिछले दिनों दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान हो रही भारतीय जनता पार्टी की एक जनसभा में उस समय देखने को मिला जबकि स्वयं को साध्वी कहने वाली तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में […]

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