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आज का चिंतन

खुली चुनौती

#डॉविवेकआर्य आजकल सभी अखबारों में ,रेलवे स्टेशनों पर रेल गाड़ियों ने बसों में तथा लगभग सभी सार्वजानिक दीवारों पर आपको औलियाओं ,मोलवियों ,बंगाली मियां जादूगर बाबाओ और तांत्रिको के विज्ञापन , स्टिकर व् पोस्टर लगे मिल जाएंगे जिनमे तरह–तरह के झूठे आश्वासनों और घटिया हथकंडो का सहारा लेकर भोले-भाले और मूर्ख ( विशेषकर महिलाओं ) […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

क्या श्री राम जी माँसाहारी थे?

#डॉविवेकआर्य अयोध्या में श्री राम जी के मंदिर के शिलान्यास का समय जैसे जैसे निकट आ रहा हैं। वैसे वैसे अवांछनीय बयान कुछ लोग देकर देश का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी मेरे अनेक कई मित्रों ने यह शंका मेरे समक्ष रखी है कि उनके सामने दिन प्रतिदिन वाल्मीकि रामायण […]

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Uncategorised

खजुराओ की नग्न मूर्तियाँ भारतीय संस्कृति नहीं है !*

* डॉ विवेक आर्य कुछ लोगों द्वारा व्यभिचार, उन्मुक्त सम्बन्ध ,समलैंगिकता, नग्नता, अश्लीलता आदि के समर्थन में खजुराओ की नग्न मूर्तियाँ अथवा वात्सायन का कामसूत्र को भारतीय संस्कृति और परम्परा का नाम दिया जा रहा हैं। सत्य यह है कि भारतीय संस्कृति का मूल सन्देश वेदों में वर्णित सदाचार और संयम पर आधारित शुद्ध आस्तिक […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वामी दयानंद की गुरु विरजानंद को अनुपम गुरु दक्षिणा

गुरु दक्षिणा (गुरुपूर्णिमा विशेष ) विवेक आर्य मथुरा में विराज रहे दण्डी स्वामी विरजानन्द जी की ख्याति उन दिनों लोक में प्रसिद्धि पा रही थी। दयानन्द उनकी विद्वत्ता से परिचित थे। सन् 1855 में उनका सामीप्य उन्हें प्राप्त हो चुका था। उन्होंने तुरन्त मथुरा की राह पकड़ ली। संवत् 1917 कार्तिक शुदी 2 (सन् 1860) […]

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पर्व – त्यौहार

ईद मुबारिक —- बलि का महत्त्व

ईद मुबारिक —- बलि का महत्त्व ईद का हिन्दी पर्याय त्यौहार । ईद अथवा त्यौहार वह विशेष दिन है जो किसी महत्त्वपूर्ण कार्य अथवा धार्मिक आस्थाओं के कारण वर्ष के शेष दिनों से विशिष्टता रखता है । इस दिन कुछ विशेष रीतिरिवाज किये जाते हैं । मुसलमान लोग वर्ष में दो ईद मनाते हैं । […]

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विविधा

वर्षा ऋतु और वेद

#डॉविवेकआर्य वर्षा ऋतु का आगमन हो गया है। भीष्म गर्मी के पश्चात वर्षा का जल जब तपती धरती पर गिरता है। तो गर्मी से न केवल राहत मिलती है। अपितु चारों ओर जीवन में नवीनता एवं वृद्धि का समागम होता हैं। वेदों में वर्षा ऋतु से सम्बंधित अनेक सूक्त हैं। जैसे पर्जन्य सूक्त ( ऋग्वेद […]

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इतिहास के पन्नों से

इस्लामिक अत्याचारों की एक विस्मृत दास्तान

#डॉविवेकआर्य हिन्दू समाज के साथ 1200 वर्षों से मजहब के नाम पर अत्याचार होता आया है। सबसे खेदजनक बात यह है कि कोई इस अत्याचार के बारे में हिन्दुओं को बताये तो हिन्दू खुद ही उसे ही गंभीरता से नहीं लेते क्यूंकि उन्हें सेकुलरता के नशे में रहने की आदत पड़ गई है। रही सही […]

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भारतीय संस्कृति

झूठ की खेती : झूठ को हज़ार बार बोलें तो झूठ सच लगने लगता है।

झूठ की खेती झूठ को हज़ार बार बोलें तो झूठ सच लगने लगता है। आर्यों का बाहर से आक्रमण, यहाँ के मूल निवासियों को युद्ध कर हराना, उनकी स्त्रियों से विवाह करना, उनके पुरुषों को गुलाम बनाना, उन्हें उत्तर भारत से हरा कर सुदूर दक्षिण की ओर खदेड़ देना, अपनी वेद आधारित पूजा पद्धति को […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

जातिवाद को मिटाने के हमारे पूर्वजों का एक विस्मृत प्रयास

#डॉविवेकआर्य 1926 में पंजाब में आद धर्म के नाम से अछूत समाज में एक मुहिम चली। इसे चलाने वाले मंगू राम, स्वामी शूद्रानन्द आदि थे। ये सभी दलित समाज से थे। स्वामी शूद्रानन्द का पूर्व नाम शिव चरन था। उनके पिता ने फगवाड़ा से जालंधर आकर जूते बनाने का कारखाना लगाया था। उन्होंने आर्यसमाज द्वारा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

बंदा बैरागी का हुकमनामा

बंदा बैरागी का हुक्मनामा आज 9जून अमर बलिदानी बंदा बैरागी का बलिदान दिवस है। सन 1710 में बंदा बैरागी द्वारा सतयुग शासन की स्थापना करने पर तम्बाकू, शराब,अफीम, मांस, मछली पर प्रतिबन्ध लगाने का हुकुमनामा जारी किया गया। यह स्पष्ट रूप से वेदों के आदेश का पालन था। वेद कहते है समाज को पथभ्रष्ट होने […]

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