बंदा बैरागी का हुक्मनामा आज 9जून अमर बलिदानी बंदा बैरागी का बलिदान दिवस है। सन 1710 में बंदा बैरागी द्वारा सतयुग शासन की स्थापना करने पर तम्बाकू, शराब,अफीम, मांस, मछली पर प्रतिबन्ध लगाने का हुकुमनामा जारी किया गया। यह स्पष्ट रूप से वेदों के आदेश का पालन था। वेद कहते है समाज को पथभ्रष्ट होने […]
लेखक: विवेक आर्य
#डॉविवेकआर्य मित्रों कुछ अम्बेडकरवादी दुष्प्रचार करते रहते है कि पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण ने बौद्ध राजा बृहदरथ की हत्या की थी। यह स्वामी द्रोह था। सत्य क्या है। यह जानना अत्यंत आवश्यक है। पुष्यमित्र शुंग महाराज बृहदरथ का सेनापति था। वह अत्यंत योग्य एवं राष्ट्र हित में चिंतित रहता था। उस काल में अशोक का वंशज […]
ओ३म् मौलाना कैसे बने आर्य प्रचारक पंडित भोजदत्त आर्य मुसाफिर आगरा में पंडित लेखराम जी की स्मृति में आर्य मुसाफिर उपदेशक विद्यालय चलाते थे एवं ‘आर्य मुसाफ़िर’ के नाम से साप्ताहिक पत्र का संपादन भी करते थे। इस्लाम की मान्यताओं की तर्क पूर्ण समीक्षा इस पत्र में छपती रहती थी जिसे पढ़कर अनेक मुसलमान भाई […]
[ब्रह्मचर्य का व्रत धारण करने से मनुष्य ऐश्वर्यशाली बनता है। आज नौजवान ब्रह्मचर्य के व्रत को भूलकर भोगवाद की ओर भाग रहे हैं। ब्रह्मचर्य के अभाव में मनुष्य शारीरिक, मानसिक और आत्मिक उन्नति से वंचित हो रहा है। आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध विद्वान् स्व० पं० बुद्धदेव विद्यालंकार जी (स्वामी समर्पणानन्द जी) का यह लेख ‘आर्य गजट’ […]
#डॉविवेकआर्य हमारे देश में पढ़ाई जाने वाली किसी भी इतिहास पुस्तक को उठाकर देखिये। वास्को दी गामा को भारत की खोज करने का श्रेय देते हुए इतिहासकार उसके गुणगान करते दिखेंगे। उस काल में जब यूरोप से भारत के मध्य व्यापार केवल अरब के माध्यम से होता था। उस पर अरबवासियों का प्रभुत्व था। भारतीय […]
#डॉविवेकआर्य यह चित्र देख रहे है आप। यह का गोवा का कुख्यात ‘हाथ कटारो खंभ’। आपने कभी नहीं सुना होगा। इस खंभ का नाम हाथ कटारो इसलिए पड़ा क्योंकि संत? नाम से जाने जाने वाले फ्रांसिस जेवियर यहाँ लाकर उन हिन्दुओं को बाँध देता था जो ईसाई बनने से मना कर देते थे। उन्हें तड़पा […]
नवरात्रों या नौ इन्द्रियों पर नियंत्रण में उपवास और निराहार रहने का सत्य अर्थ क्या हैं?? प्राय: उपवास से सब यही निष्कर्ष निकालते हैं की भोजन ग्रहण न करना अथवा भुखा रहना। मगर क्या उपवास का अर्थ वाकई में निराहार रहना हैं? उपवास का अर्थ :- शतपथ ब्राह्मण १/१/१/७ के अनुसार “उपवास” का अर्थ गृहस्थ […]
दलित उत्थान का प्रेरणादायक संस्मरण #डॉविवेकआर्य 1920 के दशक में स्वामी श्रद्धानन्द ने दलितोद्धार का संकल्प लिया। उस काल में दलित कहलाने वाली जनजातियों को सार्वजानिक कुओं से पानी भरने की अनुमति नहीं थी। इस अत्याचार के विरुद्ध आर्यसमाज के शीर्घ नेता स्वामी श्रद्धानन्द ने आंदोलन चलाया। उन्होंने पहले महात्मा गाँधी और कांग्रेस से दलितों […]
#डॉविवेकआर्य वीर शिवाजी के पुत्र वीर शम्भा जी का जन्म 14 मई 1657 को हुआ था। आप वीर शिवाजी के साथ अल्पायु में औरंगजेब की कैद में आगरे के किले में बंद भी रहे थे। आपने 11 मार्च 1689 को वीरगति प्राप्त की थी। इस लेख में वीर शम्भाजी जी के उस महान और प्रेरणादायक […]
वेदों के पांच ऋषि #डॉविवेकआर्य ऋग्वेद 10/150/ 1-5 मन्त्रों में अग्नि रूप परमेश्वर को सुख प्राप्ति के लिए आवाहन करने का विधान बताया गया है। ईश्वर से प्रार्थना करने और यज्ञ में पधारकर मार्गदर्शन करने की प्रार्थना की गई है। धन, संसाधन, बुद्धि, सत्कर्म इच्छित पदार्थों, दिव्या गुणों आदि की प्राप्ति के लिए व्रतों का […]