‘शहरी नक्सली’ की परिभाषा #डॉविवेकआर्य वामपंथी इतिहासकार रोमिला थापर ने सरकार से ‘शहरी नक्सली’ शब्द को परिभाषित करने की मांग की है। कमाल देखिये अपने आपको बुद्धिजीवी कहने वाली और दशकों से सत्ता का समर्थन लेकर भारत के शिक्षा संस्थानों के पाठयक्रम को निर्धारित करने वाली रोमिला थापर ‘शहरी नक्सली’ की परिभाषा तक नहीं जानती। […]
लेखक: विवेक आर्य
आर्यसमाज के इतिहास में अनेक प्रेरणादायक संस्मरण हैं जो अमर गाथा के रूप में सदा सदा के लिए प्रेरणा देते रहेंगे। एक ऐसी ही गाथा रोपड़ के लाला सोमनाथ जी की हैं। आप रोपड़ आर्यसमाज के प्रधान थे। आपके मार्गदर्शन में रोपड़ आर्यसमाज ने रहतियों की शुद्धि की थी। यूँ तो रहतियों का सम्बन्ध […]
डॉविवेकआर्य (26 फरवरी को पुण्य तिथि के उपलक्ष पर प्रचारित) वीर सावरकर भारत देश के महान क्रांतिकारियों में से एक थे। कांग्रेस राज की बात है। मणिशंकर अय्यर ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने के लिए अण्डेमान स्थित सेलुलर जेल से वीर सावरकर के स्मृति चिन्हों को हटवा दिया। यहाँ तक उन्हें अंग्रेजों से माफ़ी […]
नास्तिकता भी एक अन्धविश्वास है! #डॉविवेकआर्य नास्तिक बनने के मुख्य क्या क्या कारण है? नास्तिक बनने के प्रमुख कारण है ईश्वर के गुण, कर्म और स्वभाव से अनभिज्ञता। धर्म के नाम पर अन्धविश्वास जिनका मूल मत मतान्तर की संकीर्ण सोच है। विज्ञान द्वारा करी गई कुछ भौतिक प्रगति को देखकर अभिमान होना। धर्म के नाम […]
#डॉविवेकआर्य आज जय भीम, जय मीम का नारा लगाने वाले दलित भाइयों को आज के कुछ राजनेता कठपुतली के समान प्रयोग कर रहे हैं। यह मानसिक गुलामी का लक्षण है। दलित-मुस्लिम गठजोड़ के रूप में बहकाना भी इसी कड़ी का भाग हैं। दलित समाज में संत रविदास का नाम प्रमुख समाज सुधारकों के रूप में […]
#डॉविवेकआर्य आजकल एक नया प्रचलन चला है। दलित अपने आपको मुसलमानों से नत्थी कर यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे हिन्दुओं से अधिक मुसलमानों के निकट हैं। जमीनी हक़ीक़त एवं इतिहासिक तथ्यों को सरेआम ठेंगा दिखाना इसी को कहते हैं। भारतवर्ष का इतिहास उठा कर देख लीजिये बुद्ध विहारों को तहस-नहस करने […]
राष्ट्रवाद पर स्वामी दयानन्द का चिंतन #डॉविवेकआर्य स्वामी दयानन्द के राष्ट्रवादी चिंतन से हम इस लेख के माध्यम से अवगत करवाएंगे। अंग्रेजी राज में भारतीयों का स्वाभिमान लुप्त हो गया था। स्वदेशवासी स्वदेशवासी पर अत्याचार करने पर उतारू था। स्वामी दयानन्द ने सर्वप्रथम देशवासियों को मनुष्य की बनने की प्रेरणा दी। स्वामी जी सत्यार्थ प्रकाश […]
डॉ विवेक आर्य राजा जनक ब्रह्म विद्या में पारंगत विद्वान माने जाते थे। दूर दूर से लोग उनके पास धर्म सम्बन्धी जिज्ञासा का समाधान करने आते थे। एक बार एक महात्मा व्यक्ति उनसे मिलने आये। उन्होंने चंचल मन के पाश से छूटने का उपाय पूछा। राजा जनक अपने स्थान से उठे और एक वृक्ष को […]
#डॉविवेकआर्य कश्मीर। कभी शैव विचारधारा की पवित्र भूमि कही जाने वाले कश्मीर में आज अजान और आतंकवादियों की गोलियां सुनाई देती हैं। कश्मीर के इस्लामी करण में सबसे पहला नाम बुलबुल शाह का आता है। बुलबुल शाह के बाद दूसरा बड़ा नाम मीर सैय्यद अली हमदानी का आता है। हमदानी कहने को सूफी संत था […]
#डॉविवेकआर्य समाधान- अनेक विदेशी एवं उनका अंधानुसरण करने वाले भारतीय लेखक वेदों में इतिहास मानते हैं। उनकी इस धारणा के कारण अनेक भ्रम फैल रहे हैं। ऐसा ही एक भ्रम वेदों में इतिहास मानने वाले ईसाई फैला रहे हैं। उनका कहना है कि वेदों में वे ईसा मसीह का वर्णन है। ईसाई हिन्दुओं को ईसाई […]