* डॉ डी के गर्ग कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ये पर्व मनाया जाता है। ऋषि धन्वंतरि के जन्म उपलक्ष में मनाये जाने वाले इस पर्व का नाम बिगड़कर ‘‘धनतेरस‘पड़ा। आयुर्वेद का प्रारंभिक ज्ञान अथर्ववेद से मिला लेकिन इस ज्ञान को शोध करके विस्तार करने का श्रेय ऋषि धन्वंतरि […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी वैवस्वत मनु द्वारा मत्स्य अवतार के रूप अयोध्या बसाई गई थी :- सतयुग मे अनेक अवतार भगवान विष्णु ने लिए थे। पहले अवतार में हयग्रीव से वेदों कि सुरक्षा के लिए भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। प्रभु ने सतयुग में मत्स्य अवतार के रूप में पृथ्वी पर […]
शासन अविधि ( 1795-1797) लेखन ::सुरज सम्राट तुकोजीराव होलकर हमेशा अपने काका सूबेदार मल्हार राव होलकर के साथ युद्ध क्षेत्रों में सहायक रहे थे मल्हार राव होलकर की मृत्यु के पश्चात मातेश्वरी अहिल्याबाई ने उनको अपना सेनापति बनाया था वह मातोश्री अहिल्याबाई होल्कर व पेशवा के हमेशा विश्वस्त स्वामी भक्त बने रहे इनका जन्म सन् […]
लेखक – स्वामी भीष्म जी महाराज घरोंडा वाले जो जगाने आए थे वो तो जगा कर चल दिए, लुप्त वेदों का खजाना था बता कर चल दिये । जब चले गुजरात से कितना भंयकर वक्त था । जैनी, बोद्ध, ईसाई, मुस्लिम का सामना सख्त था । था परतन्त्र देश भारत ताज था ना तख्त था। […]
एक नया और खंडित राष्ट्र अगस्त 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो उसके सामने कई बड़ी चुनौतियाँ थीं। बँटवारे की वजह से 80 लाख शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आ गए थे। इन लोगों के लिए रहने का इंतजाम करना और उन्हें रोजगार देना जरूरी था। इसके बाद रियासतों की समस्या थी। तकरीबन 500 रियासतें […]
* महान शूरवीर योद्धा हरि सिंह नलवा ने जब पठानों को अपने शौर्य से रौंद डाला तो वह एक दिन अपनी मां से बोला – मां मेंने तेरे दूध को सफल कर दिया, मैं तेरे ऋण से उऋण हुआ।माँ मुस्कराई । हरि सिंह ने जब पुनः कहा- मां मेरे योग्य कोई सेवा बताइए तो मां […]
लाभकारी है शरद ऋतुचर्या डॉ. दीपनारायण पाण्डेय लेखक राजस्थान सरकार में पर्यावरण सचिव हैं। आयुर्वेद की ऋतुचर्या का वर्णन विश्व में सबसे प्राचीन है और इस बात के प्रमाण हैं कि इस विद्या को प्राचीन चीन एवं ग्रीक चिकित्सा पद्धतियों सहित विश्व की अन्य चिकित्सा पद्धतियों ने भारत से सीखा और अपनी पद्धति में समाहित […]
मटर और हमारा स्वास्थ्य साभार : दीपक आचार्य मटर को हमारे मध्यभारत के इलाके में बटाना या बटरा भी कहते हैं, अंग्रेजी भाषा के शौकीन लोग इसे ‘ग्रीन पीस’ कहते हैं। इसके ताज़े दानों की सब्जी कमाल की लगती है। दानों को दूसरी अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर कई स्वादिष्ट सब्जियां भी बनायी जाती है। […]
कृष्णावल….!!! यदि आज की आधुनिक शिक्षा प्राप्त पीढ़ी से आप पूछें कि “कृष्णावल” क्या है तो संभव है कि ९८ % तो यही कहेंगे कि उन्होंने यह शब्द कभी सुना ही नहीं है। पर यदि आप दादी नानी से पूछें या पचास वर्ष पूर्व के लोगों से पूछें तो वे आपको बता देंगे कि गाँव […]
* डॉ डी के गर्ग भाग -2 ये लेख सीरीज 3 भाग में है। कृपया अपने विचार बताये। नवरात्रि पर्व पर नौ दिन के व्रत के पीछे का वैज्ञानिक कारण: हमारे शरीर में स्थित नौ द्वार है- आँख, नाक, कान, द्वार, मुँह, गुदा एवं मूत्राशय ये नौ द्वार हमको स्वास्थ्य रखने में मदद करते है […]