Categories
इसलाम और शाकाहार

जन्नत जाने में केवल दो दिन लगेंगे !

भूमिका पाठकों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि हमने पता कर लिया है कि अगर अंतरिक्षयान (Space Craft ) से जन्नत जाय जाए तो केवल 45 घंटे यानि लगभग दो ही दिन लगेंगे ,हम सन 2017 से इस ऐसे विषय पर हदीसों में खोज रहे थे ,साधारण मुसलामन तो क्या बड़े बड़े मौलवी भी यह […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र

बाबा रामदेव और पतंजली आयुर्वेद के खिलाफ गलत टिप्पणी करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ केस दायर

प्रस्तुति: विनोद सर्वोदय इंडियन लॉयर्स एंड ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन की और से एड. नीलेश ओझा द्वारा राष्ट्रपती और चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया के पास शिकायत दर्ज। जज अहसानुद्दीन अमानुल्ला और पी. के. मिश्रा द्वारा सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के आदेशों के खिलाफ जाकर गैरकानूनी धमकी देने का आरोप। जज के खिलाफ IPC के धारा […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

नारा ए बलात्कार !अल्लाहु अकबर !!

विश्व के जितने भी प्रमुख धर्म हैं , उनके धार्मिक ग्रंथों , में दिए गए आदेशों के अनुसार ,और उन धर्मों की मान्यताओं में दो ऐसी समानताएं पाई जाती हैं .जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि यह धर्म सच्चे हैं .पहली बात यह है कि यह धर्म अपने जिस भी महापुरुष , अवतार […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महात्मा गाँधी, इस्लाम और आर्यसमाज भाग 2

#डॉविवेकआर्य माता कस्तूरबा बा का अपने पुत्र के नाम मार्मिक पत्र -तुम्हारे आचरण से मेरे लिए जीवन भारी हो गया हैं मेरे प्रिय पुत्र हीरालाल , मैंने सुना हैं की तुमको मद्रास में आधी रात में पुलिस के सिपाही ने शराब के नशे में असभ्य आचरण करते देखा और गिरफ्तार कर लिया। दूसरे दिन तुमको […]

Categories
आज का चिंतन

मुक्ति का साधन इन्द्रिय-संयम

प्रियांशु सेठ [एक मित्र ने शंका रखी है कि क्या इन्द्रिय-संयम अर्थात् ब्रह्मचर्य का पालन जीवन में अनिवार्य है? इस लेख के द्वारा इस शंका का समाधान किया जा रहा है।] वेदादि सत्य शास्त्रों ने मोक्ष-मार्ग के पथिक के लिए ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य बताया है। एक साधक के लिए इन्द्रिय-संयम उसी प्रकार आवश्यक है, […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

◼️दयानन्द स्वामी ! तिरा बोल बाला◼️

(दयानन्द आनन्द सागर के कुछ फड़कते पद्य) ✍🏻 लेखक – पंडित चमूपति एम॰ए॰ [ पण्डित चमूपतिजी ने ऋषि जीवन की मुख्य घटनायें भक्ति भावों में डूबकर लिखीं। इसकी भूमिका में ऋषि की शान में प्रयुक्त एक शब्द को मतांध मुसलमानी राज्य बहावलपुर सहन न कर सका। ऋषि-भक्ति को पण्डितजी न छोड़ सके। राज्य- जन्मभूमि ही […]

Categories
आज का चिंतन

वाणी का महत्व

एक बार एक राजा अपने सहचरों के साथ शिकार खेलने जंगल में गए। वहाँ शिकार खलते-खेलते एक दूसरे से बिछड़ गये। राजा कहीं ओर, सिपाही दूसरी ओर। एक दूसरे को खोजते हुये राजा एक नेत्रहीन संत की कुटिया में पहुँचे। राजा ने उन्हें प्रणाम कहा और अपने बिछड़े हुये साथियों के बारे में पूछा। नेत्र […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

शम्बूक वध का सत्य ………क्या राम चन्द्र जी ने शम्बूक वध किया था?

मर्यादापुरुषोतम श्री रामचंद्र जी महाराज के जीवन को सदियों से आदर्श और पवित्र माना जाता हैं। कुछ विधर्मी और नास्तिकों द्वारा श्री रामचन्द्र जी महाराज पर शम्बूक नामक एक शुद्र का हत्यारा होने का अरोप लगाया जाता हैं। सत्य वही हैं जो तर्क शास्त्र की कसौटी पर खरा उतरे। हम यहाँ तर्कों से शम्बूक वध […]

Categories
मुद्दा

राजनीति को नई दिशा देने के लिए संकल्पित : आम आदमी की भावनाओं को समझता भाजपा का संकल्प पत्र

-डॉ. सौरभ मालवीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने व्यक्तित्व एवं कृत्तिव से भारतीय राजनीति में अपनी एक ऐसी पहचान स्थापित की है जिसका कोई अन्य उदाहरण दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने भाजपा को निरंतर दस वर्ष केंद्र की सत्ता में बनाए रखा। भाजपा की प्राय: सभी पुरानी घोषणाओं विशेषकर अयोध्या में राम जन्मभूमि […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

भावनाएं ,शब्द और भारतीय संविधान

केवल कृष्ण पनगोत्रा भारतीय संविधान में 26 जनवरी 1950 के बाद सौ से अधिक संशोधन हो चुके हैं। इनमें अब तक का सबसे महत्त्वपूर्ण 42वां संशोधन अधिनियम, 1976 है। इसे लघु संविधान के रूप में जाना जाता है। इसके तहत कुछ अन्य अत्यंत महत्त्वपूर्ण संशोधन भी किये गए हैं। प्रमुखत: इस संशोधन के तहत भारतीय […]

Exit mobile version