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समाज

दहेज प्रथा नहीं, कलंक है

सीमा मेहता पोथिंग, उत्तराखंड पिछले वर्ष के आखिरी महीने में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने साल 2022 का आपराधिक आंकड़ा जारी किया. जिसमें बताया गया है कि 2022 में दहेज़ के नाम पर देश भर में 6516 महिलाओं को मार दिया गया यानी प्रतिदिन लगभग 17 महिलाओं को केवल दहेज़ की लालच में मौत […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत में सती प्रथा और राजा राममोहन राय

भारत की राजधानी बंगाल में, मानव मात्र का धर्म एक है इसका प्रचार किया राजाराममोहन राय ने । सती प्रथा का विरोध, बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन आदि करने के लिए एक संगठन बनाना गया 20 अगस्त 1828 में। उसके बाद बंगाल में आर्य समाज की स्थापना हुई 1885 में । इसका […]

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पर्व – त्यौहार

2 जनवरी 2024 *क्या एक जनवरी को नव वर्ष बनाना उपयुक्त है?*

कल अंतर्राष्ट्रीय “नव वर्ष” जो 1 जनवरी से प्रारंभ हुआ मनाया गया, भारतीय नव वर्ष तो चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा( 9अप्रैल 2024) से प्रारंभ होगा। कल सुबह से ही नव वर्ष के संदेश आने लगे और अधिकतर लोगों ने यह भी नहीं सोचा कि वे इंगलिश नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ दे रहे हैं, यह भी […]

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महत्वपूर्ण लेख

संसद को उपहास का पात्र बनाते सांसद

संसद में शोर-शराबा, वेल में जाकर नारेबाज़ी करना, एक-दूसरे पर निजी कटाक्ष करना यहां तक कि कई बार हाथापाई पर उतारू हो जाना आज संसद की आम तस्वीर है। आखिर सियासी पार्टियों और सांसदों का बर्ताव इतना अराजक क्यों हो गया है? क्या आज पार्टियों के निहित स्वार्थों ने संसद को मज़ाक बनाकर रख दिया […]

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इतिहास के पन्नों से

युग पुरुष थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई

भारत माँ के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र मार्गदर्शक, सच्चे देशभक्त ना जाने कितनी उपाधियों से पुकार जाता था भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को वो सही मायने में भारत रत्न थे। इन सबसे भी बढ़कर पंडित अटल बिहारी वाजपेयी जी एक अच्छे इंसान थे। जिन्होंने जमीन से जुड़े रहकर राजनीति की और ‘‘जनता […]

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आओ कुछ जाने

आर्यजन असत्य के मार्ग पर!*

* न स्वामी दयानन्द सरस्वती (मूलशंंकर) का जन्म ही सन् १८२४ ई. की किसी तारीख पर हुआ था। न उनके जन्म को हुए २०० वर्ष ही सन् २०२४ ई. की किसी तारीख पर पूरे होंगे। फिर कुछ नासमझ लोगों ने महर्षि दयानन्द सरस्वती की दो सौवीं जन्मजयन्ती १८२४-२०२४ का प्रदर्शक गलत लोगो क्यों बना रक्खा […]

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इतिहास के पन्नों से

ओरछा में महाराजा मधुकर शाह की #रानी_गनेश_कुँवरि

ओरछा में महाराजा मधुकर शाह की #रानीगनेशकुँवरि का नाम कमला भी था । #महराजावीरसिंहजूदेव_प्रथम का कार्यकाल बुंदेलखंड का स्वर्णयुग कहा जाता है इस काल में बुंदेलखंड की शिल्प कला साहित्य व्यापार चित्रकला आदि चर्मोत्कर्ष पर थी । वीर सिंह जू देव ने अबुलफजल को सन 1602 में मारकर अकबर की दिल्ली सल्तनत में सिहरन पैदा […]

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शिक्षा/रोजगार

कम नहीं है समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका

निशा दानू कपकोट, उत्तराखंड वर्ष 2023 राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण से भारत के लिए ऐतिहासिक रहा है. धरती से लेकर अंतरिक्ष तक भारत ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. लगभग हर क्षेत्र में भारत पहले से बदल गया है. लेकिन अगर किसी चीज़ में बदलाव नहीं आया है, तो वह है महिलाओं […]

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आज का चिंतन

वेदों में भगवान की भक्ति

यहाँ पर प्रश्न उत्पन्न होता है कि हम परमात्मा की भक्ति क्यों करें? ईश्वरभक्ति की हमें क्या आवश्यकता है? हम जड पदार्थों अथवा अल्प मनुष्यों की भक्ति क्यों न करें? ईश्वर की भक्ति से हमें क्या लाभ हो सकता है? यह प्रश्न वास्तव में बड़ा गम्भीर तथा विचारणीय है। शास्त्र कहते हैं, कि जो जिसकी […]

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राजनीति

क्या सचमुच संसद पर हमला करने वाले क्रांतिकारी हैं?

राकेश अचल – विभूति फीचर्स देश की संसद में 94 साल बाद वही सब कुछ हुआ जो संसद को जगाने के लिए 14 दिसंबर 2023 को किया गया। देश की संसद में दो युवकों ने दर्शक दीर्घा से छलांग लगाईं,पीला धुंआ किया और नारे लगाए। संसद में हंगामा करने वाले लड़के कोई क्रांतिकारी नहीं हैं […]

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