राकेश अचल भारत के पास एक मौका था 15 अगस्त को तालिबानियों से अपने भावी रिश्तों के संकेत देने के, लेकिन इस मौके का इस्तेमाल सरकार ने जानबूझकर नहीं किया। मुमकिन है कि ऐसा किसी रणनीति के तहत किया गया हो, लेकिन विदेशनीति को लेकर हमेशा सतर्क रहने की जरूरत होती है। दुर्भाग्य से […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
हर्ष वी. पंत तालिबान ने अफगानिस्तान पर बंदूक की नोक पर कब्जा किया है। यह उम्मीद गलत होगी कि काबुल पहुंचकर वे बदल जाएंगे। अब अगर अफगानिस्तान को सिविल वॉर से बचना है तो वहां राजनीतिक समझौता चाहिए होगा, मगर इसकी संभावना बहुत कम है। अभी तालिबान कह रहे हैं कि वे अफगानिस्तान के […]
-ललित गर्ग – रक्षाबंधन एक खूबसूरत त्यौहार है जो प्यार, विश्वास, अपनापन एवं सुरक्षा का प्रतीक है यानी प्यार के धागों एवं मानवीय संवेदनाओं का पर्व। एक ऐसा पर्व जो घर-घर मानवीय रिश्तों में नवीन ऊर्जा का संचार करता है। बहनों में उमंग और उत्साह को संचरित करता है, वे अपने प्यारे भाइयों के हाथ […]
अमृता गोस्वामी लंदन में मदनलाल की मुलाकात महान राष्ट्रवादी विनायक दामोदर सावरकर एवं श्यामजी कृष्ण वर्मा से हुई और लंदन में वह इंडिया हाउस में रहने लगे जो तब भारतीय विद्यार्थियों के राजनैतिक क्रियाकलापों का केन्द्र हुआ करता था। समस्त भारतवर्ष आज आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रहा है, जो याद दिलाता […]
मां है शब्दातीत संजय पंकज दुनिया भागमभाग है, दुनिया एक तनाव। दुनिया में ही माँ मिली,दुनिया भर की छाँव।। बिंब विशेषण व्यंजना, उपमाएँ लाचार। शब्द अकेला माँ बहुत, क्या कोई दरकार? गिरि जंगल सागर सड़क, सबका है सीमांत। माँ तो जैसे जल-पवन, भीड़ लिए एकांत।। एक देह में सिलसिला,देह देह बस देह। देहों के माँ […]
सपनाज ड्रीम्स इन डेजर्ट- ‘एक पाती’ – नामक यह पुस्तक नीलम ‘सपना’ शर्मा द्वारा लिखी गई उनकी चौथी पुस्तक है । पुस्तक के कवर पेज से ही यह स्पष्ट हो जाता है कि यह एक यात्रा वृतांत है, जिसे पाठकों के लिए बड़ी योग्यता से लेखिका ने प्रस्तुति देने में सफलता प्राप्त की है। वास्तव […]
१. सोने की खुदाई करने वाली चींटियां ग्रीक हेरोडोटस (४८४-४२५ ईपू) ने अपने इतिहास खण्ड ३ में एक अध्याय में केवल भारत की उन चींटियों का वर्णन है जिनसे सोने की खुदायी कर भारत धनी हो गया था। यह पारसी राज्य के पूर्व भाग के भारतीय क्षेत्रों में था। यह मरुभूमि क्षेत्र था जहां की […]
संजय पंकज चिड़ियों की चहक से नींद खुली तो आंखों को मलते हुए अपने छोटे से बगीचे में आ गया। अभी सूरज निकला नहीं था, पूरब का आसमान लाल भी नहीं हुआ था, कुछ तारे टिमटिमा रहे थे तब भी दिशाओं में धुंध उजाला फैल गया था, सामने का सब कुछ साफ-साफ दिखने लगा […]
विमल कुमार परिमल भारतीय संस्कृति की निर्माण-प्रक्रिया में रामकथा की लोकप्रियता और जनस्वीकार्यता एक महत्वपूर्ण अवयव है. इसी तरह रामकथा के विकास में सीता की अहम भूमिका है. सर्वोत्तम गुण सम्पन्न नारी के पर्याय के रूप में सीता का नाम आता है. यह अलग बात है कि लोकप्रचलित रामकथा में राम का नायकत्व अधिक प्रभावी […]
हिंदुओं के अंदर खतरे को भांप लेने की क्षमता एकदम शून्य है… तालिबान सिर पर आ चुका है और हिंदुओं को कोई होश नहीं है। तालिबान की फोर्स में सबसे ज्यादा पश्तून नस्ल के लड़ाके हैं… पश्तून यानी पठान । अहमद शाह अब्दाली भी पश्तून ही था (आज के तालिबानियों का पूर्वज) 1761 में जब […]