लेखक- महात्मा नारायण स्वामी प्रस्तोता- दीपक हाडा, प्रियांशु सेठ संसार के अधिकतर मनुष्य आध्यात्मिकता को अच्छा समझते हैं, परन्तु बहुत थोड़े मनुष्य ऐसे मिलेंगे जो शब्द को अच्छा मानने के साथ इनका प्रायोजन भी समझते हैं। मानव का बाह्य भाग शरीर है तथा भीतरी भाग आत्मा, अत: आध्यात्मिकता शब्द ही (जो आत्मा से सम्बन्धित है) […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
विवेक दर्शन पत्रिका अभी हाल ही में अरब द्वारा तबलीगी जमात को आतंकवादी मानते हुए अरब में ही प्रतिबंधित कर दिया। और यह जब भारत में उनके इन सभी कुकर्मी का हमे साली से पता था तो भी माननीय विपक्ष और तथाकथित सेकुलर इनके बेन को तो छोड़िए किसी भी प्रकार से किसी भी सुविधा […]
मारिया वर्थ स्वामी विवेकानंद ने कहा था, कि हिंदू धर्म छोडने वाला हर व्यक्ति ना सिर्फ हिंदू की संख्या एक से कम करता है, बल्कि दुश्मनों की संख्या एक से बढ़ाता है। हठधर्मी क्रिश्चियनिटी के दम घुटनेवाले माहौल में पली हुई एक महिला के विचार, जो हिंदू धर्म की लचीली स्वतंत्रता और ताजापन को सहारती […]
डॉ. प्रभात कुमार सिंघल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्तपुरी के शहर सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के बावजूद भारत की एकता को दर्शाते हैं। ये शहर हमारे देवताओं और अवतारों की जन्म भूमि रही हैं। इन शहरों में धर्म और आध्यात्म की सरिता बहती हैं और श्रद्धालु इनकी यात्रा कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। सप्तपुरी […]
लेखक: सहदेव समर्पित, संपादक शांतिधर्मी मासिक, जींद 9416253826 स्वराज्य तभी संभव हो सकता है जब हिन्दू इतने अद्दिक संगठित और शक्तिशाली हो जाएँ कि नौकरशाही तथा मुस्लिम धर्मोन्माद का मुकाबला कर सकें। -स्वामी श्रद्धानन्द मृतप्रायः हिन्दू जाति की रगों मेें नये रक्त का संचार करने वाले, अपनी सिंह-गर्जना से देश और धर्म के दुश्मनों को […]
उगता भारत ब्यूरो जिस आदमी ने श्रीमदभगवद गीता का पहला उर्दू अनुवाद किया वो था मोहम्मद मेहरुल्लाह! बाद में उसने सनातन धर्म अपना लिया! पहला व्यक्ति जिसने श्रीमदभागवद गीता का अरबी अनुवाद किया वो एक फिलिस्तीनी था अल फतेह कमांडो नाम का! जिसने बाद में जर्मनी में इस्कॉन में शामिल हुआ और अब हिन्दू है! […]
गोविन्द शर्मा यह कहानी है अहिल्या बाई होल्कर और श्रीकाशी विश्वनाथ की….. इसी कहानी में मोदी और श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के विरोध का रहस्य छिपा है…….. विरोध केवल मोदी का ही नहीं हो रहा है और विरोध पहली बार ही हो रहा है ऐसा भी नहीं है।विरोध तो श्रीमंत मल्हार राव होल्कर और मातोश्री अहिल्याबाई […]
शिबन कृष्ण रैणा कल्हण ने ‘राजतरंगिणी’ में कश्मीर का इतिहास गोनन्द-२ नाम के राजा से प्रारम्भ किया हैI यह वह समय है जब पाण्डवों के राजा युधिष्ठिर का राजतिलक हुआ था। गोनन्द-२ मगध के राजा जरासंघ का निकट-सम्बन्धी था।यमुना तट पर जब श्रीकृष्ण के साथ जरासंघ ने युद्ध किया, तो इसमें गोनन्द-२ ने भी भाग […]
राकेश सैन पूरी बात जानने के लिए पाठकों को पंजाब की सामाजिक परिस्थितियों के बारे जानना आवश्यक है। राज्य में होने वाली बेअदबी की घटनाएं केवल राजनीति को ही प्रभावित नहीं करतीं बल्कि राज्य में आतंकवाद के दौर से ही सक्रिय अलगाववादी तत्व इसे अवसर के रूप में लेते हैं। श्री गुरु ग्रन्थ साहिब इस […]
डॉ. अजय खेमरिया भारतीय समाज के कम ही लोगों को पता है कि महाराज विक्रमादित्य ने भी बाबा महाकाल मंदिर की शोभा बढ़ाने के साथ साथ लोप हो चुकी अयोध्या की फिर से खोज करने तथा श्री राम जन्म मंदिर के पुनर्निर्माण कराने का महती कारज भी किया था। आज से कोई 2078 बरस पहले, […]