डॉ. ओमप्रकाश पांडे भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। सप्ताह में सात दिन होते हैं तो नौ त्योहार होते हैं। सभी त्योहारों को हम सामान्य तौर पर चार विभागों में बाँट सकते हैं। कुछ त्योहार राष्ट्रीय प्रकृति के होते हैं, कुछ सामाजिक प्रकृति के, कुछ पारिवारिक और कुछ व्यक्तिगत प्रकार के त्योहार होते […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
भयानक साजिश – प्रशांत किशोर और मोहता बानो द्वारा! विपक्ष बहुत ही भयावह साजिश पर काम कर रहा है। पूरी तरह से जानते हुए, वे 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी और बीजेपी को नहीं हरा सकते हैं, और अच्छी तरह से जानते हुए, अगर वे हार गए तो उनके दिन गिने जाएंगे, वे बहुत […]
================================ आचार्य श्री विष्णु गुप्त धनपशु भी गजब के होते हैं, उन्हें ज्ञान से नफरत होती है। एक प्रसंग बहुत ही रोचक है। हुआ यह कि मेरे एक जानने वाले धनपशु हैं। वे मुझसे हमदर्दी हमेशा जताते रहते थे। मेरे फकर स्वभाव को देख कर वह बहुत दूख भी जताते थे, कहते थे कि आपने […]
राष्ट्र-चिंतन *विष्णुगुप्त* मोदी-योगी की जुगलबंदी से युक्त एक फोटो मात्र ने राजनीति-मीडिया में तहलका मचा दिया। राजनीति में भी इस फोटो की खूब चर्चा हुई, सोशल मीडिया में तो यह फोटो एक तरह से तहलका ही मचा कर रख दिया। दो राजनेताओं के एक साथ एक फोटो इतना बड़ा तहलका मचा देगा, इसकी उम्मीद या […]
विमान और उस पर शास्त्र श्रीकृष्ण जुगनु प्राचीन भारत में आकाश में उडऩे वाले विमान थे – यह कल्पना है या वास्तविकता। यह सवाल हमेशा मैं भी सोचता हूं और मित्रगण आज भी पूछते हैं। पुष्पक विमान ने राम को जल्द ही लंका से अयोध्या पहुंचा दिया था. यक्षों के अन्य विमानों के नाम भी […]
ताज होटल में आतंकियों ने लोगों को हाथ दिवार से लगाकर मुँह दीवार की तरफ कर खड़ा होने के लिए कहा ! आतंकी नाम पूछते जाते और प्रत्येक हिन्दू को गोली से उड़ाते जाते…. ऐसे में एक नौजवान ने पाकी आतंकी से पूँछा कि ” किस गलती की सजा दे रहे हो ?”….. आतंकी ने […]
सन्दल बार के इलाके (अब पाकिस्तान) में मुगल बादशाह अकबर के दौर में एक मुसलमान राजपूत बागी हुआ था, जिसका नाम था ‘दुल्ला भट्टी‘ (राय अब्दुल्ला भट्टी)। भट्टी कबीला राजपूतों की एक प्रसिद्ध शाखा है। भारत-पाकिस्तान सरहद से लगभग 200 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब में ‘पिंडी भट्टियां’ गांव है। पंजाब की लोक-कथाओं का यह […]
न राज्यं न च राजासीत् , न दण्डो न च दाण्डिकः । स्वयमेव प्रजाः सर्वा , रक्षन्ति स्म परस्परम् ॥ न राज्य था, ना राजा था, न दण्ड था, न दण्ड देने वाला था. संवेदनशील राज्य की संवेदनशील जनता स्वयं सारी प्रजा ही एक-दूसरे की रक्षा करती थी. यही संविधान का या क़ानून का अंतिम […]
उगता भारत ब्यूरो हल्दी के फायदों पर पिछले दिनों हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अगर कोई इंसान दर्द में जल्दी आराम पाने के लिए पैरासिटामोल और आईबूप्रोफेन की जगह हल्दी लेता है तो यह ज्यादा फायदेमंद होता है। भारतीय घरों में होने वाले देसी इलाजों का फायदा अब दुनियाभर के डॉक्टर और […]
राजशेखर व्यास विक्रम संवत् के दो हजार वर्ष का समाप्त होना भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी। विक्रमादित्य की स्मृति को बनाए रखने के लिए जिस विक्रम संवत् का प्रवर्तन हुआ था, इस डोर के सहारे हम अपने आपको उस श्रृंखला के क्रम में पाते हैं, जिसके अनेक अंश अत्यंत उज्ज्वल एवं गौरवमय रहे […]