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आतंकवाद

फतवा – फसाद की मानसिकता और वैक्सीन विवाद

सज्जाद हैदर पूरे विश्व में एक भारी संकट है जिसे कोरोना अथवा कोविड 19 के नाम से जाना जाता है। जिससे पूरा विश्व त्रस्त है। दुनिया के सभी देश इस प्राण घातक बीमारी से बाहर निकलने के लिए पूरी तरह से संघर्ष कर रहे हैं। पूरे विश्व की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा कर […]

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राजनीति

नीतीश ने लिया अहम फैसला : आरसीपी सिंह को जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष की सर्वसम्मति से सौंपी कमान

– मुरली मनोहर श्रीवास्तव जदयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि एक साथ दो पद संभालना आसान नहीं। बिहार का मुख्यमंत्री और जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष, दोनों भूमिका एक साथ निभाना कठिन कार्य है। इसलिए बैठक में नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह के […]

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भारतीय संस्कृति विश्वगुरू के रूप में भारत

प्राचीन काल से ही वास्तु एवं स्थापत्य का संगम रहा है राजस्थान

  विवेक भटनागर ऐतिहासिक रूप से मेवाड़ या शिबि जनपद का भारतवर्ष की राजनीति में अत्यन्त व्यापक प्रभाव है। इस जनपद का वर्णन स्ट्रेबो ने अपनी इण्डिका में शिबोई जन के रूप में किया है। यहां पर स्थापत्य का विकास क्रम इतिहासिक रूप से दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से आगे जाता है। इस क्षेत्र में […]

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आओ कुछ जाने स्वर्णिम इतिहास

प्राचीन काल में विष के चिकित्सक रहे हैं ऋषि कश्यप

  प्रस्तुति:- राकेश कुमार आर्य (बागपत) एक बार राजा परीक्षित आखेट हेतु वन में गये। वन्य पशुओं के पीछे दौडऩे के कारण वे प्यास से व्याकुल हो गये तथा जलाशय की खोज में इधर उधर घूमते घूमते वे शमीक ऋषि के आश्रम में पहुँच गये। वहाँ पर शमीक ऋषि नेत्र बंद किये हुये तथा शान्तभाव […]

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कृषि जगत

खेती में महिलाओं की भूमिका को देखकर उन्हें भी मिलना चाहिए किसान का दर्जा

  डॉ. रमेश ठाकुर खेतों में पुरुषों से ज्यादा काम करती हैं महिलाएँ, उन्हें भी मिलना चाहिए किसान का दर्जा आधी आबादी के उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल एक अच्छी पहल की है। महिला किसानों के लिए ‘महिला किसान सशक्तीकरण योजना’ का श्रीगणेश किया। योजना के तहत 24 राज्यों और केंद्र शासित […]

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राजनीति

मौलिक अंतर है अटल जी की भाजपा और मोदी की भाजपा में

  अजय कुमार पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल जी के 96वें जन्मदिन पर एक तरफ केन्द्र की मोदी और राज्यों की भाजपा सरकारें तमाम कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं तो दूसरी तरफ सवाल उठ रहा है कि यदि अटल जी जीवित होते तो वह आज की भाजपा में कितना प्रसांगिक होते 25 दिसंबर का दिन हिन्दुस्तान […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

शिक्षा की गुरुकुलीय भारतीय परंपरा, जिसके चलते बना था भारत विश्वगुरु

  डॉ. ओमप्रकाश पांडेय लेखक अन्तरिक्ष विज्ञानी हैं। भारतीय परम्परा में वेद को ब्रह्माण्डीय ज्ञान के मूल स्रोत के रूप में स्वीकार करते हुए इसे ईश्वर का नि:श्वास ही माना गया है (यस्य नि:श्वसितं वेदा यो वेदोभ्योऽखिलं जगत्)। यद्यपि वेदों का प्रतिपाद्य विषय सार्वभौमिक उत्कृष्टता के समुच्चय से ही संबंधित है, जिसे देश या काल […]

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राजनीति

बंगाल के सियासी खूनी खेल के लिए जिम्मेदार कौन?

प्रणय कुमार शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो बंगाल की प्रतिभा एवं बौद्धिकता को देखकर अचंभित न रह जाता हो! पर कैसी विचित्र विडंबना है कि जो बंगाल कला, सिनेमा, संगीत, साहित्य, संस्कृति की समृद्ध विरासत और बौद्धिक श्रेष्ठता के लिए देश ही नहीं पूरी दुनिया में विख्यात रहा है, वह आज हिंसा, रक्तपात, […]

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इतिहास के पन्नों से गीता का कर्मयोग और आज का विश्व

मन से आत्मा की यात्रा : गीता सार

यथार्थ गीता के संबंध में श्रीमद्भगवद्गीता को यथार्थ मानव शास्त्र प्रतिपादित करते हुए स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज का कथन है-“श्री कृष्ण जिस स्तर की बात करते हैं, क्रमशः चल कर उसी स्तर पर खड़ा होने वाला कोई महापुरुष अक्षरशः बता सकेगा कि श्री कृष्ण ने जिस समय गीता का उपदेश दिया था, उस समय उनके […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

राष्ट्रीय सौर कैलेंडर की उपेक्षा करने की दोषी सरकार भी है

  लेखिका:- लीना मेहेंदले (लेखिका सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं) कितने लोगों को पता है कि राष्ट्रीय प्रतीकों की ही भांति देश की सरकार ने अपना एक कैलेंडर भी मान्य किया है, जोकि अपने देश की प्राचीन पंचांग परंपरा पर आधारित है। पंडित नेहरू द्वारा प्रसिद्ध विज्ञानी मेघनाद साहा के नेतृत्व में बनाई गई कैलेंडर समिति […]

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