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महत्वपूर्ण लेख

नीतीश कुमार की लात बार बार भाजपा गर्व से क्यों खायी ?*

*राष्ट्र-चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* =================== भाजपा को एक बार फिर नीतीश कुमार ने लात मारी, एक बार फिर भाजपा मूर्ख बन गयी। नीतीश कुमार के सामने भाजपा के बड़े-बड़े महाराथी और तिस्मारखां संस्कृति के नेता देखते रह गये और नीतीश कुमार भाजपा को एक झटके में जमीन पर पटक कर अपना अलग गठबंधन खड़ा कर […]

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आतंकवाद

*मुस्लिम फतवा देने वालों को फांसी पर लटकाओ*

*राष्ट्र-चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* ================ बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तसलीमा नसरीन ने फतवा और मौलवियों पर एक गंभीर प्रश्न उठायी है। इस गंभीर प्रश्न पर दुनिया भर में संपूर्ण व्याख्या होनी चाहिए। उन्होने फतवे और मौलवियों को लेकर उन्होंने कौन सा प्रश्न उठाया है? उनका प्रश्न है कि मनुष्यता का सिर कलम करने का फतवा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद जैसे संतों ने जगाई राष्ट्रीय चेतना

अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-17 नरेन्द्र सहगल विश्व के एकमात्र प्रथम राष्ट्र भारत को यदि ‘अध्यात्मिक राष्ट्र’ की संज्ञा से सम्मानित किया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। भारतीय संतों ने सदैव ‘भक्ति से शक्ति’ के सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए समाज को जागृत रखा। विदेशी एवं विधर्मी आक्रांताओं द्वारा […]

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इतिहास के पन्नों से

सुभाष चंद्र बोस ने किया था ब्रिटिश साम्राज्य पर अंतिम निर्याणक प्रहार

अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग 16 नरेन्द्र सहगल “तुम मुझे खून दो – मैं तुम्हें आजादी दूंगा” के गगनभेदी उद्घोष के साथ आजाद हिंद फौज के सेनापति और सशस्त्र क्रांति के अंतिम ध्वज-वाहक सुभाष चंद्र बोस ने 90 वर्षों तक निरंतर चले ‘स्वातंत्र्य-यज्ञ’ में अपने प्राणों से पूर्ण आहुति दी […]

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इतिहास के पन्नों से

सिंधु घाटी सभ्यता ,आर्य लोग और बुतपरस्ती

बुत्परस्तों के सरस्वती-सिंधू घाटी में प्रवेश करने से पहले तक इस धरती पर लगातार आर्य प्रशासकों ने ही शासन किया था। बाहर से आये चरवाहों ने मौका पाकर वैदिक आर्यों ब्राह्मणों, क्षत्रियों, वैश्यों को मार दिया और कुछ लोगों ने जंगलों में शरण लेकर अपने प्राणों की रक्षा की थी। जो आर्य लोग उन नृशंस […]

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इतिहास के पन्नों से

प्राचीन भारत के अस्त्र शस्त्र

प्राचीन भारतवर्ष के आर्यपुरुष अस्त्र-शस्त्र विद्या में निपुण थे। उन्होंने अध्यात्म-ज्ञान के साथ- साथ आततियों और दुष्टों के दमन के लिये सभी अस्त्र-शस्त्रों की भी सृष्टि की थी। आर्यों की यह शक्ति धर्म-स्थापना में सहायक होती थी। प्राचीन काल में जिन अस्त्र-शस्त्रों का उपयोग होता था, उनका वर्णन इस प्रकार है… अस्त्र उसे कहते हैं, […]

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अल्लाह की जान काफिरों ने बचायी !!

इस्लाम से पहले अरब के लोग नहीं जानते थे कि अल्लाह किस चीज का नाम है ,सन 610 के आसपास मुहमद ने अल्लाह की रचना की थी , और अपने अल्लाह को सबसे बड़ा , महान ,सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ साबित करने के लिए दिसंबर 629 ईस्वी रमजान 8 हिजरी में काबा में रखे 360 देवी […]

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इतिहास के पन्नों से

आधुनिक युग के छत्रपति शिवाजी थे क्रांति शिरोमणि वीर सावरकर

अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-15 नरेन्द्र सहगल भारत की सनातन संस्कृति के वैचारिक आधार ‘शस्त्र और शास्त्र’ को साक्षात अपने जीवन में चरितार्थ करने वाले स्वातंत्र्य वीर सावरकर आधुनिक सदी के छत्रपति शिवाजी थे। जिस प्रकार हिंदू समाज को हथियारबंद करके शिवाजी ने मुगलिया सल्तनत की ईंट से ईंट बजा […]

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भारतीय इतिहास का अमर नायक वीर दुर्गादास राठौर

अपनी जन्मभूमि मारवाड़ को मुक्त कराने वाले वीर दुर्गादास राठौड़ का का जन्म 13 अगस्त, 1638 को ग्राम सालवा में हुआ था। उनके पिता जोधपुर राज्य के दीवान श्री आसकरण तथा माता नेतकँवर थीं। आसकरण की अन्य पत्नियाँ नेतकँवर से जलती थीं। अतः मजबूर होकर आसकरण ने उसे सालवा के पास लूणवा गाँव में रखवा […]

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आज का चिंतन

सर्वांतर्यामी ओम ही सर्वोपरि है

स्वामी विद्यानंद सरस्वती (पूर्व नाम प्रिंसिपल लक्ष्मी दत्त दीक्षित जी हैं ), ने अपनी पुस्तक “खट्टी मीठी यादें” में पृष्ठ 95 से 97 तक इस विषय पर लिखा है, “मेरे प्रिंसिपल बनने के बाद सन 1959 ईस्वी में कॉलेज का पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया । परंपरा के अनुसार उस दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराया […]

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