लेखक – प्रो० मंगलदेव ‘लाम्बा’, एम० ए० स्त्रोत – समाज संदेश सितंबर 1971 गुरुकुल भैंसवाल कलां का मासिक पत्र प्रस्तुति – अमित सिवाहा राष्ट्रभाषा के महत्व पर यहां कुछ कहने की गुंजाइश नहीं है बाईबल में बेवल के मिनार की एक कथा आती है कि आदम के बेटों ने आसमान तक पहुंचने के लिए एक […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
45 साल के महात्मा गाँधी 1915 में भारत आते हैं, 2 दशक से भी ज्यादा दक्षिण अफ्रीका में बिता कर। इससे 4 साल पहले 28 वर्ष का एक युवक अंडमान में एक कालकोठरी में बन्द होता है। अंग्रेज उससे दिन भर कोल्हू में बैल की जगह हाँकते हुए तेल पेरवाते हैं, रस्सी बटवाते हैं और […]
अचानक भारतीय कंपनीयों का ही विरोध क्यों ? जबकि विदेशी कंपनियाँ बहुत समय से कई क्षेत्रों मे कब्जा करके बैठी हैं” उनका क्यों नहीं? अडानी” ओर “अंबानी “जिस जिस व्यापार मे आये, विदेशी कंपनियों की बैंड बजा दी । बस यही कारण है की इन विदेशी एजेंटों द्वारा अपने ही देश का बहिष्कार हो रहा […]
अस्त्र-शस्त्र का उत्तर अस्त्र-शस्त्र से देना उचित है। लेकिन विचारों का उत्तर तो विचार ही हो सकता है। किसी विचार, किसी लेख-कविता या पुस्तक के उत्तर में तलवार निकालना मजबूती नहीं, कमजोरी की निशानी है। किन्तु अरब से लेकर यूरोप, एसिया, अफ्रीका तक, हर कहीं इस्लामी नेता और संगठन सरल, संयत, वैचारिक संघर्ष से बचते […]
कहा जाता है कि बचपन में बच्चों के निर्दोष मस्तिष्क पर जो कुसंस्कार अंकित हो जाते है उन कुसंस्कारों को हटाना अत्यन्त दुष्कर कार्य होता है। प्रसिद्ध पाश्चात्य साहित्यकार स्व. मार्क ट्वेईन (Mark Twain) को बच्चों के कोमल मस्तिष्क को बिगाडने वाली बाईबल की अभद्र शिक्षाओं पर तंज कसने का एक अवसर मिला था, जिसका […]
#डॉ_विवेक_आर्य देवदत्त पटनायक काल्पनिक उपन्यास लिखने वाले लेखक है जिनके विषय मुख्य रूप से पौराणिक देवी-देवता होता हैं। आपके उपन्यास न केवल तथ्य रहित होते है बल्कि वैदिक सिद्धांतों से भी कोसो दूर होते हैं। मेरे विचार से यह व्यापार तुरंत बंद किया जाना चाहिए क्यूंकि इसके दूरगामी परिणामों पर कोई ध्यान नहीं देता। आज […]
राज कुमार सिंह देश जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, आजादी के आंदोलन की अगुवा रही कांग्रेस अपने भविष्य ही नहीं, शायद अस्तित्व के संकट से रूबरू है। इस गंभीर संकट से निपटने की कांग्रेस आलाकमान की नीति-रणनीति भी आशा जगाने के बजाय निराशा ही बढ़ाने वाली है। दशकों तक देश पर एकछत्र […]
मनुस्मृति – मनुस्मृति मे क्या है। मनुवाद क्या है? क्या महर्षि मनु जातिवाद के पोषक थे? यह सब जानने के लिए मनुस्मृति का वास्तविक स्वरूप पढ़िए। प्रस्तुत पुस्तक का प्रथम संस्करण 1912 में छपा था। विद्वान लेखक ने 30 अलग अलग संस्करणों के आधार पर मिलावटी श्लोकों को अलग किया था। आज इसे 100 साल […]
*आर्य विदुषी का अतुलनीय योगदान।* सिकंदराबाद के निकट पिलखन गाँव की कहानी यह है। 1904 का सन् था, बरसात का मौसम और मदरसे की छुट्टी हो चुकी थी… लड़कियाँ मदरसे से निकvल चुकी थी… अचानक ही आँधी आई और एक लड़की की आँखों में धूल भर गई, आँखें बंद और उसका पैर एक कुत्ते पर […]
बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं। 1 — बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग आस्टियोपोरोसिस और खून की कमी यानी एनीमिया नहीं होता। 2 — बाजरा लीवर से संबंधित रोगों को भी कम करता है। 3 — […]