दिलीप लाल हर कला की एक खासियत होती है। संगीत हो, लेखन हो, चित्रकारी हो, या फिर कोई और कला हो, सबको उसकी ऊंचाई तक ले जाने बड़ी साधना करनी पड़ती है। भाषण देना भी एक कला है। इसे निखारने के लिए भी इन शर्तों से होकर ही साधक को गुजरना पड़ता है। नियमित अभ्यास […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
मामूनी दास दिल्ली कोरोना महामारी ने न केवल आम परिवारों को प्रभावित किया है बल्कि सड़क पर रह कर ज़िंदगी गुज़ारने वाले बच्चों को अपराध की दुनिया में धकेल दिया था. बालकनामा में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सड़क पर रहने वाले कई बच्चे जो प्लेटफॉर्म पर निर्भर थे या जिनके परिवार अपनी आजीविका के […]
मध्यप्रदेश काडर के तेज तर्रार एवं दबंग आईपीएस और वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एयरपोर्ट प्रमोद श्रीपाद फलणीकर मध्यप्रदेश में 20 साल और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर 13 साल की सेवा देने के बाद आगामी 30 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। श्री फलणीकर चार वर्ष देश की प्रतिष्ठित एनएसजी […]
– 145 से अधिक देशों के लोगों और ग्रुप्स ने स्वीट फॉर सोप रन में किया प्रतिभाग – नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख पर्यावरणविद,इंटरनेशनल सोशल एक्टिविस्ट मीना गुली के नेतृत्व में संचालित संस्था थ्रस्ट ने ग्लोबल स्तर पर 145 से भी अधिक देशों के वॉश चैंपियन्स के साथ स्वीट फॉर सोप के दौरान चार लाख […]
रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव होने में करीबन एक साल का समय बाकी रह गया है। चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं ने अब चुनावी मैदान में आकर लोगों से जन संपर्क करना शुरू कर दिया है। मगर राजस्थान में सत्तारुढ़ दल कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भाजपा में बड़े नेताओं की लड़ाई […]
डॉ. महेंद्र ठाकुर जैसे-जैसे सर्दियों की ठंडक बढ़ रही है, उसी गति से पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में चुनावी गर्मी भी बढ़ रही है। विधानसभा चुनावों को लेकर हिमाचल प्रदेश का सन 1977 से एक अनोखा इतिहास रहा है। सन 1977 से कोई भी राजनितिक दल सत्ता में 5 साल रहने के बाद दोबारा सत्ता […]
*राष्ट्र-चिंतन* *दलितों का आरक्षण क्यों लूटना चाहते हैं मुस्लिम और ईसाई ?* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* =================== दलितों का आरक्षण लूटना क्यों चाहते हैं मुस्लिम और ईसाई? इस प्रश्न पर अब दलित राजनीति धीरे-धीरे गर्म हो रही है। दलित संगठनों में इसको लेकर न केवल चिंता है बल्कि आक्रोश भी कम नहीं है। अब छोटे-छोटे विचार […]
————————————————– भारत में खलीफत जिहाद (1919-1924) के इस्लामी साम्राज्यवादी उद्देश्य के लिए आंदोलन को सक्रिय समर्थन देकर, जिसका भारतीय राष्ट्रीय हितों से दूर का भी संबंध न था, गांधी ने क्या पाया? उनके अपने शब्दों में सुनिए। महादेव भाई के सामने 18 सितंबर 1924 को गांधी कहते हैं: ‘‘मेरी भूल? हाँ, मुझे दोषी कहा जा […]
भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान पूज्य तथा पावन समझा जाता है। कानों में गुरु शब्द के पड़ते ही अंत:करण में एक विशाल व्यक्तित्वमयी मूर्ति अंकित हो जाती है और हृदय से श्रद्धा भक्ति ओर अनुराग की वह रसयुक्त त्रिवेणी प्रवाहित हो उठती है, जो संपूर्ण बुराइयों को धोकर हृदय में अपूर्व शांति को भर […]
उगता भारत ब्यूरो ‘पटेल के खिलाफ था गांधी का आखिरी उपवास’ जानिए बापू पर क्यों चिल्लाए थे वल्लभभाई? सरदार पटेल के साथ महात्मा गांधी (फोटो सोर्स- कलेक्टेड वर्क्स ऑफ महात्मा गांधी, खंड 80, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित) भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को महात्मा गांधी के सबसे करीबी लोगों […]