* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️। महर्षि दयानंद सरस्वती ने पंचमहायज्ञ विधि नामक अमूल्य लघु ग्रंथ में ग्रहस्थ आश्रम में किए जाने वाले पांचो यज्ञों पर प्रकाश डाला है। महर्षि दयानंद जी की अपनी मान्यताओ के प्रस्तुतिकरण की( उल्लेखनीय होगा महर्षि की अपनी कोई निज मान्यता नहीं थी वेद की ही मान्यता महर्षि दयानंद की […]
लेखक: आर्य सागर खारी
* आप सभी साथियों को महर्षि धनवंतरी के जन्मदिवस अर्थात धनतेरस की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं! धनतेरस के दिन दिवोदास , सुश्रुत जैसे आदि शल्य चिकित्सकों के गुरु महर्षि धनवंतरी का जन्म हुआ था| जिन्होंने आयुर्वेद की ज्ञान परंपरा को समृद्ध व गौरवान्वित किया था |महाभारत काल के पश्चात इनका जन्म हुआ था | हमारी संस्कृति […]
लेखक – अमरस्वामी सरस्वती स्त्रोत – स्वामी भीष्म अभिनन्दन ग्रंथ प्रस्तुति – अमित सिवाहा श्री स्वामी भीष्म जी को अरनियां जिला बुलन्द शहर (उत्तर प्रदेश) में आर्य समाज के एक वार्षिकोत्सव पर थी कुंवर सुखलाल जी आर्य मुसाफिर ने बुलवाया था। पहले पहिल तभी मैंने इनको देखा और इनके भजनोपदेशों को सुना था। तब श्री […]
आजकल सभी लोगों में यह होड़ (Competition) लगी है कि “मुझे ऊंचा पद चाहिए, ऊंची नौकरी चाहिए, बहुत अधिक धन चाहिए, बड़ा व्यापार चाहिए, बड़ी प्रसिद्धि चाहिए, बड़ा बंगला चाहिए, बड़ी कार चाहिए, सब महंगे महंगे आभूषण आदि साधन चाहिएं इत्यादि।” “यदि मेरे पास यह सब हो, तो मैं सफल व्यक्ति मान जाऊंगा।” अर्थात लोगों […]
द्वा सुपर्णा सुयजा सखाया समानं वृक्षं परिषस्व जाते ! तयोरन्य: पिप्पलं स् वाद्वत्तनश्नन्नन्यो sभिचाकशीति !! समानेवृक्षे पुरुषो निमग्नोsनीशया शोचति मुह्यमान: ! जुष्टं यदा पश्यत्यन्यमीशमश्य महिमानमीति वीतशोक:!! यदा पश्य: पश्यते रुक्मवर्णं कर्तारमीशं पुरुषं ब्रह्मयोनिम्! तदा विद्वान् पुण्यपापे विधूय निरंजन: परमं साम्यमुपैति !! — मुण्डकोपनिषद – तृतीय मुण्डक प्रथम खण्ड १/३ भावार्थ : – इस जगत् रूपी […]
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ इस समय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता के लिहाज से बेहद खराब स्थिति है| एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के आंकड़े को छू रहा है| सरकार संस्थाओं, विशेषज्ञों को सूझ नहीं रहा है ऐसी स्थिति में क्या किया जाए..? समाधान सभी के सामने है परमात्मा ने वेदों में प्रदूषण के […]
* लेखक आर्य सागर खारी ✍ आज भारत के अधिकांश स्कूलों में ‘ हेलोवीन- डे ,बनाया गया जिसे भूतिया त्यौहार भी कहते हैं। इसे त्यौहार कहना त्यौहार शब्द का अपमान है क्योंकि भारत के परिपेक्ष में प्रत्येक त्यौहार के पीछे सार्थकता वैज्ञानिकता उत्साह उमंग छिपा होता है। यूरोप, अमेरिका आदि में यह 31 अक्टूबर को […]
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ पत्नी वह जो पति को पतन के मार्ग पर जाने से बचाए बुराइयों से रोके इसलिए उसे पत्नी कहा गया है| आयुर्वेद, जीवन दर्शन के ग्रंथों में आयु को घटाने -बढ़ाने वाले कर्म का विस्तार से वर्णन किया गया है | पति के सदाचार के पालन करने संयमित जीवन जीने […]
आज जिस भारत में हम सांस ले रहे हैं वह सरदार पटेल के कारण हैं. एक कश्मीर ही हमारे लिए मुसीबत बना हुआ है. यदि इस तरह के कुछ और कश्मीर (हैदराबाद/ जूनागढ़) होते तो हमारी हालत क्या होती? दक्षिण भारत की रियासत “हैदराबाद” पर निजाम उस्मान अली खान राज करता था । उस समय […]
संसार में तीन पदार्थ अनादि हैं। “अनादि का अर्थ है जिसका आदि न हो, अर्थात जिस वस्तु की उत्पत्ति कभी नहीं हुई, जो सदा से विद्यमान पदार्थ है, उसको अनादि कहते हैं।” “ऐसे तीन पदार्थ हैं, ईश्वर, आत्मा और प्रकृति।” “इन तीनों को समझना, और समझकर अपने आचरण का सुधार करना बहुत ही आवश्यक है। […]