परमात्मा का अस्तित्व शास्त्रार्थ महारथी- पंडित रामचंद्र दहेलवी 3 फरवरी को पंडित रामचंद्र जी दहेलवी का देहांत हुआ था। हम संसार मेँ जो कुछ भी कार्य करते हैँ, वे सब उस परम् पिता परमात्मा के द्वारा किये गये कार्योँ की नकल ही है। अपने द्वारा किये गये समस्त क्रिया-कलापोँ से ही हम उस परमपिता को […]
लेखक: आर्य सागर खारी
चांद मुहम्मद उर्फ साईँराम का संक्षिप्त जीवन परिचय जरुर पढ़ेँ… पिण्डारी डाकू साईं की असली कहानी और उसके द्वारा हिन्दुओ के खिलाफ जिहाद फैलाने के षड्यंत्र का भांडाफोड़ पिछले दिनों मेरे एक मित्र ने शिर्डी साईं के बारे में बहुत सी जानकारी इकठ्ठा की और मुझे बताया की साईं असल में क्या है कहा से […]
**चापेकर ब्रदर क्रांतिकारी आंदोलन के जनक*** लेख थोड़ा बड़ा है लेकिन निवेदन है कि अंत तक अवश्य पढ़ें,,,अभी हाल ही में कोरोना महामारी पूरी दुनिया में फैली जिसमे लाखो लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी उसी प्रकार 1896 में दुनिया के कई देशों सहित भारत में प्लेग की जानलेवा बीमारी फैली। शुरुआत में तटीय इलाके […]
दार्शनिक विचार आप किसी विदेशी द्वारा लिखी पुस्तक उठा कर देखिये। उसमें लिखा है कि विश्व का सबसे प्रथम व्यवसाय वेश्या वृति है। अचरज मत करे। आप इंटरनेट पर खोज करके देखे। सत्य आपके समक्ष आ जायेगा। पश्चिम की इस मान्यता का अनुसरण हमारे भारत के वामपन्थी आँख बंद कर करते हैं। पर कभी किसी […]
तेरी शान हरजां समाई हूई है, ये दुनिया तुम्हारी बनाई हूई है। शशि में रवि और रवि में भी तुम हो, ये सब चमक तेरी फैलाई हूई है। यहां तू वहां तू इधर तू उधर तू, हर घट पट में ज्योति जगाई हूई है। निकट तू अलग तू तेरा मैं मेरा तू,मगर फिर भी […]
समाचार पढ़ा कि कोई सौ रिटायर्ड नौकरशाहों ने एक पत्र लिख कर प्रधान मंत्री से कहा है कि पीएम केयर्स फण्ड में पारदर्शिता नहीं है. उनका चिंता सही हो सकती है, गलत भी हो सकती है. मेरे लिए इस पर कोई टिपण्णी करना कठिन है क्योंकि मुझे इस की कोई जानकारी नहीं है. पर […]
भारत के इतिहास में ऐसे अनेकों वीर/वीरांगना हुए हैं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया है। और जब बात बलिदानी परिवार की होगी तो इसमें सिंध के राजा दाहिर सेन एवं उनके स्वजनों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। लेकिन इतिहासकारों ने ऐसा छल किया है […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा केसर की खेती बड़ी मेहनत का काम है। कश्मीरी केसर को कश्मीरी मोगरा के नाम से जाना जाता है और सामान्यतः 80 फीसदी फसल अक्टूबर-नवंबर में तैयार हो जाती है। केसर के नीले-बैंगनी रंग के कीपनुमा फूल आते हैं और इनमें दो से तीन नारंगी रंग के तंतु होते हैं। […]
संकलनकर्ता- डॉ० भवानीलाल भारतीय प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ •आचार्य पं० रामचन्द्र शुक्ल (१८८४-१९४०) (आचार्य रामचन्द्र शुक्ल- हिन्दी समीक्षा को नवीन रूप देने वाले आचार्य शुक्ल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक थे। वे अपने मनोवैज्ञानिक निबंधों तथा सूर, तुलसी एवं जायसी पर लिखी समीक्षाओं के कारण विशेष ख्याति अर्जित कर सके। रसवादी समीक्षा शैली […]
सदियों से जीव भटकता पर चैन कभी ना आया कई बार जिया मर-मर कर फिर भी जीना ना आया वृक्षों पशुओं में भटका पर उपकार न सीखा नित नया पाप करने का सीखा इक नया तरीका पशु पुरुष में अन्तर क्या है ये भेद जान न पाया कई बार जिया मर-मर कर फिर भी जीना […]