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भारतीय संस्कृति

*वैदिक नव वर्ष के विविध आयाम*”

आगामी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तदनुसार 2 अप्रैल शनिवार 2022 को सृष्टि संवत 1960853123 वे वर्ष के साथ-साथ वैदिक नव वर्ष (हिंदू नव वर्ष) विक्रमी संवत 2079 का शुभारंभ दिवस है। कालगणना ज्योतिष की दृष्टि से वैदिक नववर्ष संसार के सबसे प्राचीन कैलेंडर (दिनदर्शिका ) को पूर्ण करता है जिसकी रचना वैदिक आर्यों ने की ।यह […]

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पर्यावरण

पल्ला की प्यास कौन बुझाएगा …..?

_____________________________ मोहे सुन- सुन आवे हांसी रे पानी में मीन प्यासी रे…..! भक्ति काल में यह दोहा कबीर ने अज्ञानी मनुष्यो के लिए रचा जो भगवान के पास होते हुए भी भगवान से कोसो दूर है….. ना अब भक्ति काल है और ना भक्ति के सही स्वरूप को कोई समझना चाहता जमाना केवल समझता है […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

कथित राष्ट्रपिता गांधी पर भारी सच्चा राष्ट्रपुत्र भगत सिंह।

गांधी के कुटिल राष्ट्र घातक चिंतन कुविचारो का सर्वप्रथम वैचारिक बौद्धिक वध भगत सिंह ने ही किया। ___________________________________________ आर्य सागर खारी✍✍✍✍ मोहनदास करमचंद गांधी हाड मास का पुतला ही नहीं जैसा भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टाइन ने उनके विषय में कहा था। गांधी अनेक दुर्गुण दोषो का भी पुतला थे। गांधी को परनिंदा करने में बहुत […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

*शहीद भगत सिंह को ,आश्रय देकर धन्य हो गई गौतम बुध नगर की भूमि*

_______________ उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या है? हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या है? “अब तो मर कर ही ये उल्फत जाएगी मेरी मिट्टी से खुशबू -ए – वतन आएगी” गौतम बुध नगर की भूमि धन्य हो गई भारत माता के अमर सपूत शहीदे आजम भगत सिंह को शरण […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

*महान विचारक बुद्धिमता की खान थे भगत सिंह*

_ ___________________________ भगत सिंह ना केवल एक महान देशभक्त , क्रांतिकारी थे अपितु वह बुद्धिमता की खान भी थे| बचपन से ही वे पुस्तकों में खोए रहते थे लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित किया गया पुस्तकालय द्वारकादास लाइब्रेरी जैसे उनका घर बन गया था| उनके साथी बताते थे कि किस तरह हर समय उनके कुर्ते […]

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स्वास्थ्य

गुर्दे और जल संरक्षण

__________________ आज विश्व जल दिवस है| पर्यावरण गोष्ठियों सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जल संरक्षण जल की महत्ता को लेकर अनेकों अनेक जागरूकता संदेश प्रचारित प्रसारित किए जा रहे हैं| बात जब जल के बचाने को लेकर होती है तो आधुनिक वाटर कंजर्वेशन के तमाम मॉडल्स पर डिस्कशन होता है लेकिन दुनिया का सबसे […]

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आज का चिंतन कृषि जगत

अटल तपस्वी सेमल॥

•••○•••○•••○••• प्रकृति की अग्रिम पंक्ति में शामिल होकर सेमल जैसे वृक्ष निश्चल स्वभाविक सहज भाव से बसंत उत्सव में ही निहित होलिकात्सव मनाते हैं। सेमल व पलास जैसे वृक्ष सर्दी के सीजन की अंतिम ऋतु शिशिर के गुजरते ही बसंती उत्सव मनाने लगते हैं लाल लाल बडे फूलों से सज जाते हैं। सेमल का वृक्ष […]

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आज का चिंतन

“पाँच हजार साल से सोने वालों जागो”

बिजनौर जनपद में साधारण से दिखने वाले निहाल सिंह सरकारी चौकीदार थे। आपकी अनेक स्थानों पर बदली होती रहती थी। एक बार एक बड़े कस्बे में आपका तबादला हुआ। रात को पहरा देते हुए आप कहते थे “पाँच हजार साल से सोने वालों जागो”। आपकी आवाज सुनकर लोग आश्चर्य में पड़ गए क्योंकि उन्हें जागते […]

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कृषि जगत

*वनवासियों से ही जैव विविधता सुरक्षित है*

____________________________________ कल अंतरराष्ट्रीय वन्य जीव दिवस था | जो वर्ष 2013 से प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को मनाया जा रहा है| पृथ्वी पर इंसानों की आबादी 760 करोड़ है जो पृथ्वी पर पाए जाने वाले पूरे जीवो का महज 0.01 प्रतिशत है लेकिन दुखद आश्चर्य यह है इंसानों ने पूरी पृथ्वी के 83 फ़ीसदी जंगली […]

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Uncategorised

*फुलेरा_दूज_विलुप्तप्राय_पर्व*

_________________ 🌸🌹🌻🌺🍁🌷🌻🌼🌻🌸🌹🌻🌼🌼🌸 आज 4 मार्च को फुलेरा दूज है। फागुन मास में शुक्ल पक्ष क दूसरी तिथि( द्वितीय )को मनाया जाने वाला फुलेरा दूज प्रकृति के सौंदर्य के प्रति समर्पित पर्व है जो उत्तर भारत में मनाया जाता .. है। यह पर्व होली से 13 दिन पूर्व पड़ता है इस दिन माताएं बहने सरसों के […]

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