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धर्म-अध्यात्म

उपयोग की सभी वस्तुओं का स्वदेश में ही उत्पादन देशोन्नति तथा आत्मनिर्भरता का मूल है

भारत विश्व का सबसे प्राचीन राष्ट्र है। भारत ने ही सृष्टि के आरम्भ से विश्व के लोगों को भाषा एवं ज्ञान दिया है। विश्व के प्राचीनतम ग्रन्थों में प्रमुख मनुस्मृति के अनुसार भारत वा आर्यावर्त देश ही विश्व में विद्वान, चरित्रवान व गुणी लोगों को उत्पन्न करने वाला देश है। यहां के ऋषि, मुनि, विद्वान […]

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वैदिक संपत्ति

धार्मिक एवं सामाजिक साहित्य में सत्यार्थ प्रकाश का अग्रणीय स्थान है

ओ३म् =========== संसार में धर्म व नैतिकता विषयक अनेक ग्रन्थ हैं जिनका अपना-अपना महत्व है। इन सब ग्रन्थों की रचना व परम्परा का आरम्भ सृष्टि के आदिकाल में ही ईश्वर प्रदत्त वेदों का ज्ञान देने के बाद से हो गया था। सृष्टि को बने हुए 1.96 अरब वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस अवधि में […]

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भारतीय संस्कृति

तामसिक भोजन एवं मांसाहार करने वाला मनुष्य ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता

ओ३म् =========== हम और हमारा यह संसार परमात्मा के बनाये हुए हैं। संसार में जितने भी प्राणी हैं वह सब भी परमेश्वर ने ही बनाये हैं। परमेश्वर ने सब प्राणियों को उनके पूर्वजन्मों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल भोगने के लिये बनाया है। परमात्मा ने मनुष्यों के शरीर की जो रचना की […]

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व्यक्तित्व हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ईश्वर, वेद , देश भक्त आदर्श महापुरुष तथा विश्व के सच्चे हितैषी महर्षि दयानंद

ओ३म् =========== परमात्मा की सृष्टि में अनेक अनादि, नित्य व शाश्वत् आत्मायें जन्म लेती हैं। अधिकांश ऐसी होती हैं जो जन्म लेती हैं और मर जाती हैं। लोग उन्हें जानते तक नहीं। इनका जीवन अपने सुख व समृद्धि में ही व्यतीत होता है। इसके विपरीत कुछ आत्मायें ऐसी भी होती हैं जो मनुष्य जन्म लेकर […]

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राजनीति

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का देश को उत्साहवर्धक और प्रेरणादायक संबोधन

ओ३म् ========== आज दिनांक 12-5-2020 को एक बार पुनः भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने करोना महामारी की चर्चा की और कहा कि इस रोग को हमें रोग से बचाव सम्बन्धी सभी सावधानियों को रखकर पराजित करना है। इसके साथ ही देश की उन्नति सहित निर्धन […]

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भारतीय संस्कृति

मनुष्य को सत्य धर्म का अनुसरण कर उसी का पालन करना चाहिए

हमें मनुष्य का जन्म क्यों प्राप्त हुआ है? इसके पीछे कौन सी अदृश्य सत्ता व शक्ति है जिसने निश्चित किया कि हमारी आत्मा को मनुष्य जन्म मिले? इसका उत्तर वैदिक साहित्य को पढ़ने से मिलता है। मनुष्य को मनुष्य जन्म उसकी आत्मा के पूर्वजन्म के कर्मों के आधार पर मिलता है। इन कर्मों को जीवात्मा […]

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समाज

देश और आर्य समाज देश व समाज की प्रमुख संपत्ति व शक्ति हैं

ओ३म् =========== आर्यसमाज का अस्तित्व वेद पर आधारित है। वेद ईश्वरीय ज्ञान और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेद ज्ञान व विज्ञान से युक्त व इनके सर्वथा अनुकूल है। वेद विद्या के ग्रन्थ हैं। वेद में अन्य ग्रन्थों के समान, कहानी किस्से व किसी आचार्य व मत प्रवर्तक के उपदेश नहीं हैं अपितु वेदों […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महाराणा प्रताप का जीवन भारत वासियों के लिए प्रेरणादायक है : जयंती पर विशेष

ओ३म् -महाराणा प्रताप जी की जयन्ती पर- ============ आज भारत के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान रखने वाले एक देशभक्त निर्भीक व साहसी क्षत्रिय महापुरुष, वैदिक धर्म व संस्कृति के आदर्श एवं भारत माता के वीर सपूत महाराणा प्रताप जी की जयन्ती है। महाराणा प्रताप जी का जन्म आज ही के दिन 9 मई, सन् 1540 […]

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देश विदेश

देश देशांतर में वेदों के व्यापक प्रचार-प्रसार से ही वेद की रक्षा संभव

ओ३म् =========== संसार में मनुष्य के लिये सबसे महत्वपूर्ण एवं उपयोगी वस्तु सद्ज्ञान है। सद्ज्ञान का पुस्तक केवल वेद ही है। वेद सृष्टि के आरम्भ में मनुष्यों के कल्याण के लिये परमात्मा से प्राप्त अत्यावश्यक सर्वांगीण ज्ञान है। मानव जाति का सौभाग्य है कि वेद आज भी सृष्टि के आदि स्वरूप में पूर्णतः सुरक्षित हैं। […]

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समाज

धर्म की रक्षा व पालन पोषण करना प्रत्येक सत्पुरुष का कर्तव्य है

ओ३म् ============ धर्म क्या है इसका ज्ञान देश देशान्तर के सभी मनुष्यों को नहीं है। अधिकांश लोग मत विशेष को ही धर्म मानते हैं। धर्म संस्कृत भाषा का शब्द है। यह शब्द किसी भी विदेशी भाषा में नहीं है। धर्म से कुछ मिलते जुलते विदेशी शब्द रिलीजन व मजहब आदि हैं परन्तु वह धर्म के […]

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