-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वैदिक धर्म संसार का सबसे प्राचीन एवं एकमात्र धर्म है। अन्य धार्मिक संगठन धर्म न होकर मत व मतान्तर हैं। तथ्यों के आधार पर ज्ञात होता है कि सृष्टि के आरम्भ में ही वेदों वा वैदिक धर्म का प्रादुर्भाव ईश्वर से हुआ था। इससे सम्बन्धित जानकारी आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द […]
लेखक: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् “वेदों का महत्व एवं उनका अध्ययन व प्रचार मानवमात्र का कर्तव्य वेदों का नाम प्रायः सभी लोगों ने सुना होता है परन्तु वेदों को अपना प्रमुख धर्मग्रन्थ माननेवाले आर्य वा हिन्दू भी वेदों के बारे में अनेक तथ्यों को नहीं जानते। हमारा सौभाग्य है कि हम ऋषि दयानन्द जी से परिचित हैं। उनके आर्यसमाज […]
========= हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना और न ही यह पौरुषेय रचना है। इस संसार को मनुष्य अकेले व अनेक मिलकर भी नहीं बना सकते। हमारा यह सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, सौर मण्डल तथा ब्रह्माण्ड अपौरुषेय और ईश्वर से रचित हैं। प्रश्न किया जा सकता है कि परमात्मा ने यह संसार क्यों बनाया है? परमात्मा […]
========== आज दिनांक 12-2-2024 को महर्षि दयानन्द जी का 200वां जन्म दिवस है। उनके जन्म दिवस को 200 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस अवसर पर ऋषि दयानन्द की जन्म भूमि टंकारा-गुजरात में एक भव्य एवं विशाल आयोजन किया गया है। इस आयोजन में दिनांक 11-2-2024 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी […]
========= हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना और न ही यह पौरुषेय रचना है। इस संसार को मनुष्य अकेले व अनेक मिलकर भी नहीं बना सकते। हमारा यह सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, सौर मण्डल तथा ब्रह्माण्ड अपौरुषेय और ईश्वर से रचित हैं। प्रश्न किया जा सकता है कि परमात्मा ने यह संसार क्यों बनाया है? परमात्मा […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेदों का नाम प्रायः सभी लोगों ने सुना होता है परन्तु वेदों को अपना प्रमुख धर्मग्रन्थ माननेवाले आर्य वा हिन्दू भी वेदों के बारे में अनेक तथ्यों को नहीं जानते। हमारा सौभाग्य है कि हम ऋषि दयानन्द जी से परिचित हैं। उनके आर्यसमाज आन्दोलन के एक सदस्य भी हैं और हमने […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना और न ही यह पौरुषेय रचना है। इस संसार को मनुष्य अकेले व अनेक मिलकर भी नहीं बना सकते। हमारा यह सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, सौर मण्डल तथा ब्रह्माण्ड अपौरुषेय और ईश्वर से रचित हैं। प्रश्न किया जा सकता है कि परमात्मा ने यह संसार क्यों […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम इस पृथिवी पर रहते हैं। यह पृथिवी हमारे सौर मण्डल का एक ग्रह है। ऐसे अनन्त सौर्य मण्डल इस ब्रह्माण्ड में हैं। इस सृष्टि व ब्रह्माण्ड को किसने बनाया है? इसका समुचित उत्तर विश्व के वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। वेद और वैदिक धर्म के अनुयायी ऋषि-मुनि व वैदिक […]
========== जीवात्मा एक अत्यन्त अल्प परिमाण वाली चेतन सत्ता है। यह अल्प ज्ञान एवं अल्प शक्ति से युक्त होती है। इसका स्वभाव व प्रवृत्ति जन्म व मरण को प्राप्त होना है। जीवात्मा में मनुष्य व अन्य प्राणी-योनियों में जन्म लेकर कर्म करने की सामथ्र्य होती है। मनुष्य योनि में जन्म का कारण इसके पूर्वजन्म व […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आज हम आर्यसमाज धामावाला, देहरादून के रविवारीय सत्संग में सम्मिलित हुए। समाज में प्रातः 8.30 बजे से आर्यसमाज के पुरोहित श्री पं. विद्यापति शास्त्री जी के पौरोहित्य में यज्ञ हुआ। यज्ञ की समाप्ति के पश्चात पं. विद्यापति जी द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया। सामूहिक प्रार्थना भी सम्पन्न हुई। आर्यसमाज में आजकल […]