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पूजनीय प्रभो हमारे……

पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-49

कामनाएं पूर्ण होवें यज्ञ से नरनार की भोजन के समय की जाने वाली कामना भोजन करते समय हमारी कामनाएं कैसी हों इस पर भी वेद हमारा मार्गदर्शन करता है। वेद के इस मार्गदर्शन का बड़ा ही मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभ हमें मिलता है। हमारे अक्सर रोगग्रस्त रहने का कारण यही है कि हम भोजन करते […]

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संपादकीय

सर्वधर्म-समभाव का भ्रम-4

राजनेताओं से जनता निराश आज राजा और उसके चाटुकार सभी घोटालों में फंसे पड़े हैं। जनसेवा जीवन का उद्देश्य नहीं रह गयी है। जब राजा इस प्रकार का आचरण कर रहा हो तो प्रजा तो उसका अनुकरण करेगी ही। फलस्वरूप– चराजा की देखा–देखी जनता अपने राजधर्म से विमुख है, अपने राष्टरधर्म से विमुख है। चदेश […]

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संपादकीय

सर्वधर्म-समभाव का भ्रम-3

सर्वधर्म–समभाव का भ्रम-3 राकेश कुमार आर्य हमें चाहिए कि हम धर्म के वास्तविक अर्थों को समझें, ग्रहण करें और मानवीय समाज के शत्रु संप्रदायों के दानवी स्वरूप को त्यागें। किसी भी मजहब अथवा संप्रदाय की धर्म पुस्तकों की उन व्यर्थ बातों को भूलने और मिटाने का संकल्प लें जो सृष्टिïक्रम और विज्ञान के सिद्घांतों के […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

वीर राठौड़ों ने स्वतंत्रता के लिए दिये अपने अप्रतिम बलिदान

बीकानेर की ओर कामरान कामरान को खेतसी राठौड़ के सामने आधी अधूरी सफलता क्या मिल गयी थी, उसका दुस्साहस बढ़ गया और वह अब अपने साम्राज्य विस्तार की योजनाएं बनाने लगा। अत: वह बीकानेर की ओर बढऩे लगा। बीकानेर में उस समय राव जैतसी का शासन था। राव जैतसी के भीतर भी स्वतंत्रता प्रेम की […]

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पूजनीय प्रभो हमारे……

पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-48

भावना मिट जायें मन से पाप अत्याचार की गतांक से आगे……… जिससे बच्चों में उच्च मानवीय नैतिक गुणों का लोप होता जा रहा है और विद्यालय केवल ‘मशीनी मानव’ के रूप में बच्चों का विकास कर रहे हैं। जबकि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को मशीनी मानव न बनाकर संस्कारित समाज का एक संस्कारित समाज की […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

सर्वधर्म-समभाव का भ्रम-2

सर्वधर्म-समभाव का भ्रम -1 स्वतंत्रता के पश्चात से भारत में दस अच्छी बातों को 90 बुरी बातों पर विजयी बनाने के लिए प्रोत्साहित करने का बेतुका राग अलापा जा रहा है। इसके लिए ही ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘सर्वधर्म समभाव’ जैसे नारे यहां गढ़े गये हैं। होना तो यह चाहिए था कि इन 90 बुरी बातों को […]

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संपादकीय

मुस्लिम महिलाएं और मोदी

पीएम मोदी को मुस्लिम महिलाओं ने अपना मत दिया है? यह बात इस समय विशेषत: उत्तर प्रदेश के संदर्भ में इस प्रकार कही जा रही है कि जैसे मुस्लिम महिलाओं ने कोई अप्रत्याशित कार्य कर दिया हो। वास्तव में देश की परिस्थितियां ही ऐसी रही हैं कि यदि मोदी सरकार के किसी निर्णय के साथ […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय का सराहनीय निर्णय

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए गंगा-यमुना को एक जीवित व्यक्ति के से अधिकार प्रदान किये हैं। जिससे इन दोनों नदियों को ‘लीगल स्टेटस’ मिल गया है। उच्च न्यायालय ने अगले 8 सप्ताह में गंगा प्रबंधन बोर्ड बनाने का आदेश भी केन्द्र सरकार को दिया है। उच्च न्यायालय का मानना है कि […]

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राजनीति संपादकीय

‘योगी युग’ का शुभारंभ

योगी आदित्य नाथ ने भारत के उस उत्तर प्रदेश नामक प्रांत के मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाल लिया है, जो इस देश में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रांत है और विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से जिससे केवल छह देश ही बड़े हैं। सचमुच इसे बड़े प्रांत का मुख्यमंत्री बनना किसी देश के […]

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संपादकीय

केेजरीवाल जी! पहले दिल्ली संभालो

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली को दुर्दशाग्रस्त करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। दिल्ली की जनता उनके पीछे-पीछे बड़े-बड़े प्रश्न लिये घूम रही है और केजरीवाल हैं कि जनता की ओर न देखकर देश के अन्य प्रांतों की ओर देख रहे हैं। उन्होंने दिल्ली छोडक़र पंजाब भागने का मन बनाया, परंतु पंजाब की […]

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