संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को प्रारंभ हुई। उसी दिन सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किया गया लेकिन 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया।13 दिसंबर 1946 को जवाहर लाल नेहरू द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत करने के साथ सभा की कार्यवाही शुरू हुई। […]
लेखक: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
ओ३म् ========== मनुष्य एक चेतन व अल्पज्ञ आत्मायुक्त शरीर को कहते हैं जिसके पास दो हाथ व दो पैरों सहित बोलने के लिये वाणी होती है तथा एक विवेकवान व मनन करने की क्षमता से युक्त बुद्धि व मस्तिष्क होता है। मनुष्य की मृत्यु होने पर उसका शरीर अन्त्येष्टि कर्म के द्वारा नष्ट होकर अपने […]
कल के एक दैनिक समाचार पत्र की प्रथम पृष्ठ की लीड न्यूज़ को मैं पढ़ रहा था । राजनाथ सिंह का यह वक्तव्य उस समाचार का हेडिंग बनाया गया था कि भाजपा धर्म की राजनीति नहीं करती। देश के एक ऐसे बड़े नेता जो पूर्व में गृह मंत्री भी रह चुके हैं और देश की […]
गतांक से आगे… इस शब्दसाम्य के अतिरिक्त, चाल्डिया की डैल्यूज टेबलेट अर्थात् मनु के तूफान की कथा भी ज्यों की त्यों यहां के अनुसार ही लिखी हुई मिलती है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि वे आर्य ही है। हम अभी फिनिशियावालों के वर्णन के साथ लिख आए हैं कि बेबीलोनिया में पणियों और चोलों […]
मन का मधुमेह राग है, द्वेष दहकती आग। मन की लूटें शांति, जाग सके तो जाग॥ 1251॥ व्याख्या:- राग का अर्थ है- कर्मों में,कर्मों के फलों में तथा घटना, वस्तु,व्यक्ति,परिस्थिति,पदार्थ इत्यादि में मन का खिंचाव होना, मन की प्रियता होना राग कहलाता है।राग में फंसे हुए व्यक्ति को कभी तृप्ति नहीं मिलती है। राग को […]
ओ३म् =========== द्वेष किसी से नफरत करने को कहते हैं। इसके अनेक कारण होते व हो सकते हैं। कुछ लोग अच्छे होते हैं परन्तु हम अपने किन्हीं स्वार्थों के कारण उनसे द्वेष करते हैं। ऐसा करना वस्तुतः बुरा है। परन्तु कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने स्वार्थ के लिये दूसरों के हितों की […]
ओ३म् =========== मनुष्य जीवन परमात्मा का जीवात्मा को सबसे उत्तम व महत्तम उपहार है। हम विचार करें कि क्या ऐसा उत्तम उपहार ईश्वर के अतिरिक्त कोई किसी जीवात्मा को दे सकता है? हम पाते हैं कि इससे उत्तम उपहार संसार में दूसरा कोई नहीं है। ईश्वर ने हमें यह उपहार इस जन्म में तो दिया […]
बात उन दिनों की है जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था और शत्रु नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनके साथियों को समाप्त करने के लिए कटिबद्ध था । हर पल उस समय नेताजी और आजाद हिंद फौज के लोगों के लिए बहुत ही सावधानी बरतने का था । उस समय भी नेता जी ने […]
ओ३म ========== पं. रामचन्द्र देहलवी जी का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूर्ण योगदान है। उन्होंने वैदिक धर्म और इसके सिद्धान्तों सहित इस्लाम और ईसाई मत के ग्रन्थों पर भी एक अधिकारी विद्वान के रूप में स्थान प्राप्त किया था और इनकी समीक्षा बहुत प्रभावशाली एवं तथ्यपूर्ण रीति से करते थे। इसका महत्व इस कारण से […]
ओ३म ========== पं. रामचन्द्र देहलवी जी का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूर्ण योगदान है। उन्होंने वैदिक धर्म और इसके सिद्धान्तों सहित इस्लाम और ईसाई मत के ग्रन्थों पर भी एक अधिकारी विद्वान के रूप में स्थान प्राप्त किया था और इनकी समीक्षा बहुत प्रभावशाली एवं तथ्यपूर्ण रीति से करते थे। इसका महत्व इस कारण से […]