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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – ८ ख विदुला की कहानी

वीरांगना माता ने संजय से कहा कि “पुत्र ! जो लोग इस संसार में केवल संतान पैदा करने के लिए आते हैं, उन्हें इतिहास में कभी सम्मान नहीं मिलता । दान , तपस्या, सत्यभाषण, विद्या और धनोपाजर्न में जिसके शौर्य का सर्वत्र बखान नहीं होता, वह मनुष्य अपनी माता का पुत्र नहीं, मलमूत्र मात्र है। […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल ,भाग – 11 डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (Dr. A. P. J. Abdul Kalam)

डा. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। ये ऐसे पहले राष्ट्रपति रहे हैं जिनका राजनीति से कभी दूर का भी संबंध नहीं रहा। ये भारत के उपराष्ट्रपति नहीं बने, अपितु सीधे ही राष्ट्रपति बनाये गये। 1998 के पोखरण विस्फोट में डा. कलाम का अविस्मरणीय योगदान था। इस परमाणु विस्फोट से भारत ने ऊंची […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – ८ क विदुला की कहानी

( बात उस समय की है जब विराट नगरी से चलकर आए श्री कृष्ण जी को दुर्योधन ने भरी सभा में अपमानित किया और जब श्री कृष्ण जी पांडवों के लिए मात्र पांच गांव मांग कर समस्या का समाधान प्रस्तुत कर रहे थे तो उसका भी दुर्योधन ने उपहास किया। उसने श्री कृष्ण जी से […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल ,भाग – 10 के. आर. नारायणन (K. R. Narayanan)

भारतीय गणराज्य के दसवें राष्ट्रपति के रूप में कोचेरियल रमण नारायणन आये। इनकी पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं थी। वे भारतीय विदेश सेवा के सदस्य थे। वे एक नौकरशाह से उपराष्ट्रपति और फिर उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बने थे। नौकरशाह से राष्ट्रपति बनने वाले वे पहले व्यक्ति थे। इसके बाद कलाम साहब राष्ट्रपति बने थे-उनकी भी कोई राजनीतिक […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – ७ ख गौओं का अपहरण और बृहन्नला

जैसा अर्जुन ने सोचा था, वैसा ही हुआ। राजकुमार उत्तर ने जैसे ही कौरव दल के हाथियों, घोड़ों और रथों से भरी हुई विशाल सेना को देखा तो उसके रोंगटे खड़े हो गए । उसने अर्जुन से कह दिया कि मुझ में कौरवों के साथ युद्ध करने का साहस नहीं है । डर के कारण […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल ,भाग – 9 डॉ शंकर दयाल शर्मा (Dr. Shankar Dayal Sharma)

डा. शंकर दयाल शर्मा भारत के नौवें राष्ट्रपति बने। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जी.जी. स्वेल को भारी मतों से परास्त किया था। जी.जी. स्वेल को 1500 मत मिले थे जबकि डा. शर्मा को 2865 मत मिले थे। भाजपा जनता दल एवं अन्य क्षेत्रीय दल प्रो. जी.जी. स्वेल के साथ थे किंतु सी.पी. आई. (एम) तथा सी.पी.आई. […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – ७ क गौओं का अपहरण और बृहन्नला

( बात उस समय की है जिस समय पांडव राजा विराट के यहां अज्ञातवास भोग रहे थे। उस समय तक कीचक का अंत हो चुका था। उसने अपने जीते जी कई पड़ोसी राजाओं को आक्रमण कर करके बड़ा दु:खी किया था। उन्हीं में से एक त्रिगर्त देश के राजा सुशर्मा थे । उन्होंने हस्तिनापुर की […]

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पर्व – त्यौहार

प्रकाश पर्व दीपावली पर कुछ विचारणीय बातें

आज प्रकाश पर्व दीपावली है। आप सभी सम्मानित साथियों को इस पर्व की बहुत सारी शुभकामनाएं। हमने अपने इस प्रकाश पर्व की वैज्ञानिकता को कुछ प्रचलित परंपराओं के आवरण में इस प्रकार ढक दिया है कि इसका वास्तविक स्वरूप कहीं धूमिल सा हो गया है। तनिक याद कीजिए पुराने जमाने के उन लोगों को जो […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल ,भाग – 8 आर. वेंकट रमण (R. Venkat Raman)

16 जुलाई 1987 को आर वेंकट रमण भारत के 8वें राष्ट्रपति चुने गये। 25 जुलाई 1987 को सवा 11 बजे मुख्य न्यायाधीश आर. एस. पाठक ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। आर वेंकट रमण के पास भी अपना लंबा राजनीतिक अनुभव था। वह रक्षामंत्री, उद्योगमंत्री, गृहमंत्री का अतिरिक्त प्रभार केन्द्र में संभाल चुके […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां – 6 ख द्रौपदी और कीचक वध

सैरंध्री कीचक द्वारा किए गए अपने अपमान को भुला नहीं पा रही थी। अब वह उस पापी के अंत की योजना पर विचार करने लगी। तब एक दिन उसने निर्णय लिया कि आज रात्रि में जाकर भीम को बताया जाए और उसके द्वारा इस नीच पापी का अंत कराया जाए। सैरंध्री ने यही किया और […]

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