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भारतीय संस्कृति

16 संस्कार और भारत की वैश्विक संस्कृति, भाग 2

3 – सीमन्तोन्नयन संस्कार इस संस्कार के माध्यम से गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास करने का विधान किया गया है । सीमन्त का अर्थ ही मस्तिष्क है और उन्नयन का अर्थ उसका विकास करना है । कहने का तात्पर्य है कि जिस संस्कार के माध्यम से बच्चे का मानसिक विकास किया जाए उसे सीमंतोन्नयन […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – १४ क मंकि मुनि की कहानी

( भीष्म ने युधिष्ठिर के लिए प्राचीन काल के अनेक ऐतिहासिक प्रसंगों और संवादों को बड़ी सहज और सरल भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया। ऐसा करने के पीछे उनका उद्देश्य केवल एक ही था कि उनका प्रिय धर्मराज युधिष्ठिर प्रजा पर शासन करते हुए धर्म, न्याय और नीति के अनुसार आचरण करे। यद्यपि […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय- १३ क ज्ञानी पुत्र का पिता को उपदेश

( धर्मराज युधिष्ठिर भीष्म पितामह के दीर्घकालिक अनुभवों के मोतियों को बातों – बातों में ज्ञानोपदेश के माध्यम से लूट रहे थे। यह एक अद्भुत और दुर्लभ वार्तालाप है। ज्ञान मोतियों को लूटने की बड़ी भयंकर डकैती थी यह। सचमुच , एक ऐसी डकैती जिस पर प्रत्येक राष्ट्रवासी को गर्व की अनुभूति होती है। संसार […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी दयानंद जी महाराज : एक महान व्यक्तित्व

जब भारतवर्ष सर्वत्र अज्ञानता, पाखंड ,अंधविश्वास और ढोंग की दलदल में फंसा हुआ था और विदेशी शासकों की गुलामी को भोगना भारतीय समाज के लिए अभिशाप बन गया था, तब स्वामी दयानंद जी महाराज का आगमन होना समकालीन इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है । स्वामी दयानंद जी महाराज ने अलसाये हुए भारतीय समाज को […]

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आज का चिंतन भारतीय संस्कृति

16 संस्कार और भारत की वैश्विक संस्कृति, भाग 1

अब हम इस अध्याय में उन 16 संस्कारों का संक्षिप्त विवरण देंगे जो भारत की अथवा हिंदुत्व की चेतना के मूल स्वरों में सम्मिलित हैं । अध्ययन की सुविधा के लिए हमने इन 16 संस्कारों को दो भागों में विभक्त कर लिया है । पहले अध्याय में हम पहले 8 संस्कारों के बारे में तो […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – १२ ख राजा सेनजित और ब्राह्मण का संवाद

राजा के शोक निवारण के प्रति गंभीर हुए ब्राह्मण ने राजा को समझाते हुए आगे कहा कि “राजन! इस समय तुम्हें यह विचार करना चाहिए कि संसार में प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी प्रकार के दु:ख में फंसा रहता है। प्रत्येक प्राणी दु:खों में ग्रस्त हो रहा है। ऐसा नहीं है कि यह दु:ख केवल […]

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संपादकीय

भारत की नौसेना के बढ़ते कदम …

जब किसी देश के आगे बढ़ते कदमों से दुश्मन का दिल दहलने लगे तब समझो कि वह सचमुच एक ऐसी दिशा पकड़ गया देश बन चुका है जो अब अपने अस्तित्व का एहसास ही नहीं कराता है बल्कि दुश्मनों के अस्तित्व के लिए खतरा भी बन चुका है। निश्चित रूप से भारत आज इसी प्रकार […]

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संपादकीय

ड्रैगन की बर्बरता और इस्लामिक आतंकवाद

इस्लामी आतंकवाद को समाप्त करने का चीन का अपना ही स्टाइल है। कम्युनिस्ट चीन यह भली प्रकार जानता है कि यदि उसने इस्लामी आतंकवाद को अपने देश में बढ़ने का अवसर प्रदान किया तो उसके ‘घातक’ परिणाम होंगे। क्योंकि अब से पहले जिन-जिन देशों में इस्लाम ने जनसंख्या के आंकड़ों को गड़बड़ाकर अपना विस्तार किया […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय – १२ क राजा सेनजित और ब्राह्मण का संवाद

( मृत्यु शय्या पर पड़े भीष्म से राजधर्म का उपदेश लेते हुए युधिष्ठिर ने अनेक प्रकार के प्रश्न किए। धर्म और नीति में निपुण गंगानंदन भीष्म ने भी अपनी निर्मल बुद्धि से युधिष्ठिर के प्रत्येक प्रश्न का शास्त्रसंगत उत्तर देने का सफल प्रयास किया । युधिष्ठिर प्रश्न पूछते जा रहे थे और भीष्म पितामह अपने […]

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कहानी

महाभारत की शिक्षाप्रद कहानियां अध्याय- ११ ख बहेलिया और कपोत – कपोती

अपनी पत्नी के प्रति कबूतर की इस प्रकार की आत्मीयता भरी बातों को सुनकर सभी पक्षी जिज्ञासा भाव से बड़े भावविभोर से दिखाई दे रहे थे। कबूतर जिस निश्छल भाव से अपनी बात को व्यक्त किये जा रहा था वे सब उन पक्षियों को अच्छी लग रही थीं। कबूतर कह रहा था कि “यदि घर […]

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