( लेखक : डॉ शंकर शरण ) हमारे देश की पाठ्य-पुस्तकों में जवाहरलाल नेहरू का गुण-गान होते रहना कम्युनिस्ट देशों वाली परंपरा की नकल है। अन्य देशों में किसी की ऐसी पूजा नहीं होती जैसी यहाँ गाँधी-नेहरू की होती है। अतः जैसे रूसियों, चीनियों ने वह बंद किया, हमें भी कर लेना चाहिए। वस्तुतः […]
लेखक: डॉ शंकर शरण
खान मार्केट गैंग / अर्बन नक्सल स्वतंत्र भारत में पीढ़ियों से एक विशेषाधिकारी वर्ग केंद्रीय सत्ता का दरबारी, सहयोगी और चहेता रहा है। उसी को कभी लुटियन तो कभी खान-मार्केट ‘गिरोह’ कहा जता है। सोशल मीडिया में उन्हें और भी नाम दिए जाते हैं। इसी वर्ग की प्रतिनिधि शोभा डे और तवलीन सिंह ने चुनाव […]
शंकर शरण इन दिनों अनुसूचित जाति-जनजाति संबंधित (अत्याचार निरोधक) कानून को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुधारने, फिर उसे संसद द्वारा संशोधित कर यथावत कर देने और नए संशोधित कानून को पुन: सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मसला गरम है। बहस हो रही है कि क्या कोर्ट द्वारा उस कानून के अंतर्गत गैर-जमानती गिरफ्तारी वाला प्रावधान […]
◆ क्या अकबर ने इस्लाम छोड़ दिया था? कुछ समय से गीतकार जावेद अख्तर बादशाह अकबर का झंडा बुलंद कर रहे हैं। एक ताने जैसा कि अकबर के समय भारत धनी था, इसलिए मुगल-काल को बुरा नहीं कहना चाहिए। उन के पीछे दूसरे सेक्यूलर-वामपंथी भी वही दुहरा रहे हैं। लेकिन क्या वे जानते हैं कि […]
◆ क्या अकबर ने इस्लाम छोड़ दिया था? कुछ समय से गीतकार जावेद अख्तर बादशाह अकबर का झंडा बुलंद कर रहे हैं। एक ताने जैसा कि अकबर के समय भारत धनी था, इसलिए मुगल-काल को बुरा नहीं कहना चाहिए। उन के पीछे दूसरे सेक्यूलर-वामपंथी भी वही दुहरा रहे हैं। लेकिन क्या वे जानते हैं कि […]
बंगलादेश में हिन्दू-संहार और रिचर्ड बेंकिन कुछ पुस्तकें पढ़ना कष्टकर होता है। डॉ. रिचर्ड बेंकिन की ‘ए क्वाइट केस ऑफ एथनिक क्लीन्सिन्ग: द मर्डर ऑफ बंगलादेश’ज हिन्दूज’ (अक्षय प्रकाशन, नई दिल्ली) इतनी पीड़ादायक है कि इसे पढ़ने में कई बार प्रयास करना पड़ा। हर बार दो-चार पृष्ठ पढ़ते ही मन त्रस्त हो जाता। पुस्तक रख […]
यह आतंकवाद है या युद्ध? एक बार प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने पूछा था, ”जिस मजहबी विश्वास में मुसलमानों की इतनी श्रद्धा है, उसमें ऐसा क्या है जो सब जगह इतनी बड़ी संख्या में हिंसक प्रवृत्तियों को पैदा कर रही है?” दुर्भाग्य से अभी तक इस पर विचार नहीं हुआ। जबकि पिछले दशकों में अल्जीरिया […]
दुनिया को राह दिखाता फ्रांस… (फ्रांसीसी संसद ने ‘गणतांत्रिक मूल्यों को सशक्त करने का विधेयक’ पारित किया है। इसका उद्देश्य आम मुसलमानों को रेडिकल यानी चरमपंथी इस्लाम से दूर रखना है। इसमें मस्जिदों को बाहरी धन लेने से रोकना मुस्लिम बच्चों को भूमिगत इस्लामी प्रशिक्षण स्थलों में भेजने से रोकने जैसे प्रविधान हैं।) फ्रांसीसी संसद […]
[ शंकर शरण ]: एआइएमआइएम के नेता वारिस पठान द्वारा समुदायिक बल का गुमान दिखाने से उनके सेक्युलर-वामपंथी समर्थक ही झेंपे, क्योंकि वे मुसलमानों के बारे में कुछ और बातें कहते रहते हैं। इसी पार्टी के अकबरुद्दीन ओवैसी तो कई बार अपनी 15 मिनट वाली धमकी दोहरा चुके हैं कि हम पच्चीस करोड़ हैं और […]
आवश्यक है अल्पसंख्यक को परिभाषित करना [इस समय देश में चर्चा छिड़ी हुई है कि क्या अनेक राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक क्यों न सिद्ध किया जाये। कश्मीर,पंजाब, उत्तर पूर्वी राज्यों में हिन्दुओं की संख्या कम हैं। फिर भी उसे अल्पसंख्यक के नाम पर मिलने वाले किसी भी सुविधा से वंचित रखा जाता हैं। इस […]