Categories
विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-25

गतांक से आगे….. वेद में नदी के नाम से नदी, किरणें, वाणी और इंद्रियों का वर्णन आता है, परंतु यह स्मरण रखना चाहिाए कि किसी भी मंत्र में नदियों का वर्णन संख्या के साथ नही किया गया। इसका कारण है और वह अत्यंत सत्य नींव पर स्थित है। कल्पना करो कि आपने कहा कि यहां […]

Categories
विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-24

गतांक से आगे…..यहां वेद ने ही स्पष्ट कर दिया कि ये नदियां किरणें ही हैं। किरणें सात हैं और दश हैं जो ऊपर बतलाई गयी हैं। यहां सप्तसिंधु से जो लोग सिंध हैदराबाद और पंजाब का इतिहास ढूंढते हैं वे कितनी गलती करते हैं, यह ऊपर के वर्णन से प्रकट हो सकता है। तिलक महोदय […]

Categories
विशेष संपादकीय

आराम या विराम नही-काम होना चाहिए

‘उगता भारत’ के पांचवें वर्ष का पहला अंक पाठकों के हाथों में सौंपते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है। आज से ठीकचार वर्ष पूर्व इस समाचार पत्र का ‘जन्म’ हुआ था। तब कारवां में दस बीस लोग सवार थे। आज चार वर्ष का सफर तय करने के बाद इसके कारवां में हजारों पाठकों का आशीर्वाद […]

Categories
विशेष संपादकीय

मार फावड़ा भक्ति का

मैंने भगवान से कहा-‘‘मेरी सारी पीड़ाएं छीन लो।’’ भगवान ने कहा-‘‘मुझे छीनने की क्या आवश्यकता है। तुम स्वयं उन्हें अपने साथ लिये घूम रहे हो। तुम ही त्याग दो।’’ मैंने कहा-मुझे सहन करने की शक्ति दो, धीरज दो।’’ उसने कहा-‘‘धीरज आसमान से नही टपकता। परेशानियों के बीच उपजता है वह। उसे तुम्हें स्वयं ही उगाना […]

Categories
विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-23

गतांक से आगे…..नदियों के नामजिन शब्दों से यहां लोक की नदियां पुकारी जाती हैं, वेदों में उन्हीं शब्दों के कई अर्थ होते हैं। उन शब्दों का जो धात्वर्थ है, वह चलने वाला-बहने वाला-वेगवाला आदि होता है। नदियां भी इसी प्रकार का गुण रखती हैं। वे भी चलने वाली, बहने वाली और वेगवाली होती हैं, इसीलिए […]

Categories
विशेष संपादकीय

मारने वाली नलकूप क्रांति

देश के लिए केन्द्रीय भूजल बोर्ड ने जो भूगर्भीय जल के विषय में रिपोर्ट दी है, वह काफी खतरनाक है। जिसके अनुसार देश के 802 ब्लॉकों में भूजल के अति दोहन से जल संकट गहरा रहा है और यदि यही स्थिति रही तो अगले 15 वर्ष में देश की आधी आबादी जलसंकट से जूझ रही […]

Categories
विशेष संपादकीय

राजस्व न्यायालयों की बोझिल न्याय प्रणाली

देश को आजाद हुए 67 वर्ष हो गये, पर दुर्भाग्य है हमारा कि आज भी हमारे देश में  लगाया पैंतीस हजार वही कानून लागू हैं, जो अंग्रेजों ने अपने शासनकाल के दौरान लागू किये गये थे। कानूनी प्रक्रिया भी वही है, जो अंग्रेजों ने यहां चलायी थी। अंग्रेजों की न्यायप्रणाली में दोष होना स्वाभाविक है […]

Categories
विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-22

गतांक से आगे…..बस, आकाशस्थ ऋषियों का इतना ही वर्णन करना है। इसके आगे अब यह दिखलाना है कि शरीरस्थ इंद्रियों को भी ऋषि कहा गया है। यजुर्वेद में लिखा है कि-सप्तऋषय: प्रतिहिता: शरीरे सत्प रक्षन्ति सदमप्रमादम।सप्ताप: स्वपतो लोकमीयुस्तत्र जागृतो अस्वप्नजौ सत्रसदौ च देवौ।अर्थात शरीर में सात ऋषियों का वास है उनके सोने पर भी दो […]

Categories
विशेष संपादकीय

संविधान की खतरनाक धारा 370

देवेन्द्र सिंह आर्यप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालते ही संविधान की धारा 370 पर राष्ट्रीय बहस शुरू हो गयी है। इस धारा को राष्ट्रवादी दलों व लोगों ने शुरू से ही आपत्तिजनक माना है। इसके आपत्तिजनक मानने के कुछ ठोस कारण हैं, जैसे-– जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।-जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग […]

Categories
विशेष संपादकीय

नये पी.एम.की राष्ट्रनीति

राजनीति को हमारे देश में प्राचीन काल में राष्ट्रनीति कहा और माना जाता था। राष्ट्र एक अमूर्त्त भावना का नाम है। मैं आपके प्रति सम्मान भाव  रखता हूं, और आप मेरे प्रति रखते हैं-यह जो सम्मान भाव रखने की परंपरा है ना, यह दीखती नही है, पर वास्तव में ये ही वो चीज है जो […]

Exit mobile version