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स्वर्णिम इतिहास

महाराणा कुंभा: एक ऐसा महायुद्ध था जिसने एक भी युद्ध नहीं हारा

महाराणा प्रताप हमारे इतिहास के एक ऐसे दैदीप्यमान नक्षत्र हैं , जिन पर आने वाली पीढियां युग युगांत तक गर्व करेंगी । 1572 में वह मेवाड़ की गद्दी पर बैठे तो 4 वर्ष पश्चात ही उन्हें 1576 ई0 में तत्कालीन मुगल बादशाह अकबर से हल्दीघाटी का प्रसिद्ध युद्ध लड़ना पड़ा । इसी युद्ध के पश्चात […]

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स्वर्णिम इतिहास

जब औरंगजेब ने मथुरा का श्रीनाथ मंदिर तोड़ा तो मेवाड़ के राणा राजसिंह ने 100 मस्जिद तुड़वा दी थी

जब औरंगजेब ने मथुरा का श्रीनाथ मंदिर तोड़ा तो मेवाड़ के नरेश राज सिंह 100 मस्जिद तोड़ी थीं । अपने पुत्र भीम सिंह को गुजरात भेजा, कहा ‘सब मस्जिद तोड़ दो तो भीम सिंह ने 300 मस्जिद तोड़ दी थी’। वीर दुर्गादास राठौड़ ने औरंगजेब की नाक में दम कर दिया था और महाराज अजीत […]

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स्वर्णिम इतिहास

हिंदू राष्ट्र स्वप्नदृष्टा : बंदा वीर बैरागी, अध्याय – 1

स्वतंत्रता और भारती का संबंध गहन है बड़ा , स्वतंत्रता का संदेश विश्व ने भारत से है पढ़ा । उपदेश हमको आज जो दे रहे हैं संविधान का , अस्तित्व उनका भी हमारे वेद के कारण है खड़ा ।। विश्व को स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाने वाला भारत है । अब प्रश्न यह उत्पन्न होता है […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

शिवाजी महाराज की विचारधारा और हमारा राष्ट्रीय आंदोलन

इतिहास में कोई भी घटना अपने समकालीन इतिहास को अवश्य प्रभावित करती है । यदि उस घटना के समकालीन घटना चक्र पर दृष्टिपात किया जाए तो पता चलता है कि एक घटना दूसरी को और दूसरी घटना तीसरी को प्रभावित करके चली जाती है । इससे एक घटना का प्रभाव बहुत आगे तक भी पड़ना […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

एक महान क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस पर

आज के दिन ही दी गई थी 1940 में फांसी आज ही के दिन 1974 में ब्रिटेन ने सौंपे थे उनकी अस्थियों के अवशेष दुखद है कि आज तक भी नहीं मिला इतिहास में उचित सम्मान पंजाब के ऐतिहासिक नगर अमृतसर का जलियांवाला (जलियां नामक एक माली का) बाग भारत के क्रांतिकारी स्वतंत्रता आंदोलन का […]

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स्वर्णिम इतिहास

14 जून की एक विशेष घटना

14 जून 1033 की घटना है । जब भारत पर महमूद गजनवी के भांजे सालार मसूद ने 11 लाख की सेना लेकर भयंकर आक्रमण किया था । स्पष्ट है कि 11 लाख की सेना सेना नहीं होती , अपितु एक ऐसा भयंकर तूफान होता है जिसके सामने किसी का भी रुकना असंभव होता है , […]

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स्वर्णिम इतिहास

रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस 24 जून पर

आज गढ़मंडल ( गोंडवाना ) की रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस है। घटना 24 जून 1564 की है । जिस समय मुगल शासक अकबर का राज्य था। रानी के पति दलपतशाह का देहांत हो चुका था। पुत्र नारायण अभी नाबालिग था । ऐसी स्थिति को देखकर अकबर की कोप दृष्टि रानी के राज्य पर लग […]

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स्वर्णिम इतिहास

भारत के प्रथम हिंदू हृदय सम्राट शिवाजी ने सच्चे अर्थों में सुराज दिया

महाराष्ट्र के ही नहीं अपितु पूरे भारत के महानायक थे वीर छत्रपति शिवाजी महाराज। वह एक अत्यंत महान कुशल योद्धा और रणनीतिकार थे। वीर माता जीजाबाई के सुपुत्र वीर शिवाजी का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब महाराष्ट्र ही नहीं अपितु पूरा भारत मुगल आक्रमणकारियों की बर्बरता से आक्रांत हो रहा था। चारों ओर […]

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संपादकीय स्वर्णिम इतिहास

भारत किस विदेशी सत्ता या आक्रांता का कितनी देर गुलाम रहा?

भारत किस विदेशी सत्ता या आक्रांता का कितनी देर गुलाम रहा?भारत किस विदेशी सत्ता या आक्रांता का कितनी देर गुलाम रहा? इस पर मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा ‘भारत हजारों वर्षों की पराधीनता: एक औपनिवेशिक भ्रमजाल’ नामक ग्रंथ में शोधपूर्ण ढंग से बताया गया है। जिसमें पिछले 18000 वर्ष के कालखंड पर प्रकाश डाला […]

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विशेष संपादकीय संपादकीय स्वर्णिम इतिहास

1857 की क्रान्ति का नायक धनसिंह गुर्जर कोतवाल

1857 की क्रान्ति मेरठ छावनी से 10 मई को शुरू हुई थी, वास्तव में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, बिहार केसरी कंवर सिंह, नाना साहब पेशव हजरत महल, अन्तिम मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर, बस्तखान , अहमदुल्ला, शाह गुलाम गोसखां तथा अजी मुल्ला खान आदि ने 31 मई 1857 की तारीख उस महान क्रान्ति के […]

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