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विशेष संपादकीय

भावनाएं प्रेम की, प्रार्थनाएं कल्याण की और कामनाएं आनंद की रखो

शुकदेव जी ने अपने पिताजी से ब्रह्मï ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा प्रकट की तो पिताश्री ने पुत्र से कहा कि हे वत्स! यदि तुम सचमुच ब्रह्मï ज्ञान प्राप्त करना चाहते हो तो मिथिला नरेश राजा जनक के यहां जाकर यह ज्ञान प्राप्त करो। पिता की आज्ञा को शिरोधार्य कर शुकदेव राजा जनक के दरबार […]

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विशेष संपादकीय

चीन-पाक के खतरनाक इरादे

पाकिस्तान में नवाज शरीफ अपने पुराने शत्रु परवेज मुशर्रफ को शांत करने की तैयारी में हैं। जरदारी राष्ट्रपति रहते हुए मुशर्रफ को अपनी पत्नी बेनजीर भुट्टो की हत्या के अपराध में सजा दिलाने के लिए उतावले हैं। इन दोनों नेताओं की इस सोच का प्रभाव पाकिस्तान की सेना पर पड़ना स्वाभाविक है। नवाज शरीफ वर्तमान […]

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विशेष संपादकीय

भारत में सभी सवर्ण हैं

भारत के बहुसंख्यक हिंदू समाज को विभाजित करने के लिए और जातीय विखण्डन पैदा करने के लिए भारत में कुछ लोगों ने अगड़े-पिछड़े, सवर्ण व शूद्र आदि का विवाद खड़ा किया है। इस विवाद को ऐसे लोगों ने कुछ राजनीतिक स्वार्थों के वशीभूत होकर कुछ ने अज्ञानता वश जन्म दिया है। जनता की भावनाओं से […]

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विशेष संपादकीय

15 अगस्त सन 1947 ई. और भारत का विभाजन

महाभारत काल में भारत के अंदर 101 प्रसिद्घ क्षत्रिय राजवंश थे। इनमें से 86 राजा मगध नरेश जरासंध ने पराजित कर जेल में डाल रखे थे। इन 101 राजवंशों के इतने ही महाजनपद (प्रांत या राज्य क्षेत्र) थे। इससे महाभारत (विशाल भारत) का निर्माण होता था। ये राजा किसी एक राजा से होने वाले दूसरे […]

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विशेष संपादकीय

छोटे राज्यों की आवश्यकता नही है

अपने राजनीतिक स्वार्थों को साधने के लिए आम चुनाव 2014 से लगभग 8-10 माह पूर्व केन्द्र की संप्रग सरकार ने पृथक तेलंगाना राज्य का गठन कर भारत के मानचित्र में 29वें राज्य की स्याही भरने का निर्णय ले लिया है। निर्णय लेते ही आंध्र प्रदेश में विरोध आरंभ हो गया है, जबकि तेलंगाना समर्थकों ने […]

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विशेष संपादकीय

मिड डे मील- ना दया, ना हया

बिहार के छपरा जिले के एक स्कूल में मिड डे मील को लेकर 23 नन्हें मुन्ने नौनिहालों की जीवन लीला समाप्त हो गयी। भ्रष्टाचार का काला कलयुग है ये। इसमें सच में झूठ नही अपितु ‘झूठ में सच’ तलाशना पड़ता है, फिर भी यदि कुछ मिल जाए तो अपना सौभाग्य माना जाता है। भ्रष्टाचार लगभग […]

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विशेष संपादकीय

सबके लिए काम, सबके लिए संरक्षण

भाजपा के नेता नरेन्द्र मोदी इस समय कांगे्रस के लिए एक मुसीबत बनते नजर आ रहे हैं। वह जितने ही मुखर हो रहे हैं उतने ही अधिक भाजपा के पी.एम. पद के प्रत्याशी के रूप में अपनी उम्मीदवारी पक्की करते जा रहे हैं। कांग्रेस के पास अभी भाजपा के ‘नमोमंत्र’ की काट नही है। कांग्रेस […]

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विशेष संपादकीय

हमें अपने रणबांकुरों पर गर्व है

उत्तराखण्ड के केदारनाथ तीर्थधाम पर आयी जल प्रलय सचमुच कई सवाल छोड़ गयी है-जैसे कि क्या यह आपदा मानवीय थी या प्राकृतिक थी? और इस आपदा से निपटने में धर्मस्थलों पर धर्म कितना काम आया? या किसने अपना कितना धर्म निभाया, इत्यादि। मानव प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करता-करता अहंकारी और दम्भी हो गया है। इसने […]

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विशेष संपादकीय

भारत अपने पड़ोसियों को भी देखता रहे

भारत की विदेशनीति जैसी 1947 में देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी के द्वारा तय की गयी थी कुछ कुछ वैसी ही चली आ रही है। यद्यपि इस विदेश नीति पर नेहरू जी का कोई अपना विशेष प्रभाव नही था वस्तुत: यह ब्रिटिशर्स के काल में जैसी थी न्यूनाधिक बाद में भी वैसी ही चलती […]

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विशेष संपादकीय

आडवाणी अनर्थ की राह पर

भाजपा का गोवा सम्मेलन पूर्ण हो गया है, इसने वही संकेत और संदेश दिये हैं जो इससे उम्मीद की जाती थी। भाजपा नेता आडवाणी अपनी जगहंसाई करा गये, परंतु राजनाथ सिंह अपने स्टैंड पर मजबूत रहे, जैसा कि उन्होंने विगत 14 अप्रैल को जब मेरी उनसे मुलाकात हुई थी तो उसमें इस विषय पर अपना […]

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