ललित गर्ग हमने करीब ढाई लाख से ज्यादा लोगों को खो दिया हैं, पीड़ित लोगों की संख्या करोड़ों में है। अस्पतालों में बेड नहीं। ऑक्सीजन के हाहाकार ने रूला दिया है। जरूरी दवाओं की किल्लत है। सरकारें व्यापक प्रयत्नों में जुटी हैं, लेकिन हम अपने नागरिक कर्तव्य से मुंह नहीं मोड़ सकते। कोरोना महामारी […]
श्रेणी: समाज
इतिहास गवाह है – भारत में दूध की नदियां बहती थीं, भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, भारत का आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पूरे विश्व में बोलबाला था, भारतीय सनातन धर्म का पालन करने वाले लोग सुदूर इंडोनेशिया तक फैले हुए थे। भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग […]
डॉ. वंदना सेन जिस प्रकार भगवान या दैवीय शक्ति के लिए सारी दुनिया एक है। उसी प्रकार भगवान द्वारा पैदा किए गए व्यक्ति भी एक ही परिवार के हिस्सा हैं। वह किसी भूमि या जाति की दीवारों में कैद नहीं होने चाहिए। भारत में सदियों से प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नारी को महाशक्ति […]
मोदी चाहते थे कि किसान स्वयं समझें कि वह कैसे इन कृषि कानूनों के अन्तर्गत किसानों को बचाना चाहते हैं और उनकी स्थिति बेहतर करने को प्रतिबद्ध हैं। पंजाब के किसानों ने रोपड़ से 44 ट्रक जो उ.प्र से 1100 रुपये किं० खरीद कर और भटिण्डा मण्डी में बिहार से 1000 रुपया किं० गेहूं […]
डॉ. वंदना सेन भारत में सदियों से प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नारी को महाशक्ति की संज्ञा दी गई है। जहां नारी का आदर और सम्मान होता है, वहां दैवीय वातावरण विद्यमान रहता है। दैवीय वातावरण के बारे में अध्ययन किया जाए तो यही परिलक्षित होता है कि वहां आसुरी प्रवृत्तियों का पूरी तरह से […]
प्राय देखने में आता है कि समाज में सभी जातियों में मृत्यु भोज का चलन आज भी प्रचलित है l इस प्रथा का उद्देश्य वर्तमान में पुरानी पद्धति पर ही आधारित है जो आज के वर्तमान परिपेक्ष में तर्कसंगत नहीं है और ना ही व्यवहारिक l मेरे विचार में यह फिजूलखर्ची है तथा महंगाई के […]
चरखा फिचर्स राजेश निर्मल सुल्तानपुर, यूपी मौसम में बदलाव के लक्षण नजर आने लगे है। मौसम में उमस और गर्मी के साथ साथ पंचायत चुनाव ने भी दस्तक दे दी है। उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनाव इसी महीने मार्च में होने वाले थे लेकिन महामारी और बोर्ड परीक्षा के चलते इसे थोड़ा और […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यहां सवाल यही उठता है कि आखिर इस्लामी देशों ने भी बुर्के पर प्रतिबंध क्यों लगाया ? इसका तात्कालिक कारण तो यह है कि बुर्का पहनकर कई आदमी जघन्य अपराध करते हैं। वे अपनी पहचान छिपा लेते हैं और अचानक हमला बोल देते हैं। स्विट्जरलैंड ताजातरीन देश है, जिसने बुर्के पर प्रतिबंध […]
प्रस्तुति:- अजय आर्य तू हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा… इंसान की औलाद है इंसान बनेगा असलियत- इस गाने में बड़ी चालाकी से हिंदू धर्म को इस्लाम के साथ खड़ा कर दिया गया है जबकि सच्चाई ये है कि इस्लाम धर्म के लोगों ने ना सिर्फ हिंदुओं बल्कि ईसाई, यहूदियों और पारसियों पर भी भीषण अत्याचार […]
वैदिक धर्म की मान्यताओं में अविश्वास एवं मत-मतान्तर, भिन्न भिन्न सम्प्रदाय, पंथ, गुरु आदि के नाम से वेद विरुद्ध मत आदि में विश्वास रखना। इस विभाजन से हिन्दू समाज की एकता छिन्न-भिन्न हो गई एवं वह विदेशी हमलावरों का आसानी से शिकार बन गया। वेदों में वर्णित एक ईश्वर को छोड़कर उनके स्थान पर अपने […]