🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” एक पंडित जी के घर एक छोटी सी बच्ची आई जिसने पंडित जी को एक प्लेट में खीर दी, पंडित जी ने उस बच्ची से पूछा कि – बेटे, आज ये खीर किस खुशी में लाई हो? बच्ची बड़ी मासूमियत से बोली कि पंडित जी, इस […]
श्रेणी: समाज
अशोक मधुप पहले हम दया और ममता के कारण इन गरीबों भिखारियों की मदद करते थे। अब समझदार लोग, मेरे मित्र इनकी मदद करने से मना करते हैं। वे कहते हैं कि भीख देने से इनमें आरामतलबी आ गई। दुनिया का हर प्राणी अपनी जरूरत के लिए संघर्ष करता है। देश बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा जैसी […]
ललित गर्ग रेस्तरां के किचन की लाइव स्ट्रीमिंग और वेटरों के चेहरों पर मास्क जैसे कई बदलाव दिखाई देने वाले हैं। शिक्षा में व्यापक बदलाव होंगे। दुनिया भर में लॉकडाउन के चलते स्कूलों के बंद करने पर जोर हर जगह दिखा। टीचरों और छात्रों के बीच ऑनलाइन संपर्क बढ़ा। कोरोना महामारी ने हमारी जीवनशैली की […]
मृत्युभोज पाप है इसलिए बन्द करो, शादी में खर्च करना पाप है इसलिए कोर्ट मैरिज करो लेकिन हनीमून बहुत बड़ा पुण्य है इसको मनाने विदेश जाओ पैसा लुटाओ क्योंकि हनीमून से हजारों गरीबों का पेट भरता है। मतलब परिवार, रिश्तेदार, गाँव-समाज, पड़ोसी गाँव के परिचित व्यक्ति, पिताजी के हितैषी और व्यवहारियों को एकजुट करना, […]
गोत्र परम्परा हमारे समाज में सदियों से चलती आयी हैं। इस परम्परा के अनुसार अपने पिता, माता, नानी और दादी के गोत्रों में विवाह करना वर्जित हैं। मीडिया और कुछ छदम बुद्दिजीवी सदा हमारी इस परम्परा की बुराई करते आये हैं। वैसे हमारी कोई भी अच्छी बात, अच्छी परम्परा हो ये लोग उसका सदा […]
🙏बुरा मानो या भला🙏 ————मनोज चतुर्वेदी विद्वानों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को बर्बाद करना हो तो उसकी औलाद को बिगाड़ दो, यदि समाज को बिगाड़ना हो तो महिलाओं को बिगाड़ दो और अगर किसी देश को बर्बाद करना हो तो उसकी संस्कृति और सभ्यता को नष्ट कर दो। एक समय था […]
रमेश ठाकुर साल-दर-साल बढ़ती बाल श्रमिकों की संख्या वैसे ही चिंता का विषय बनी हुई थी। इसे कोरोना संकट ने और हवा दे दी। कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का आंकड़ा भयभीत करता है। बड़ी संख्या में बच्चे अपने मां-बाप के न रहने से अनाथ हुए हैं। गनीमत ये है कि केंद्र व राज्य […]
“वृक्ष नामधारी गांव” “””””””””””””””””””””””””””””””” अ से आमका प से पीपलका न से नीमका ढ से ढाकका इ से इमलीयाका यह महज देवनागरी वर्णमाला से बने हुए शब्द पाठशाला पाठ मात्र नहीं है ।यह गौतम बुध नगर के गांवो के नाम है ।जिनकी पहचान नामकरण वहां बहुतायात में कभी पाए जाने वाले देशज वृक्षों के नाम […]
ओ३म् =========== गुरुकुल पौंधा-देहरादून देश में बालकों के प्रमुख गुरुकुलों में से एक है। इसकी स्थापना 21 वर्ष पूर्व जून, 2000 में हुई थी। हम इस स्थापना के अवसर पर उपस्थित थे और उसके बाद से गुरुकुल के सभी उत्सवों एवं अन्य कार्यक्रमों में सम्मिलित होते रहे हैं। बीच में भी जब मन करता है […]
आजादी के बाद हमारे देश के लोगों ने कहाँ तक आध्यात्मिक,नैतिक, राष्ट्रीय तथा आर्थिक उन्नति की है, यदि ईमानदारी से इसकी जांच की जाए तो मालूम होगा कि हमारा नैतिक पतन पराकाष्ठा तक पहुँच रहा है । विद्वानों ने कहा है, ” जिस जाति या व्यक्ति का धन चला जाता है वह वापिस आ सकता […]