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समाज

आचार्य शिवदेव आर्य को जन्मदिवस की बधाई- “वेद प्रचारक प्रतिभाशाली सक्रिय ऋषिभक्त युवक श्री शिवदेव आर्य”

ओ३म् गुरुकुल पौंधा-देहरादून के सुयोग्य स्नातक, कम्प्यूटर-प्रकाशन-सम्पादन कला का गहन ज्ञान रखने वाले युवा आचार्य श्री शिवदेव आर्य जी की ऋषि भक्ति एवं कार्य प्रशंसनीय हैं। आज उनका जन्म दिवस है। वह आज 27 वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। हम उनके विषय में कुछ पंक्तियां लिखने के लिये प्रेरित हुए हैं। हम उनके […]

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समाज

क्या वेशयावृति को सरकारी मानयता देने से यौन रोगों व अपराधों आदि की रोकथाम होगी ?

डॉ विवेक आर्य शंका- पराचीन काल में राजा लोग वैशयावृति में लिपत थे। हमारे यहा पर कामसूतर वं खजराओ कि मूरतियां हैं जोकि हमारी संसकृति का भाग हैं। वेशयावृति को सरकारी मानयता देने से AIDS, STD, ILLEGAL TRAFFICKING आदि कि रोकथाम होगी।   समाधान- जो राजा लोग वेशयावृति में लिपत थे वे कोई आदरश नहीं […]

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समाज

सभ्यता के संस्कार और सिनेमा

जयप्रकाश सिंह उपलब्ध ऐतिहासिक साक्ष्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि मिशनरियों द्वारा सिनेमा के जरिए पश्चिमी आदर्शों को भारत पर थोपे जाने का विरोध करने के लिए दादा साहब ने भारतीय सिनेमा को स्थापित किया। यह एक स्थापित तथ्य है कि औपनिवेशिक शासनकाल में मतांतरण की प्रकिया को राज्याश्रय प्राप्त था। हिन्दू धर्मावलम्बियों […]

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समाज

करवा चौथ व्रत- एक भेड़ चाल, एक पाखंड

प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य [चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र] करवा चौथ की मनघड़ंत कहानी- एक धोबी की पत्नी थी दोनों पति पत्नी कपड़े धोने का काम करते और नदी में जाकर कपड़े धोते और वही सुखा के बाद में जिसके भी कपड़े होते वो घर पहुंचा देते उससे उनकी आजीविका चलती थी इस प्रकार […]

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राजनीति समाज

*क्या सपा नेताओं की तालिबानी मानसिकता पर अंकुश लगेगा*

🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” कहावत है कि ख़रबूज़े को देखकर खरबूजा रंग बदलता है। अब देखिए पहले झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए एक अलग से कमरा आवंटित किया गया और उसके बाद कुछ इसी तरह की मांग उत्तर प्रदेश में भी उठ रही है. समाजवादी पार्टी के कानपुर से विधायक […]

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समाज

सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक व फर्जी खबरें रोकने की चुनौती!

अजीत द्विवेदी अब तक देश का प्रतिबद्ध मीडिया और आईटी सेल की ओर से प्रायोजित सोशल मीडिया अकाउंट्स विपक्षी पार्टियों, सामाजिक व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, किसान आंदोलनकारियों, छात्र व युवा नेताओं आदि को निशाना बनाते रहे थे, लेकिन अब पहली बार न्यायपालिका भी उनके निशाने पर है क्योंकि सर्वोच्च अदालत ने उनके ऊपर गंभीर सवाल खड़े […]

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समाज

…कहां गये वे दिन

गुरबचन जगत मैं अपने अंकल के कंधों पर बैठा हुआ था और हम लोग खेतों से होकर गांव के बाहर मैदान की ओर जा रहे थे। जैसे-जैसे हम नजदीक पहुंचते, बढ़ते कोलाहल से रोमांच महसूस होने लगा था। मैं उस वक्त बहुत छोटा था, कंधे पर बैठा मैं रास्ते भर गंतव्य को लेकर जिज्ञासु रहा, […]

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आओ कुछ जाने समाज

नवबुद्ध बनना: नौटंकी या फैशन

बुद्ध मत स्वीकार करने वाला 99.9 %दलित वर्ग बुद्ध मत को एक फैशन के रूप में स्वीकार करता हैं। उसे महात्मा बुद्ध कि शिक्षाओं और मान्यताओं से कुछ भी लेना देना नहीं होता। उलटे उसका आचरण उससे विपरीत ही रहता हैं। उदहारण के लिए- 1. मान्यता- महात्मा बुद्ध प्राणी हिंसा के विरुद्ध थे एवं मांसाहार […]

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समाज

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद

  डॉ. वंदना सेन उपन्यास सम्राट प्रेमचंद्र का जन्म 31 जुलाई 1880 को उत्तरप्रदेश के वाराणसी शहर से चार मील दूर लमही नामक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम अजायब राय और माता का नाम आनंदी देवी था। प्रेमचंद ने साहित्य की अनेक विधाओं पर अपनी लेखनी चलायी। महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद का साहित्य कालजयी […]

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इतिहास के पन्नों से समाज स्वर्णिम इतिहास

“उजड़ देखकर गुर्जर राजी” – का क्या है अर्थ ?

  भारतीय इतिहास के विकृतिकरण के प्रति संकल्पित भारत-द्वेषी लोगों ने कई ढंग या उपाय अपनाएं हैं ।उनमें से एक उपाय यह भी है कि भारत प्रेमी इतिहासनायक या नायकों को बदनाम करो और फिर जनता में उनके प्रति तिरस्कार भाव उत्पन्न हो जाए तो धीरे-धीरे उन्हें इतिहास के पन्नों से विलुप्त कर दो। ऐसा […]

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