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युवा समाज

किताबों और अखबारों को बनाइए अपना साथी, ज़िन्दगी को जीने और देखने का बदल जाएगा नज़रिया

विडंबना यह है कि बहुत से माता-पिता भी यही मानते हैं कि चुटकुले, मनोरंजन, रील बनाना और जो चाहे खाना, ये सब जीवन में ख़ुशी और आनंद की कुंजी हैं। इस उपभोक्तावादी मानसिकता के परिणामस्वरूप युवाओं का ज्ञान और मूल्यों का अधिग्रहण लगभग बंद हो गया है। हालाँकि, चूँकि घरों में अखबार, पत्रिकाएँ या किताबें […]

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युवा समाज

भारतीय युवाओं में बढ़ रही व्यसन की प्रवृति को रोकना जरूरी

आज भारत के विभिन्न कस्बों, नगरों, विशेष रूप से महानगरों में, कम उम्र के नागरिकों के बीच व्यसन की समस्या विकराल रूप धारण करती हुई दिखाई दे रही है। देश के कुछ भागों में विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विद्यार्थी भी नशे की लत का शिकार हो रहे हैं। भारत का युवा यदि गलत दिशा में […]

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