******************** घर में घुसकर रावण मारा। साहस अपराजेय तुम्हारा। मर्यादा में राम सरीखा । हमने सुना न कोई दीखा। राम न होते तो क्या होता। न्याय रात दिन आंसू बोता । राम राज्य का भाईचारा। उदाहरण है जग में न्यारा। दीन हीन को गले लगाया। अनुपम कौशल्या का जाया। ऋषि मुनियों का मान बढ़ाया भू […]
श्रेणी: कविता
तू ज़िन्दा है तो ज़िन्दगी की जीत में यकीन कर, अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर! सुबह औ’ शाम के रंगे हुए गगन को चूमकर, तू सुन ज़मीन गा रही है कब से झूम-झूमकर, तू आ मेरा सिंगार कर, तू आ मुझे हसीन कर! अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन […]
मधुवन कभी न मरता हैपतझड़ लाख करे कोशिश परमधुवन कभी न मरता है ।अपनों से आहत हर प्राणीसपनों में भी डरता है ।।मौन हो गयीं सब शाखाएंपत्तों के गिर जाने पर ।लेकिन उत्सव खूब मनायानई कोपलें आने पर ।।टहनी से पत्तों का गिरनातरु को बहुत अखरता है । पतझड़ लाख———-गहरे सागर की लहरें भीतट का […]
जुगनू का जुनून कुछ भी नहीं कहा सूरज से कुछ भी नहीं सवेरे से । जुगनू स्वयं लड़ा करता है गहन तिमिर के घेरे से ।। जब निशीथ का गहरा तम हो कोई साथ न देता है । तब जुगनू का छोटा फेरा अंधकार हर लेता है ।। राजमहल जब ठुकरा दे तो आशा रैन […]
सरहद पर सैनिक हँस-हँस कर अपने प्राण गंवाते हैं। मरने वाले इस दुनिया में बिना मरे मर जाते हैं ।। शीत ऊष्ण अतिवर्षण में भी कभी नहीं घबराता है । दुश्मन की छाती पर चढ़कर वंदेमातरम गाता है ।। ऐसा जीवन जीने वाले घर-घर आदर पाते हैं । सरहद पर सैनिक———- माँ बेटी भगिनी भार्या […]
!!वे वीर जवान!! वे वीर जवान, जो ठहरे हैं सीमाओं पर, जाड़े में काँप काँप कर लड़ते हैं जो शत्रु से ये, देश की शान, हमारे जवान। वे वीर जवान, चिलचिलाती धूप में, पसीना बहाकर, लड़ते हैं जो मन से ये, दिल मे वतन को रखते जान जैसे। वे वीर जवान, गोलियाँ खाकर भी मजबूत […]
✍ *शरद पूर्णिमा* की रात को *रश्मि* बिखरते चांद को जब मैंने अठखेलियाँ करते देखा तब नयन खो गये नयन में अपने चन्द्र अयन में पता ही नहीं चला कब भोर हो गयी चहक शोर हो गयी आश्विन का दीवानापन हँसते हँसते विदा हो गया कार्तिक को सौंप भार संदेश बीज बो गया जा रहा […]
यह जीवन है अबुझ पहेली हँस-हँस कर सुलझाना । भटक चुके हैं कई बटोही तुम भी भटक न जाना ।। पीड़ा की क्रीड़ा को समझो तभी समझ में आएगा । बिन समझे जो कदम बढ़ाया वह निश्चय पछतायेगा।। बिन सोचे समझे प्रियवर मत तम में तीर चलाना । यह जीवन है————- जग का हर व्यवहार […]
भारत लहू की धार से कभी अपमानित नहीं हुआ , तू-इतिहास पर हमला कर देश को लज्जित किया- जम्मू द्वीपे आर्यवृते के भारत भूखंड पर प्रकृति की गोद में हुआ मानव जन्म प्रकृति की वाणी की पुत्री संस्कृत हुई प्रथम सूर्य की किरण से धरती पवित्र हुई भौतिकवाद की माता बनी भारत आध्यात्मिक धार,गंगा से […]
उठो उठो जवाँ उठो सुधीर कारवाँ उठो हुकाँर के उठो उठो जवाँ उठो जवाँ उठो सुनो पुकार मात की दहाड़ के बढे चलो नदी पड़े फलाँग लो पहाड़ पे चढ़े चलो सुगम्य राह की भला रखो न आश ही कभी कुपंथ पंथ चाह को रखो न पास भी कभी तजो सभी मलाल को विराट हो […]