Categories
कविता

*छुआछूत ऊंचनीच का एक ही इलाज⁉️* *आर्यसमाज आर्यसमाज आर्यसमाज💞*

👨🐅🐫🐓🐍🐁🕊️🌳🌵🌾🧛‍♂️ *छुआछूत ऊंचनीच का एक ही इलाज⁉️* *आर्यसमाज आर्यसमाज आर्यसमाज💞* यदि नही पढ़ा तो पढिये जीवविज्ञान को ; विश्व के सब मनुष्यों की एक प्रजाति है। समान संतान उत्पन्न करने की क्षमता भी, सिद्ध  करती कि हमारी एक ही जाति है। सत्य सनातन वेद की वाणी  मनुष्यों का, वसुंधरा  पर  समान अधिकार बताती है। पर न […]

Categories
कविता

कविता – समस्या

✍ ओ३म् सर्वेभ्यो नमः *समस्या* सबके जीवन में आती हैं, किसी के में कम, किसी के में ज्यादा। कई रोते हैं कम, तो कोई रोते हैं ज्यादा। जो रोते हैं अधिक जिस बात पर, वह तो समस्या ही नहीं थी। पता चला बाद में अम्मा ने, बाबा को एक अंतिम रोटी घी बूरे की शुगर […]

Categories
कविता

सावरकर जी पर कविता : हिमालय सा अटल रहे

आजादी जंग के स्तंभ बम कांड लंदन का प्रथम जंग ।   आजादी के दीवाने बलिदानी हारे नहीं पापियों से जंग में ।। अत्याचार का पहाड़ टूटा धैर्य की बांध नहीं टूटी आप अपने संकल्प पर हिमालय सा अटल रहे ।। आपके बलिदान संघर्ष का इतिहास दुनिया में नहीं , लाखों वर्ष आपको नमन करेंगे […]

Categories
कविता

उल्टा पानी नहीं उलीच

—————————– सच को सच तू कहना सीख सच से अब मत आँखें मींच मत गोदी में उनकी बैठ यदि है सच्चा खबर नबीस नदिया बहती गहरी धार उल्टा पानी नहीं उलीच कुछ नेता हैं बड़े खराब बात चीत में लगें अजीज़ असली राष्ट्र भक्त है जो वही चढ़े हैं यहाँ सलीब अलग बना अपनी पहिचान […]

Categories
कविता

ईद मुबारक

  चाँद उतरता हो जिस आँगन, उसको ईद मनाने दे । अपनी किस्मत में बस रोजा, रोजा रोज निभाने दे । कब तक देख भरी माँगों को, अपना माथा फोडेंगे – चाँद अड़ा है अपनी जिद पर, हमको भी अड़ जाने दे ।। चाँद देखकर ईद मुबारक- तुम भी बोलो मैं भी बोलूँ। वर्षों तक […]

Categories
कविता

बच्चों को खिला पिला बच्चों को भूखी रह जाती : व्रत , पूजन उपवास हुआ करती है मां

ओ३म् ========== -रचयिताः ऋषि भक्त प्रो. सारस्वत मोहन मनीषी, दिल्ली। ========== समूचा आर्यजगत प्रसिद्ध ऋषिभक्त एवं अन्तर्राष्ट्रीय कवि डा. सारस्वत मोहन मनीषी, दिल्ली के नाम व शुभ कार्यों से परिचित है। आपके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आप निरन्तर साहित्य साधना में लगे हुए हैं। आप देश भर में बड़े बड़े कवि सम्मेलनों […]

Categories
कविता

सूर्य पुकार सुनो

सूर्य जगाय रहे जग को उठ रैन गई अब सोवत क्यों? जाग गये सब फूल कली तुम सोकर स्वप्न पिरोवत क्यों? शक्ति अपार भुजा में भरी प्रण आप करो अपने हिय से। काज धरा पर हैं जितने सब आन बने निज निश्चय से।।   प्रात हुआ यहि कारण की निशि के सपने सब पूर्ण करो। […]

Categories
कविता

सोच सको तो सोचो

गिलगित बाल्तिस्तान हमारा है हमको लौटाओ। वरना जबरन ले लेंगे मत रोओ मत चिल्लाओ।। खून सने कातिल कुत्तों से जनता नहीं डरेगी। दे दो वरना तेरी छाती पर ये पाँव धरेगी।। तेरी मेरी जनता कहने की ना कर नादानी। याद करो आका जिन्ना की बातें पुन: पुरानी।। देश बाँटकर जाते जाते उसने यही कहा था- […]

Categories
कविता

सत्यार्थ प्रकाश नवम समुल्लास, 21 वीं कड़ी

महर्षि दयानंद सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश ग्रन्थ को बनाने में कितनी मेहनत की होगी सोचो, उन्होंने प्रश्नोत्तर के माध्यम से सत्य ज्ञान को हम तक पहुंचाने में एक बार अपनी सामान्य बुद्धि की होगी प्रश्न पूछने, तो दूसरी बार सैद्धांतिक बुद्धि से उत्तर दे समझाने का भरपूर प्रयास, अनेकानेक आर्ष ग्रन्थों के प्रमाण व तर्कों […]

Categories
कविता

मेरा वतन है भारत

मेरा वतन है भारत आबोहवा में जिसके जीवन हमारा गुजरा । बाजुओं को जिसकी हमने बनाया झूला ।। गोदी में लोट जिसकी हमने पिया है अमृत । वह देश हमको प्यारा बतलाया नाम भारत ।। मेरा वतन है भारत मेरा वतन है भारत — – – बलिदान देना जिसको हमने है समझा गौरव । जिसके […]

Exit mobile version