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कविता

गणपति विसर्जन

बाल कविता – गणपति विसर्जन प्यारे दादू , प्यारे दादू , जरा मुझको ये समझाओ। क्यों करते है , गणपति पूजा मुझको ये बतलाओ। क्यों विसर्जन करते गणपति,मुझको ये बतलाओ। ये क्या रहस्य है दादू , जरा मुझको ये समझाओ। पास मेरे तुम आओ बाबू , तुमको मैं समझाता हूँ। क्या होता गणपति विसर्जन तुमको […]

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*मजे में हूँ*

*मजे में हूँ* घुटने बोलते हैं लड़खड़ाता हूँ छत पर रेलिंग पकड़कर जाता हूँ दाँत कुछ ढीले हो चले रोटी डुबा कर खाता हूँ वो आते नहीं फोन पर पूछते हैं कि कैसा हूँ ? बड़ी सादगी से कहता हूँ मजे में हूँ…मजे में हूँ…😄 दिखता है सब पर वैसा नहीं दिखता लिखता हूँ सब […]

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शेरनी रानी

बाल कविता – शेरनी रानी शेरनी रानी बड़ी स्यानी, अपनी करती है मनमानी। राजा जी पर हुक्म चलाती, अपनी बात सब मनवाती। राजा शेर जंगल मे गुर्राते, घर पर नजर झुकाकर आते। बीवी का हर हुक्म बजाते, खुश होकर रानी के पैर दबाते। बड़े प्यार से रानी को समझाते, घर की बात बाहर ना जाये, […]

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वृक्ष की व्यथा

वृक्ष की व्यथा वृक्ष हूं रोता हुआ, प्यारी मां की गोद में, एक दिन बोया गया, इस धरा की गोद में। धरा के दुलार से, सूर्य के प्रकाश से, पवन की पुकार से, जल की प्रभाव से। आंखें खुली हर्षा गया, सभी के दुलार से, सांस ली तो दम घुटा, अपने ही संसार में। सोचा […]

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उगता भारत न्यूज़ कविता

‘ नीरज काव्यश्री सम्मान’ से विभूषित हुई वरिष्ठ कवयित्री अनुराधा अच्छवान , यह कवि गोपाल दास ‘नीरज’ की पुण्य स्मृति में दिया गया सम्मान है

योग्य प्रतिभा को सम्मानित हुआ देखकर सम्मान भी हुआ सम्मानित ………………………………………………… अजय आर्य/ नई दिल्ली ………………………………. ……………….. देश की जानी-मानी वरिष्ठ कवयित्री अनुराधा अच्छवान को महाकवि गोपालदास “नीरज” की पुण्य स्मृति में हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए ” नीरज काव्य श्री सम्मान” से सम्मानित किया गया है। गणमान्य लोगों ने उन्हें बधाई दी है। […]

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गंगा

गंगा गंगोत्री से निकली गंगा, सब माता कार्य किये तुमने। हरिद्वार, कानपुर ,कर्णप्रयाग, सब हर्षित खूब किए तुमने।। भारत के सभी हदय-जन का, पावन उद्धार किया तुमने। क्षण आया जब मां सेवा का, हदय आघात किया हमने।। धिक्कार है उन संतानों पर, जिसने मां को आघात किया। निर्मल अविरल आंचल को, धावों का बड़ा आघात […]

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गांधी का इतिहास

गांधी का इतिहास _______________________ माना गांधी ने कष्ट सहे थे, अपनी पूरी निष्ठा से। और भारत प्रख्यात हुआ है, उनकी अमर प्रतिष्ठा से ॥ किन्तु अहिंसा सत्य कभी, अपनों पर ही ठन जाता है। घी और शहद अमृत हैं पर, मिलकर के विष बन जाता है।। अपने सारे निर्णय हम पर, थोप रहे थे गांधी […]

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चलो अयोध्या धाम

चलो अयोध्या धाम चलो अयोध्या धाम, विराजेंगे अपने श्रीराम। कभी राम झुठलाये जाते। नकली चरित बताये जाते। आतंकी बाबर के सम्मुख- मनगढ़ंत कहलाये जाते।। कैसी भी हो रात, किन्तु होती है सुबह ललाम। वंशज बहुधा जीते – हारे। अनुयायी के वारे – न्यारे। रक्तपात के छद्म खेल में – रामभक्त तन मन धन वारे।। हुआ […]

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परमब्रह्म में ही है वास्तविक गुरु

✍ *गुरुर्ब्रह्मा: गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वरः।* *गुरुर्साक्षात् परमब्रह्म: तस्मै श्री गुरुवे नमः।।* प्यारे भाइयो बहिनों आज हम आपको एक ऐसे विषय से अवगत कराने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कम लोग इस श्लोक का अर्थ सटीक जानते हैं। आपने देखा होगा शादी विवाह आदि के निमंत्रण पत्र पर भी यह श्लोक सबसे ऊपर लिखा […]

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वचन पर्व राखी

थाल सजाकर बहन कह रही,आज बँधा लो राखी। इस राखी में छुपी हुई है, अरमानों की साखी।। चंदन, रोली, अक्षत, मिसरी, आकुल कच्चे-धागे। अगर नहीं आए तो समझो, हम हैं बहुत अभागे।। क्या सरहद से एक दिवस की,छुट्टी ना मिल पायी? अथवा कोई और वजह है, मुझे बता दो भाई ? अब आँखों को चैन […]

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