प्रो. संजय द्विवेदी (लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में प्रोफेसर और कुलसचिव हैं) कभी भी नायक उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ते। देश की विशाल आबादी जो अपने संकटों के कारण अब महानगरों से पलायन कर रही है। उसकी उम्मीदें टूट रही हैं और वह किसी भी हाल में अपने गांव या […]
श्रेणी: व्यक्तित्व
ओ३म् =========== परमात्मा की सृष्टि में अनेक अनादि, नित्य व शाश्वत् आत्मायें जन्म लेती हैं। अधिकांश ऐसी होती हैं जो जन्म लेती हैं और मर जाती हैं। लोग उन्हें जानते तक नहीं। इनका जीवन अपने सुख व समृद्धि में ही व्यतीत होता है। इसके विपरीत कुछ आत्मायें ऐसी भी होती हैं जो मनुष्य जन्म लेकर […]
5 अप्रैल को कार्ल मार्क्स का जन्मदिन बनाया गया। अनेक कम्युनिस्ट धर्म को अफीम कह रहे थे। इस लेख से जानिए कि क्या धर्म अफीम है? नहीं। तो फिर अफीम क्या है?-डॉ विवेक आर्यकार्ल मार्क्स के वचन पढ़िए1.) Religion is the opium of the masses अर्थात रिलिजन लोगों का अफीम है !2.) The first requisite […]
क्रान्तदर्शी होना कवि का स्वाभाविक गुण है , उसकी प्रकृति है , उसे नैसर्गिक रूप से मिला हुआ एक वरदान है । कहने का अभिप्राय है कि क्रांतदर्शिता के अभाव में कोई व्यक्ति कवि नहीं हो सकता । जैसे विधाता की रचना और सृष्टा की सृष्टि का होना तभी संभव है , जब रचना और […]
◆ व्यक्ति विशेष : स्व. अनवर शेख ———————————————————- २१ अक्तुबर १९९५ के दिन लाहौर (पाकिस्तान) से प्रकाशित दैनिक वर्तमानपत्र “सदाकत” की हेड-लाईन थी, “All Pakistani clergy demand extradition of the accursed renegade Anwar Shaikh from Britain to hang him publicly.” अर्थात् “पाकिस्तान के सभी मुल्ला-मौलवी ब्रिटेन से धर्मद्रोही अनवर शेख के प्रत्यार्पण की मांग करते […]
डॉ. सी0पी0 सिंह कसाना ग्रेनो*”जननी जने तो भक्तजन या दाता या शूर” “नहीं तो जननी बांज भली काहे गवाया नूर” वाली सूक्ति को चरितार्थ करते हुए —!!!भामाशाह महा दानी, दानवीर कर्ण की उपाधि से सुशोभित ,कर्म योद्धा, शिक्षाविद ,संघर्षशील, सहनशीलता की मिसाल, उत्कृष्ट प्रतिभा के धनी—!!!! युगपुरुष ,लोहपुरुष ,गुर्जर रतन ,जैसी उपाधियां भी जिनके आगे […]
-स्मृति के झरोखे से- “स्वामी श्रद्धानन्द जी की पुत्र-वधु और पं. इन्द्र वाचस्पति जी की धर्मपत्नी माता चन्द्रावती जी” लेखिकाः दीप्ति रोहतगी, बरेली। ————– निवेदनः श्रीमती दीप्ति रोहतगी, बरेली वेदभाष्यकार प्रवर विद्वान आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार जी की दौहित्री हैं। वह बचपन में अपने नाना आचार्य जी के साथ प्रायः गुरुकुल में ही रहा करती […]
ओ३म् ============= आज चैत्र कृष्णा 14, 2076 विक्रमी को माता श्रीमती प्रकाशवती जी की 38 वी पुण्य तिथि है। उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये हम कुछ पंक्तियां लिख रहे हैं। माता जी का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है। वैदिक विद्वान डा. आचार्य रामनाथ वेदालंकार जी से आर्यसमाज की पुरानी पीढ़ी के स्वाध्यायशील लोग प्रायः […]
करांची में हुए मुस्लिम लीग के अधिवेशन में ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के चौदहवें समुल्लास को इस्लाम के विरुद्ध बताते हुए जब्त करने का प्रस्ताव पास किया गया |सिंध के मंत्रिमंडल ने जब ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के चौदहवें समुल्लास को हटा देने की घोषणा की , तो देश भर में ऋषि दयानंद के शिष्यों के बीच क्षोभ की […]
– कार्तिक अय्यरजो लोग बुद्ध जी के नाम पर ब्राह्मणों को कोसते हैं,वे यह भी देख लें कि बुद्ध स्वयं को ही ब्राह्मण मानते थे! इसके बाद भला वे अंबेडररवादी किस बात का विरोध करेंगे? हम भिक्षु धर्मरक्षित के सुत्तनिपात हिंदी अनुवाद का उद्धरण दे रहे हैं। पाठकगण,अवलोकन करें-१- ऋषिसत्तम ब्राह्मणवंगीश ने कहा-एस सुत्वा पसीदामि, […]