[हमारी शिक्षा और व्यवस्था, आलेख – 17] ——————— बुद्ध के कथनों का बुद्ध के पश्चात क्या हुआ? उन पथों की ओर दृष्टि डालना आवश्यक हो जाता है जिसपर भगवान के महापरिनिर्वाण के पश्चात बुद्धानुयाई चलते रहे। उन चार बौद्ध सभाओं के निष्कर्षों पर हमें दृष्टिपात करना चाहिये जिसने बौद्ध धर्म की परिपाटी बनायी। पहली बौद्ध […]
श्रेणी: व्यक्तित्व
ओ३म् ============ माना जाता है कि देश 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेज़ों की दासता से मुक्त हुआ था। तथ्य यह है कि सृष्टि के आरम्भ से पूरे विश्व पर आर्यों का चक्रवर्ती राज्य रहा। आर्यों वा उनके पूर्वजों ने ही समस्त विश्व को बसाया है। सभी देशों के आदि पूर्वज आर्यावर्तीय आर्यों की ही सन्तानें […]
अमर सिंह के बारे में कुछ पुरानी यादें सीताराम अग्रवाल : राज्यसभा सांसद अमर सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। लम्बी बीमारी के बाद आज (1 अगस्त 2020) सिंगापुर के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। किसी जमाने में मुलायम सिंह यादव के बाद सपा में सबसे कद्दावर नेता, महानायक अमिताभ बच्चन को गर्दिश […]
शंकर शरण मनु बेन की डायरी दिखाती है कि भोली मनु के सिवा सभी लड़कियाँ और स्त्रियाँ महात्मा गाँधी के साथ सोने, नहाने, आदि परिचर्या को उन की निजी सेवा के रूप में लेती थीं। उन के बीच आपसी ईर्ष्या-द्वेष, कलह, दुराव, धमकियाँ, गाँधीजी से किसी विशेष लड़की को दूर करने, उस के बदले स्वयं […]
ओ३म् =========== हमने कल वयोवृद्ध आर्यविद्वान पं. इन्द्रजित् देव, यमुनानगर से बातचीत की। उनसे महात्मा चैतन्य स्वामी जी के विषय में बातें हुईं। पंडित जी सन् 1965 से सन् 1969 तक चार वर्ष अपने सरकारी सेवाकाल में हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिले के सुन्दरनगर स्थान पर रहे। इन्हीं दिनों लगभग 18 वर्ष के किशोर भगवान […]
अजेंद्र अजय “अपने विरुद्ध आक्रोश को देखते हुए कुर्सी के मोह में अंधी हो चुकी इंदिरा गांधी ने ऐसा कदम उठाया, जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की हो। 25-26 जून, 1975 की दरम्यानी रात को इंदिरा गांधी ने देश को आपातकाल के मुंह में धकेल दिया।” वर्ष 1975 में आज के ही दिन सत्ता […]
◆ प्राकृतिक रंगों के साथ सोने का भी किया गया प्रयोग ……………………………………………….. राकेश छोकर / नई दिल्ली ………………………………………………… कोरोनावायरस जनित वैश्विक आपदा के दौरान विश्व भर में राष्ट्र की छवि को मजबूत और अनूठी पहचान प्रदान करने वाले चर्चित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख्यातियों का सम्राट कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। उनकी कर्मशीलता के […]
महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने देश में वैदिक धर्म के सत्यस्वरूप को प्रस्तुत कर उसका प्रचार किया था। उनके समय में धर्म का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। न कोई धर्म को जानता था न अधर्म को। धर्म पालन से लाभ तथा अधर्म से होने वाली हानियों का भी मनुष्यों को ज्ञान नहीं था। ईश्वर का […]
फील्डमार्शल के. एम. करियप्पा भारतीय सेना को नेतृत्व प्रदान करने की बात आती है तो कोडांदेरा मदप्पा करियप्पा का नाम सबसे पहले लिया जाता है। वो भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ थे। उनको ‘किपर’ के नाम से भी पुकारा जाता है। कहा जाता है कि जब वो फतेहगढ़ में तैनात थे तो एक […]
अजीत डोभाल एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम है , जिसने भारत के जिस प्रधानमंत्री के साथ भी काम किया उसी का उन्होंने दिल जीत लिया । पूर्णतया देश भक्ति का प्रतीक बन चुके अजीत डोभाल बिल्कुल पीछे रहकर और बिना किसी बड़ाई की इच्छा रखे देश के लिए काम करते हैं । उनका यह गुण […]