Categories
इतिहास के पन्नों से

मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 1 (क) रावल बप्पा (काल भोज)

रावल बप्पा (काल भोज) भारत के क्रांतिकारी और रोमांचकारी स्वाधीनता संग्राम को अपने बाहुबल और बुद्धि बल से सुशोभित करने वाले बप्पा रावल हम सबके लिए प्रातःस्मरणीय हैं। उन्होंने समकालीन इतिहास को नई दिशा और नई ऊंचाई प्रदान की। जिस समय विदेशी आक्रमणकारियों के लुटेरे दल गिद्धों की भांति भारत भूमि पर उतर रहे थे, उस […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

आचार्य कौटिल्य (चाणक्य) ,की अंतर्देशीय गुप्तचर व्यवस्था*|

आचार्य कौटिल्य ने राष्ट्र की अंदरूनी व्यवस्था के लिए आंतरिक गुप्तचर व्यवस्था को बहुत जरूरी बताया है| आचार्य कौटिल्य की मान्यता यह है कि किसी राष्ट्र को शत्रु देश के साथ-साथ उस देश की आंतरिक नागरिक वर्ग से भी खतरा होता है…| ऐसे नागरिकों को उन्होंने राष्ट्र कंटक से उच्चारित किया है.. जो राष्ट्र के […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

क्या आप जानते हैं ? लोहडी पंजाबी हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है ?

लोहड़ी का पर्व एक राजपूत योद्धा दुल्ला भट्टी कि याद में पुरे पंजाब और उत्तर भारत में मनाया जाता है , लोहड़ी की शुरुआत के बारे में मान्यता है कि यह राजपूत शासक दुल्ला भट्टी द्वारा गरीब कन्याओं सुन्दरी और मुंदरी की शादी करवाने के कारण शुरू हुआ है. दरअसल दुल्ला भट्टी पंजाबी आन का […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महमूद गजनवी और पाकिस्तान

-पुरुषोत्तम [पाकिस्तान ने अपनी मिसाइल का परीक्षण किया। इस मिसाइल का नामकरण पाकिस्तान ने गजनवी किया हैं। महमूद गजनवी आक्रमणकारी था जिसने भारत के जिस भूभाग पर सर्वप्रथम आक्रमण किया था वह भाग आज पाकिस्तान का भाग हैं। आज जो पाकिस्तान के मुसलमान है कभी उन्हीं के हिन्दू पूर्वजों को गजनवी ने अपनी तलवार के […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-14)-अश्मक महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो *अश्मक अथवा अस्सक महाजनपद पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक था। *नर्मदा और गोदावरी नदियों के बीच अवस्थित इस प्रदेश की राजधानी ‘पाटन’ थी। *आधुनिक काल में इस प्रदेश को महाराष्ट्र कहते हैं। *दक्षिण भारत में स्थित यह एकमात्र जनपद था। *पुराणों के अनुसार इस महाजनपद के शासक इक्ष्वाकु वंश के थे। […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

आइये जाने भारत के राष्ट्रवादी ओजस्वी पुरुष भीमराव आंबेडकर के बारे में

जिन्हें आज बामसेफी/बहुजन/नमो बुधाय/जय भीम वालो ने इतना निचे गिरा दिया है की ये नाम अब स्वर्ण हिन्दू के लिए हिन्दू धर्म के लिए नफरत पैदा करता है आज इनकी छवि समाज में इतनी गिरा दी गयी है जैसे भारत में इन्होने ने ही हिन्दुओ का बटवारा किया। बाबा शाहब ने कुछ गलतिया जरुर की […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

गांधी की कर्मस्थली से नहीं मिट रहा छुआछूत और भेदभाव

रूबी सरकार भोपाल, मप्र मप्र के जिस हरदा जिले से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1933 में समाज से छुआछूत मिटाने का संकल्प लिया था, वहां आजादी के 75 साल बाद भी अनुसूचित जाति व जनजाति समुदाय के साथ भेदभाव व उंच-नीच को लेकर अत्याचार और अन्याय हो रहे हैं. इसकी शिकार अक्सर महिलाएं ज्यादा होती […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-14)-अश्मक महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो *अश्मक अथवा अस्सक महाजनपद पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक था। *नर्मदा और गोदावरी नदियों के बीच अवस्थित इस प्रदेश की राजधानी ‘पाटन’ थी। *आधुनिक काल में इस प्रदेश को महाराष्ट्र कहते हैं। *दक्षिण भारत में स्थित यह एकमात्र जनपद था। *पुराणों के अनुसार इस महाजनपद के शासक इक्ष्वाकु वंश के थे। […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा : लेखकीय निवेदन, भाग – 2

रानी पद्मिनी का जौहर ऊपर यह स्पष्ट कर चुके हैं कि मेवाड़ में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण जौहर राणा रतनसिंह के शासनकाल में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय 1303 ई0 में रानी पद्मिनी के नेेतृत्व में किया गया । अलाउद्दीन ने उस समय रानी पद्मिनी को प्राप्त करने के अनेक यत्न किए थे। परंतु अनेक प्रयत्नों के उपरांत भी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-13)-मत्स्य महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो मत्स्य महाजनपद- *मत्स्य 16 महाजनपदों में से एक है। *इसमें राजस्थान के अलवर, भरतपुर तथा जयपुर ज़िले के क्षेत्र शामिल थे। *महाभारत काल का एक प्रसिद्ध जनपद जिसकी स्थिति अलवर-जयपुर के परिवर्ती प्रदेश में मानी गई है। *इस देश में विराट का राज था तथा वहाँ की राजधानी उपप्लव नामक नगर में […]

Exit mobile version