Categories
इतिहास के पन्नों से

महर्षि वेद व्यास जन्म कथा*

: भाग-१ डॉ डी के गर्ग हमारे अधिकांश महापुरुष ऋषियों और विदुषी महिलाओं पर आक्षेप जिस तरह से लगाए गए है और पौराणिक समाज उसी गप्प के आधार का अनुसरण करता रहा है ,ये अति दुःख का विषय है और निंदनीय है। उदहारण के लिए -कारण का जन्म सूर्य से हुआ ,द्रौपति के लिए अन्य […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

…..तो क्या इतिहास मिट जाने दें ? अध्याय 3 ख, क्या कहते हैं संविधान में दिए गए चित्र?

पुष्पक विमान में सवार राम, लक्ष्मण और सीता जी श्रीराम हमारी राष्ट्र साधना के प्रतीक पुरुष हैं । वह मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं। उन्होंने अपने जीवन काल में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने का सर्वोत्तम कार्य किया था। अनेक राक्षसों का वध कर सारे संसार को ‘आर्यों का परिवार’ बनाने में अपना महत्वपूर्ण […]

Categories
आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

नादिरशाह का दिल्ली नरसंहार

. मार्च 1739 20- 22 मार्च सन 1739 का वह दिन दुनिया के इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज है, जब नादिर शाह ने अपने फारसी सैनिकों को दिल्ली में कत्लेआम का हुक्म दिया और इतिहास गवाह है कि अकेले उस एक दिन में दिल्ली में 20-30 हजार लोगों का कत्ल हुआ। सूरज उगने के […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

…….तो क्या इतिहास मिट जाने दें, अध्याय 2 , दतिया और श्रीनगर के बारे में

आजकल के दतिया( मध्य प्रदेश) को कभी अधिराज के नाम से जाना जाता था। विकिपीडिया के अनुसार ‘दतिया नगर को 16 वीं सदी में बुन्देलखण्ड के प्रतापी बुन्देला राजा वीर सिंह जू देव ने बसाया था। ग्वालियर के निकट उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित दतिया मध्य प्रदेश का लोकप्रिय तीर्थस्थल है। पहले यह मध्यप्रेदश राज्य में देशी रियासत थी पर […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

मालाबार में मोपला हिंसा और गाँधी जी

#डॉविवेकआर्य मोपला के इतिहास से जुड़ी पुस्तकें मंगवाने के लिए 7015591564 पर वट्सएप द्वारा सम्पर्क करें देश के इतिहास में सन् 1921 में केरल के मालाबार में एक गांव में मोपलाओं ने हिन्दू जनता पर अमानवीय क्रूर हिंसा की थी। इस घटना पर देशभक्त जीवित शहीद वीर सावरकर जी ने ‘मोपला’ नाम का प्रसिद्ध उपन्यास […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महाभारत की प्रमुख पात्र गांधारी*-*सत्य की खोज*

डॉ डी के गर्ग “ रामायण और महाभारत के प्रति भ्रांतिया;; से साभार भाग-१ गांधारी महाभारत की एक प्रमुख पात्र है,गांधारी गांधार राज्य के राजा सुबल की पुत्री और शकुनि की छोटी बहन थी। आज अफगानिस्तान का जो कंधार है,वही पुराने समय मे गांधार प्रदेश कहलाता था।गांधारी अद्वीतिय सुंदरी थी इसी कारण भीष्म ने धृतराष्ट्र […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

जब मुहम्मद ने कबूला कि मैं रसूलल्लाह नहीं !

हमने पिछले लेख में बताया कि इस्लाम के कलमा के दो हिस्से है , उसका दूसरा भाग ” मुहम्मदुर्रसूलल्लाह ” है इसका अर्थ है मुहम्मद अल्लाह का रसूल “आज सारी दुनिया के लोग जान चुके हैं कि इस दो टुकड़ों से बने कलमा के कारण जबसे इस्लाम बना मुस्लमान तब से आज तक अत्याचार ,आतंक […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

भारत की स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने, भाग 3

बृहदेश्वर मंदिर, तंजौर, तमिलनाडु भारत के इतिहास में चोल राजाओं का विशेष और महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने भारतीय संस्कृति को दूर-दूर तक फैलाने का बहुत ही प्रशंसनीय कार्य किया है। भारतीय संस्कृति के प्रति अपने लगाव का प्रदर्शन करते हुए 1002 ईस्वी में राजाराज चोल द्वारा तमिलनाडु के तंजावुर स्थित प्रदेश और मंदिर को बनवाया […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों आक्रान्ताओं द्वारा परिवर्तित किए गए धर्म स्थल

डा. राधेश्याम द्विवेदी (यह सूची एक विद्धान श्री सीताराम गोयल की एक प्रारम्भिक रिपोर्ट “LIST OF MOSQUES IN VARIOUS STATES WHICH WERE BUILT AFTER DEMOLISHING THE HINDU TEMPLES” BY Sita Ram Goel / https:skanda 987 .files .wordpress.com के आधार पर तैयार की गयी है। ) इस सूची में उन स्थलों के नाम का उल्लेख किया […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

भारत की स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने, भाग 1

क़ुतुबमीनार : हिंदू स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना 1974 में ‘वराह मिहिर स्मृति ग्रंथ’ के संपादक श्री केदारनाथ प्रभाकर ने इस स्तम्भ के बारे में विशेष तथ्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस स्तम्भ का निर्माण मेरु पर्वत की आकृति के आधार पर किया गया है। जिस प्रकार मेरु पर्वत का स्वरूप ऊपर की […]

Exit mobile version