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इतिहास के पन्नों से

क्या मनु महाराज और आदम एक है?*

क्या मनु महाराज और आदम एक है?
– आर्य मिलन ‘अवत्सार’

मदनी के अनुसार मनु और आदम एक है। जो ब्रह्मा आदि से पूर्व हुए है। आइए इनके बारे में थोड़ा जानते है।

  1. मनु कोई एक मानव का नाम नहीं, ये उपाधि है। हर काल खंड मनु हुए है। जबकि यवन मान्यता के अनुसार प्रथम मानव का नाम आदम है।
  2. मनु से पूर्व भी मनुष्य थे। पर यवन मान्यता के अनुसार आदम से पूर्व कोई मानव नही था।

  3. मनु द्वारा लिखित धर्म शास्त्र (मानव धर्म शास्त्र aka मनुस्मृति) आज भी उपलब्ध है। आदम के ग्रंथ का कोई अता पता नही है।

  4. मनु पर ईश्वरीय ज्ञान का प्रकाश नही हुआ, उनसे कही वर्ष पूर्व आदि सृष्टि में अग्नि, वायु, अंगिरा, आदित्य पर वेद का प्रकाश हुआ, जो की आज भी उपलब्ध है। आदम पर उतरने वाले ग्रंथ का कोई अता पता नही है।

  5. मनु प्रथम संविधान निर्माता व अपने समय के राजा है। आदम कोन है ये कोई नही जानता।

  6. मनु आदि ऋषियों के अनुसार वेद ही ईश्वरीय ज्ञान हैं, जो पूर्ण है। पर आदम को प्राप्त हवाई ज्ञान अधूरा है, और ये हर काल खण्ड में बदलता रहता है।

  7. मनु ने स्वगोत्र विवाह निषेध किया है। आदम के बच्चों ने आपस में ही शादी कर ली थी।

  8. मनु वर्ण व्यवस्था के समर्थक थे। आदम को पता भी नही था की ये किस चिड़िया का नाम है।

  9. ब्रह्मा से लेकर राम, कृष्ण व महर्षि दयानंद सरस्वती तक सब मनु को जानते थे सबके प्रमाण उपलब्ध है। अर्थात् एक करोड़ वर्ष से अधिक का बृहद इतिहासिक व ग्रंथ प्रमाण उपलब्ध है। आदम को कुरान(1400 वर्ष) , उससे पूर्व बाइबल(2000 वर्ष, उससे पूर्व यहूदी मत ग्रंथ तोराह, तल्मूड और हगदाह (3000 वर्ष) तक के ही प्रमाण उपल्ब्ध है। उससे पहले आदम कोन था ये कोई नही जानता।

  10. मनु वैदिक पथ पर चलते थे, ईश्वर की आज्ञा(वेद) को मानते थे। यवन मान्यता के अनुसार आदम अरबी खुदा की आज्ञा का पालन ना करने के कारण सजा के तौर पर कैदी की तरह पृथ्वी पर भेजे गए। मनु पर ऐसा कोई दोष नही है।

विस्तारभय के कारण “क्या मनु महाराज और आदम एक है?” इस लघु लेख को हम यही विराम देते है, नही तो ऐसे हजारों प्रमाण और लिखे जा सकते है। मदनी ने ईश्वर और अल्लाह को भी एक कहा है। वैदिक मान्यता के अनुसार ईश्वर पूर्ण व सर्वव्यापक है किंतु अरबी खुदा कभी 3रे आसमान पर दरबार लगाता है, कुछ वर्षो बाद 7 वे आसमान पर दरबार लगाता है। ज्ञान भी किस्तों में देता है। और बार सुधार करके देता है। ये अल्पज होने की निशानी है , ना की पूर्ण ईश्वर होने की। इस्लाम के पास अपना कुछ नही है, सब इधर उधर की किताबो से नकल करके बनाया है। ताकि अपने अनुयायियों को बता सकें की हम पूर्व में भी थे। पर पुरे विश्व को पता है की मोहम्मद को भी अपनी आधी आयु होने तक भी ये पता नही था की इस्लाम क्या है। इति।
साभार ……💐💐💐💐

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