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इतिहास के पन्नों से

छत्रपति शिवाजी महाराज का राजा जय सिंह के नाम पत्र

पत्र जो बांह फडका दे ! वीरवर छत्रपति शिवाजी की पुण्य तिथि 4 अप्रैल पर शत शत नमन औरंगजेब छत्रपति शिवाजी महाराज से इतना आतंकित था कि शायस्ता खान और अफजल खान के असफल हो जाने के बाद उसने आगरे के महाराज जय सिंह जिनके नाम पर जयपुर बसा है को बरगलाकर तैयार कर लिया […]

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इतिहास के पन्नों से

……तो क्या इतिहास मिट जाने दें , अध्याय 9, विषकन्या लेडी माउंटबेटन और नेहरू

1947 में जब देश का विभाजन हुआ तो उस समय विभाजन की पीड़ा को झेलते हुए 10 लाख लोग मरे या 20 लाख लोग मरे ? यह आंकड़ा कभी स्पष्ट नहीं किया गया। इतिहास के सही आंकड़ों को दबा दिया गया। जिन लोगों ने मुस्लिम सांप्रदायिकता को सही दृष्टिकोण से नहीं समझा, उन लोगों की […]

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*द्रौपदी की जन्म कथा*

डॉ डी के गर्ग गप्प कथा लिखने वालो ने सीता माता,द्रौपदी ,हनुमान ,और भी हमारे अनेको महापुरुष है जिनके जन्म को लेकर दुष्प्रचार किया गया। कथाकारों ने लिख दिया की द्रौपदी गर्भ से नहीं यज्ञ कुंड से उत्पन्न हुई। पौराणिक कथा क्या है ?द्रौपदी के जन्म से जुडी पौराणिक कहानी अवश्य ही समझनी होगी, जो […]

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रणदीप की “स्वातंत्र्य वीर सावरकर” में उजागर हुआ इतिहास का सच

लोकेन्द्र सिंह राजपूत – लोकेंद्र सिंह (लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक हैं।) स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर रणदीप हुड्डा ने बेहतरीन फिल्म बनाई है। सच कहूं तो यह फिल्म से कहीं अधिक है। सिनेमा का पर्दा जब रोशन होता है तो आपको इतिहास के उस हिस्से में ले जाता है, जिसको […]

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भारतीय इतिहास के विकृतिकरण के ज्वलंत उदाहरण

#झूठे इतिहास को तुरंत पढ़ना बंद करना चाहिए कांग्रेस के 65 साल के अनुशाशन में, यह पढ़ाया जा रहा है हमारे बच्चों को ! 01. वैदिक काल में विशिष्ट अतिथियों के लिए गोमांस परोसा जाना सम्मान सूचक माना जाता था। (कक्षा 6-प्राचीन भारत, पृष्ठ 35, लेखिका-रोमिला थापर) 02. महमूद गजनवी ने मूर्तियों को तोड़ा, इससे […]

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वीर शिरोमणि मराठा शूर शिवाजी की 344 वें महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष आलेख

आज के महाराष्ट्र में नागपुर व उसके आसपास के क्षेत्र के राजा गुर्जर जाति के थे जो शिवाजी के वंशज थे। शिवाजी का गोत्र बैंसला था। जिसको आज बहुत से साथियों ने बिगाड़ करके बंसल कहने का प्रयास किया हैं। आप मैं से बहुत से लोग इस ऐतिहासिक तथ्य को पढ़कर गर्व की अनुभूति होगी […]

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*महाभारत की प्रमुख पात्र द्रौपदी की वास्तविक कथा* :

डॉ डी के गर्ग इस विषय से सम्बंधित पांच भाग है , कृपया जरूर पड़े ,विचार करे और कथाकारों की गप्प कथा से दूर रहे । भाग-१ द्रोपदी महाभारत की एक आदर्श पात्र है। लेकिन द्रोपदी जैसी विदुषी नारी के साथ हमने बहुत अन्याय किया है। सुनी सुनाई बातों के आधार पर हमने उस पर […]

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अब यह मिथक टूटना ही चाहिए कि देश को आजादी बिना खडग और बिना ढाल के ही मिल गई थी

भारत के इतिहास का सबसे बड़ा झूठ यह है कि आज की नई पीढ़ी को यह पढ़ाया जा रहा है कि देश को आजादी केवल गांधीवादी आंदोलन के कारण मिली। लहजें में गाने लिखवाये गये,”देदी हमे आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल,साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल। जबकि ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में दक्षिण अफ़्रीका […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

क्रान्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा के पत्र की बानगी

प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ, डॉ० विवेक आर्य (30 मार्च को श्याम जी का देहांत हुआ था।) यह कौन जानता था कि ४ अक्टूबर १८५७ को कच्छ रियासत के माण्डवी ग्राम के भंसाली परिवार में जन्मे श्यामजी कृष्ण वर्मा, १८५७ के संग्राम के बाद के पहले ऐसे क्रान्तिकारी बनेंगे जो बाद की पीढ़ी के लिए प्रेरणा के […]

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भारतीय इतिहास के महानायक गुरु तेग बहादुर

गुरु तेग़ बहादुर सिक्खों के नौवें गुरु थे। विश्व के इतिहास में धर्म एवं सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में इनका अद्वितीय स्थान है। तेग़ बहादुर जी के बलिदान से हिंदुओं व हिन्दू धर्म की रक्षा हुई। हिन्दू धर्म के लोग भी उन्हें याद करते और उनसे संबंधित कार्यक्रमों में […]

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