जिस समय देश आजादी की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा था और देश का विभाजन अंग्रेज लगभग निश्चित करते जा रहे थे , उसी समय पाकिस्तान के विकल्प के रूप में गांधीजी ने एक अनोखा प्रस्ताव रखा । सार रूप में उन्होंने वायसराय को बताया कि —- ” आप वर्तमान मंत्रिमंडल को भंग कर […]
Category: इतिहास के पन्नों से
द्रोपदी महाभारत की एक आदर्श पात्र है। लेकिन द्रोपदी जैसी विदुषी नारी के साथ हमने बहुत अन्याय किया है। सुनी सुनाई बातों के आधार पर हमने उस पर कई ऐसे लांछन लगाये हैं , जिससे वह अत्यंत पथभ्रष्ट और धर्म भ्रष्ट नारी सिद्घ होती है। एक ओर धर्मराज युधिष्ठर जैसा परमज्ञानी उसका पति है, जिसके […]
सरदार पटेल ने हैदराबाद में मुस्लिम सांप्रदायिकता और भावनात्मक ब्लैकमेलिंग के सामने झुकने से इनकार कर दिया था । हैदराबाद को सरदार पटेल सैनिक कार्यवाही से अपने अधीन लाने में सफल भी रहे थे । उनके इस निर्णय से पंडित नेहरू सहमत नहीं थे । नेहरू को डर था कि सरदार पटेल की कठोरता कहीं […]
आज ” विजयी विश्व तिरंगा प्यारा – – – – ” गीत के रचयिता श्यामलाल गुप्त पार्षद जी की 127 वीं जयंती के अवसर पर उस आदर्श अध्यापक , आदर्श पत्रकार , आदर्श रचनाकार , महान स्वतंत्रता सेनानी , 1969 में पदमश्री प्राप्त करने वाले और मां भारती के सच्चे सपूत को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि। […]
आजादी से पहले हैदराबाद फ्रांस के बराबर क्षेत्रफल और आबादी वाली एक छोटी सी रियासत थी । इसका क्षेत्रफल 82 313 वर्ग मील और आबादी लगभग सवा दो करोड़ की थी। इस राज्य की 89% जनसंख्या हिंदू थी । कासिम रिजवी रजाकार मुसलमानों की जमात का अगुआ था और रियासत का नवाब निजाम पर भारी […]
लेखकीय निवेदन कूड़ेदान में कागज या और दूसरी अनुपयोगी वस्तुओं को फेंकना तो हर देश में और हर समाज में देखा जाता है , परंतु अपने क्रांतिकारियों को उठाकर इतिहास के कूड़ेदान में फेंकने का काम केवल भारत में ही होता है। ऐसा नहीं है कि अपने क्रांतिकारियों को इतिहास के कूड़ेदान में फेंकने का […]
5 दिसंबर सन 1900 को पुराने गया जनपद के अंतर्गत औरंगाबाद के खरान्टी गांव में एक बालक ने जन्म लिया । पिता दामोदर प्रसाद ने बच्चे का नाम श्याम रखा । यह बालक जब कुछ बड़ा हुआ तो क्रांतिकारी आंदोलनों के प्रति आकर्षित होने लगा। इसका कारण यह था कि उनके पिता दामोदर प्रसाद पुलिस […]
मित्रो ! आज का दिन बहुत ऐतिहासिक दिन है । 19 अगस्त 1666 को शिवाजी महाराज औरंगजेब जैसे अत्याचारी शासक की आगरा जेल से निकलकर भागने में सफल हुए थे और उसके पश्चात उन्होंने हिंदवी स्वराज्य का सपना देख कर भारत में हिंदू राज्य स्थापित करने की दिशा में महान कार्य किया था । महाराष्ट्र […]
जब सुभाष के मार्गदर्शक बने वीर सावरकर जब क्रांतिवीर सावरकर ने 26 फरवरी 1966 को अपना नाशवान शरीर त्यागा तो उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा था-‘‘सावरकर जी की मृत्यु से विद्यमान भारत के एक महान व्यक्ति को हमने खो दिया।’’ बात स्पष्ट है कि इंदिराजी की दृष्टि में […]
इतिहास में कोई भी घटना अपने समकालीन इतिहास को अवश्य प्रभावित करती है । यदि उस घटना के समकालीन घटना चक्र पर दृष्टिपात किया जाए तो पता चलता है कि एक घटना दूसरी को और दूसरी घटना तीसरी को प्रभावित करके चली जाती है । इससे एक घटना का प्रभाव बहुत आगे तक भी पड़ना […]