प्रवीण गुगनानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रथम सरसंघचालक से लेकर अब तक के सभी यानि छहों संघ प्रमुखों के साथ जिन्होंने न केवल कार्य किया हो अपितु जीवंत संपर्क व तादात्म्य भी रखा हो ऐसे स्वयंसेवक संभवतः दो-पाँच भी नहीं होंगे। आदरणीय माधव गोविंद वैद्य ऐसे ही सौभाग्यशाली स्वयंसेवक थे। उनके देहांत पर अपने […]
Category: इतिहास के पन्नों से
सापेक्षता का सिद्धांत और भारतीय मनीषि… हम न्यूटन को जानते हैं, स्वामी ज्येष्ठदेव को नहीं.. 👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻ये दो लेख एकसाथ संग्रहित कर रहा हूँ, भारतीय मनीषी नामक शीर्षक से.. भारतीय मनीषी =============== विश्व भर में कुछ वर्ष पहले अल्बर्ट आइंस्टीन की General Theory of Relativity (GTR) की सौंवी वर्षगांठ मनाई गई. इस सन्दर्भ में 25 नवम्बर […]
कुमार गंधर्व मिश्रा ( लेखक गणित के शोधार्थी हैं) ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि सभ्यताओं के विकास और विस्तार में गणित ने भी अमूर्त रूप से भूमिका निभाई है, वास्तव में किसी सभ्यता के विकास का अंदाजा वहां पर पनपी गणितीय संस्कृति से भी लगाया जा सकता है। लगभग 3000 ई. पू. की सिंधु […]
“दिल्ली के बादशाह नवाब नजीबुद्दौला के दरबार में एक सुखपाल नाम का ब्राह्मण काम करता था। एक दिन उसकी लड़की अपने पिता को खाना देने महल में चली गयी। मुग़ल बादशाह उसके रूप पर मोहित हो गया। और ब्राह्मण से अपनी लड़की कि शादी उससे करने को कहा और बदले में उसको जागीरदार बनाने […]
असहयोग आंदोलन वापस लेने के साथ ही गाँधीजी ने 200 लोगों को अंग्रेजों के हाथों क्रूर मौत के लिए छोड़ दिया था। फिर उन्हें बचाने के लिए एक ऐसा व्यक्ति सामने आया, जिसने वकालत कब की छोड़ दी थी। चौरी चौरा कांड के बारे में सभी को पढ़ाया जाता है। ये जगह गोरखपुर में देवरिया […]
प्रस्तुति:- राकेश कुमार आर्य (बागपत) एक बार राजा परीक्षित आखेट हेतु वन में गये। वन्य पशुओं के पीछे दौडऩे के कारण वे प्यास से व्याकुल हो गये तथा जलाशय की खोज में इधर उधर घूमते घूमते वे शमीक ऋषि के आश्रम में पहुँच गये। वहाँ पर शमीक ऋषि नेत्र बंद किये हुये तथा शान्तभाव […]
जन्नत में मर्दों को तो हूरें मिल जाती हैं, औरतों को क्या मिलता है? परमादरणीय जनाब-ए-आला स्कॉलर श्री जाकिर नाइक साहब, इस्लाम और दुनिया के तमाम धर्मों के बारे में आपके ज्ञान को देखकर चकित हूँ, लेकिन […]
यथार्थ गीता के संबंध में श्रीमद्भगवद्गीता को यथार्थ मानव शास्त्र प्रतिपादित करते हुए स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज का कथन है-“श्री कृष्ण जिस स्तर की बात करते हैं, क्रमशः चल कर उसी स्तर पर खड़ा होने वाला कोई महापुरुष अक्षरशः बता सकेगा कि श्री कृष्ण ने जिस समय गीता का उपदेश दिया था, उस समय उनके […]
24 दिसम्बर/जन्म-दिवस आज जैसा कटा-फटा भारत हमें दिखाई देता है, किसी समय वह ऐसा नहीं था। तब हिमालय के नीचे का सारा भाग भारत ही कहलाता था; पर मुस्लिम आक्रमण और धर्मान्तरण के कारण इनमें से पूर्व और पश्चिम के अनेक भाग भारत से कट गये। अफगानिस्तान से लगे ऐसे ही एक भाग पख्तूनिस्तान […]
देश के इतिहास में जिन शासकों ने साम्प्रदायिकता के आधार पर ने बड़े – बड़े नरसंहार किए लूटपाट हत्या ,डकैती, बलात्कार और इन जैसे अनेकों जघन्य अपराध किए , वे सारे के सारे मानवता के हत्यारे गांधीजी और गांधीवादियों की दृष्टि में बहुत ही दयालु, उदार, सहिष्णु और मानवता के पुजारी कहे जाते हैं […]