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इतिहास के पन्नों से

गोवंश की रक्षा हेतु महान आंदोलन

7 नवम्बर/इतिहास-स्मृति   स्वतन्त्र भारत के इतिहास में 7 नवम्बर, 1966 का दिन बड़ा महत्वपूर्ण है। इस दिन राजधानी दिल्ली में संसद भवन के सामने गोवंश की रक्षा की माँग करते हुए 10 लाख से अधिक गोभक्त एकत्र हुए थे। इतना बड़ा प्रदर्शन भारत तो क्या, शायद विश्व के इतिहास में कभी नहीं हुआ था; […]

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इतिहास के पन्नों से

मनुस्मृति और नारी जाति

  डॉ विवेक आर्य इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र दिनांक 27 अक्टूबर, 2020 दिल्ली संस्करण में शहरी नक्सली कविता कृष्णन का अंग्रेजी में लेख प्रकाशित हुआ जिसका शीर्षक है “One cannot be a feminist in India if you are not fighting the Manusmriti” . इन स्वयंभू सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जीवन में कभी मनुस्मृति को पढ़ा तक […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया, अध्याय 14 ( 1) गांधीजी और हिंदू मुस्लिम एकता

  गांधीजी और हिंदू मुस्लिम एकता 8 सितम्बर 1920 को ‘यंग इंडिया’ में गांधी जी ने देश के हिन्दू – मुस्लिमों के बीच एकता और भाईचारे को बलवती करने हेतु तीन नारों पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘अल्लाह हो अकबर’, ‘भारत माता की जय’ और ‘हिन्दू-मुसलमान की जय’ – इन तीन नारों […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

हिन्दी में विज्ञान लेखक प्रोफेसर महेश चरण सिन्हा

6 नवम्बर/जन्म-दिवस हिन्दी में सर्वप्रथम विज्ञान संबंधी लेख एवं पुस्तकें लिखने वाले प्रो. महेश चरण सिन्हा का जन्म छह नवम्बर, 1882 को लखनऊ (उ.प्र.) में हुआ था। लखनऊ के बाद उन्होंने प्रयाग से बी.ए. और कानून की शिक्षा पाई। एक बार जापान के सिन्धी सेठ आसूमल द्वारा जापान में तकनीकी शिक्षा पाने वाले भारतीय छात्रों […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत की अनसुनी कहानियां, भाग- 2

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ महाभारत की ही एक दूसरी अनसुनी कहानी “व्याध गीता” की कहानी है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो ये कहानी बहुत ज्यादा “अनसुनी” भी नहीं कही जानी चाहिए क्योंकि इस कहानी का जिक्र स्वामी विवेकानन्द ने विस्तार से किया है। अगर विवेकानन्द समग्र ना भी पढ़ा हो तो स्वामी विवेकानन्द के “कर्म योग” की […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया, अध्याय — 13 (2)

गांधी जी का धर्म और उनकी मान्यताएं वास्तव में गांधीजी का हिन्दू और हिन्दू दर्शन से कोई संबंध नहीं था । उनका धर्म वह था जिसे वह स्वयं अपने लिए उचित मानते थे । उनकी नैतिकता , उनकी आध्यात्मिकता , उनकी ईश्वरभक्ति भी अपनी मान्यताओं , अपनी धारणाओं ,अपनी सोच और अपनी परिभाषा से तय […]

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इतिहास के पन्नों से

गांधी और गांधीवादियों का दोगला चरित्र : जब मुस्लिम बने अब्दुल्ला अर्थात गांधी के बेटे हरिलाल ने अपनी ही बेटी मनु का किया था यौन शोषण

  सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट घूम रहा है, किसी ने हमें चेक करने के लिए भेजा तो ये न्यूज क्लिपिंग मिली है…इस वायरल को गंभीरता से देखने पर महात्मा गाँधी की तुष्टिकरण नीति के साथ-साथ दोगली नीति भी उजागर हो रही है। ये वायरल पोस्ट राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बड़े बेटे हरिलाल से संबंधित है। […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत की अनसुनी कहानियां ,भाग – 1

~~~~~ अक्सर जब महाभारत की अनसुनी कहानियों की बात होती है तो कर्ण का जिक्र छिड़ जाता है। कर्ण की कहानी को आधार मानकर “कलयुग” और “राजनीति” जैसी हिन्दी फ़िल्में तो बनी ही हैं, दक्षिणी भारत में भी “थलपति” (दलपति) जैसी फ़िल्में जाने-माने निर्देशकों ने रजनीकांत जैसे कलाकारों को लेकर बनाई हैं। साहित्य में “रश्मिरथी” […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत के अंतिम हिंदू सम्राट महाराजा रणजीत सिंह

2 नवम्बर/जन्म-दिवस   अठारहवीं शती के पंजाब में सिखों की शुकरचकिया मिसल (छोटी रियासत) के उत्तराधिकारी के रूप में दो नवम्बर 1780 को गुजराँवाला मे जन्मे रणजीत सिंह ने अपने शौर्य, पराक्रम, सूझबूझ और कूटनीति से सिख राज्य की सीमाएँ अटक, पेशावर, काबुल और जमरूद तक पहुँचा दी थीं। रणजीत सिंह के पिता का नाम […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

दूर दूर तक फैली थी आर्य संस्कृति

  भारत में पश्चिम की ओर सबसे प्रथम अफरीदी काबुली और बलूची देश आते हैं । इन देशों में इस्लाम के प्रचार के पूर्व आर्य ही निवास करते थे । यहीं पर गांधार था। गांधार को इस समय कंधार कहते हैं। जिसका अपभ्रंश कंदार और खंदार भी है। इसी के पास राजा गजसिंह का बसाया […]

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