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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत के वैदिक गणित की यात्रा को शब्दों से भी समझा जा सकता है

  सुद्युम्न आचार्य शब्दों में भी अनेक प्रकार के परिवर्तन होते रहते हैं। ये शब्द समाज की वाणी से मुखरित होकर कालक्रमानुसार अनेक प्रकार के रूप धारण करते रहते हैं। कभी तो इनकी ध्वनियों में बदलाव हो जाता है। यह बदलाव इतना अधिक होता है कि वह समूचा शब्द नया रूप धारण कर लेता है। […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

सृष्टि के सभी रहस्यों से पूर्णतया परिचित थे हमारे भारतीय पूर्वज

  डॉ. ओमप्रकाश पांडे (लेखक अंतरिक्षविज्ञानी हैं।) सृष्टि विज्ञान के दो पहलू हैं। पहला पहलू है कि सृष्टि क्या है? आधुनिक विज्ञान यह मानता है कि आज से 13.7 अरब वर्ष पहले बिग बैंग यानी कि महाविस्फोट हुआ था। उसके बाद जब भौतिकी की रचना हुई, अर्थात्, पदार्थ में लंबाई, चौड़ाई और गोलाई आई, वहाँ […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया, अध्याय 18 – ( 2 ) कांग्रेस इस्लाम को मानती रही है शांति का धर्म

  इस्लाम को मानती है कांग्रेस शांति का धर्म कांग्रेस ने भारतवर्ष में करोड़ों लोगों के विरुद्ध अमानवीय अत्याचार करने वाले इस्लाम को प्रारम्भ से ही प्रगतिशील , उदार और ‘भाईचारे’ का प्रतीक मानकर शांति का ध्वजवाहक माना है , जबकि हिन्दू धर्म या वैदिक धर्म को इसने रूढ़िवादी माना है । ‘शांति का संदेश […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या हमें अपने इतिहास की परतंत्रता का बोध है ?

  विवेक आर्य आज स्वतंत्रा भारत होते हुए भी भारतीय इतिहासकार मूलत विदेषी इतिहासकारों और मुग़लों के वेतनभोगी इतिहास लेखकों का अनुसरण करते दीखते हैं। उदित होती मराठा शक्ति और परास्त होती मुग़ल ताकत को मुस्लिम वेतन भोगी लेखक कैसे सहन कर सकते थे? मुग़लों के टुकड़ों पर पलने वालों के लिए तो हिन्दू मराठा […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

हिंदूमय रहा है अरब का अतीत

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 हिन्दू गौरव अभियान :- ————————– सऊदी अरब पर एक शोध- इन गुफ़ाओं के बारे में आपको जानकारी दी जाएं,इससे पहले सऊदी अरब की जानकारी आपको देनी जरूरी है जिससे हमारे तथ्य आपके विश्वास की कसौटी पर भी खरा उतरें; ●सऊदी अरब का नाम मात्र #अरब है,सऊदी नाम तो राजा का नाम था, अतः वही […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया अध्याय , 18 – (1 ) गांधीवादी कांग्रेस के काले कारनामे

  गांधीवादी कांग्रेस के काले कारनामे 1885 में कॉन्ग्रेस का जन्म हिन्दू विरोध और राष्ट्रविरोध की भावना से प्रेरित होकर किया गया था। ए0ओ0 ह्यूम नाम के एक अंग्रेज ईसाई द्वारा जब इस संगठन की स्थापना की गई थी तो इसने प्रारम्भ से ही हिन्दू विरोधी और राष्ट्रविरोधी नीति का अनुसरण किया । दुर्भाग्य से […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश

तिब्बत कभी भी नहीं रहा चीन का एक हिस्सा

  भारत की सीमा तिब्बत से लगती है न की चीन से। तिब्बत प्राचीन भारतीय संस्कृति, धर्म और सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र रहा है। चीन ने सन्न 1951 में इस पर कब्जा कर अपने नियंत्रण में ले लिया था तभी से तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने भारत में शरण ले रखी है। तिब्बत के […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया, अध्याय – 17 ( 3 ) सर सैयद अहमद खान का चिंतन

सर सैयद अहमद खान का चिन्तन सर सैयद को अक्सर उदारवादी और हिन्दू मुस्लिम एकता के पक्षधर के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। 1867से 1887 तक के बीच सर सैय्यद अक्सर कहा करते थे कि हिन्दू और मुस्लिम वधू की दो आँखों की तरह हैं। पहले वे हिन्दू और मुस्लिमों को दो कौमें बताते […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

प्राचीन काल में अरब वालों का धर्म क्या था?

  येरुश्लम ( ईज़राईल ) जिसको अरबी में “बैत् अल मुकद्दस” यानी कि पवित्र स्थान बोला जाता है । ईसाई, यहूदी और मुसलमान इसे पवित्र स्थान मानते हैं । जिसमें एक ८ लाख दिनार का एक पुस्तकालय है जो कि तुर्की के गवर्नर ने सुल्तान अब्दुल हमीद के नाम पर बनवाया था । # इस […]

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आओ कुछ जाने इतिहास के पन्नों से

क्या रावण को भी आर्य माना जा सकता है ?

  डॉ. विवेक आर्य पंजाब में स्वयं को वाल्मीकि कहने वाले कुछ लोगों ने रावण की पूजा करना आरम्भ किया है। ये लोग अपने आपको अब द्रविड़ और अनार्य कहना पसंद करते है। इन्होंने अपने नाम के आगे दैत्य, दानव, अछूत और राक्षस जैसे उपनाम भी लगाना आरम्भ किया हैं। ये लोग स्वयं को हिन्दू […]

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