Categories
इतिहास के पन्नों से

लहराया गया था जब पेशावर पर भगवा

14 मार्च/बलिदान-दिवस पेशावर पर भगवा लहराया पेशावर पर बलपूर्वक कब्जा कर अफगानी अजीम खाँ की सेनाएँ नौशेहरा मैदान तक आ चुकी थीं। यह सुनकर महाराजा रणजीत सिंह ने हरिसिंह नलवा एवं दीवान कृपाराम के नेतृत्व में उनका मुकाबला करने को स्वराजी सैनिकों के जत्थे खैराबाद भेज दिये। महाराजा के साथ बाबा फूलासिंह अटक नदी के […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

शुद्धि का एक विस्मृत विवरण

#डॉविवेकआर्य आधुनिक काल में हिन्दू समाज में विधर्मी हो चुके अनेक हिन्दुओं की शुद्धि अर्थात घर वापसी के प्रमाण मिलते हैं। ऐसा एक एक विस्मृत प्रमाण मराठी इतिहासकार गोविन्द सखाराम सरदेसाई द्वारा रचित मराठी इतिहास पुस्तक “ब्रिटिश रियासत” में मिलता हैं। गोवा में ईसाई मिशनरियों ने संत नामधारी फ्रांसिस ज़ेवियर के निर्देशन में पुर्तगाली राज […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

डांडी यात्रा और स्वामी दयानंद

#डॉविवेकआर्य आज 12 मार्च को डांडी यात्रा के 90 वर्ष पूर्ण होते है। डांडी यात्रा के माध्यम से गांधी जी ने अग्रेजों द्वारा बनाए गए नमक कानून को तोड़कर उनकी सत्ता को चुनौती दी थी। बहुत कम लोग जानते है कि गाँधी जी के प्रयासों से लगभग अर्ध शताब्दी पहले स्वामी दयानन्द ने अंग्रेजों द्वारा […]

Categories
इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना, अध्याय – 7 (4 ) क्या होते हैं सांप्रदायिक दंगे ?

क्या होते हैं साम्प्रदायिक दंगे ? वास्तव में दंगे किसी सम्प्रदाय विशेष की साम्प्रदायिक सोच के विरुद्ध भड़की हुई हिंसा होती है। जिसे कोई एक वर्ग जब सहन करने से इंकार कर देता है तो क्रोध बेलगाम होकर बाहर आ जाता है ।ऐसा ही हम आज भी देखते हैं। मेरठ जैसे जिन शहरों में रह-रहकर […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

संपूर्ण भारत खंड कैसे और कब खंड खंड हो गया ?

अनिरुद्ध जोशी सन् 1947 में भारत का विभाजन जो हुआ उसे ‘स्वतंत्रता दिवस’ कहना थोड़ा अटपटा ही लगता है। ढूंढना चाहिए कि यह कौन से नंबर का विभाजन था। 24वां या 25वां विभाजन? दरअसल अंग्रेजों, फ्रांसीसियों, पुर्तगालियों और मुगलों द्वारा इससे पहले किए गए ‘भारत विभाजन’ को लोग भूलते गए। 1947 के पहले किए गए […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

चंद्रशेखर आजाद के परम मित्र क्रांतिकारी भगवानदास माहौर

12 मार्च/पुण्य-तिथि देश की स्वतन्त्रता के लिए अपना सर्वस्व दाँव पर लगाने वाले डा. भगवानदास माहौर का जन्म 27 फरवरी, 1909 को ग्राम बडौनी (दतिया, मध्य प्रदेश) में हआ था। प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में पूरी कर ये झाँसी आ गये। यहाँ चन्द्रशेखर आजाद के सम्पर्क में आकर 17 वर्ष की अवस्था में ही इन्होंने क्रान्तिपथ […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

अमर बलिदानी छत्रपति संभाजी

11 मार्च/बलिदान-दिवस भारत में हिन्दू धर्म की रक्षार्थ अनेक वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। छत्रपति शिवाजी के बड़े पुत्र सम्भाजी भी इस मणिमाला के एक गौरवपूर्ण मोती हैं। उनका जन्म 14 मई, 1657 को मां सोयराबाई की कोख से हुआ था। तीन अपै्रल, 1680 को शिवाजी के देहान्त के बाद सम्भाजी ने […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महापुरुषों के चित्र की पूजा और उन्हें भगवान बनाने की हिंदुओं की प्रवृत्ति पर हेडगेवार जी के विचार

हमने महापुरुषों को ईश्वर बनाकर उनके साथ जो अन्याय किया है और अपने राष्ट्रीय आदर्शों को खोकर आप ही अपने पैरों जिस प्रकार कुल्हाड़ी मार ली है, इसको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष सर संघचालक डॉ हेडगेवार जी ने अपनी ”विचारधारा” में बड़े खेद के साथ व्यक्त किया है। उस संदर्भ का कुछ अंश हम […]

Categories
इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना ,अध्याय – 7 (3 ) जब राजपूत योद्धाओं की कर दी गई थी हत्या

राजपूत योद्धाओं की कर दी थी हत्या अकबर की चित्तौड़ विजय के विषय में अबुल फजल ने लिखा था- ”अकबर के आदेशानुसार प्रथम 8000 राजपूत योद्धाओं को बंदी बना लिया गया, और बाद में उनका वध कर दिया गया।” ‘प्रात:काल से दोपहर तक अन्य 40000 किसानों का भी वध कर दिया गया , जिनमें 3000 […]

Categories
इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

राम का वन गमन से पूर्व अपने पिता दशरथ और माता से प्रशंसनीय संवाद

ओ३म् ========== मर्यादा पुरुषोत्तम राम को हमारे पौराणिक बन्धु ईश्वर मानकर उनकी मूर्तियों की पूजा करते वा उनको सिर नवाने के साथ यत्र तत्र समय-समय पर राम चरित मानस का पाठ भी आयोजित किया जाता है। वाल्मीकि रामायण ही राम के जीवन पर आद्य महाकाव्य एवं इतिहास होने के कारण प्रामाणिक ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ […]

Exit mobile version